भारतीय विरासत और संस्कृति
सेन्गोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा
- 25 May 2023
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प्रिलिम्स के लिये:सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना, संसद, सेन्गोल, चोल साम्राज्य, भारत का गवर्नर-जनरल, केंद्रीय बजट 2022-23 मेन्स के लिये:सेन्गोल का ऐतिहासिक महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, जो सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है।
- इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण लोकसभा अध्यक्ष की सीट के समीप ऐतिहासिक स्वर्ण राजदंड “सेन्गोल” की स्थापना होगा, जिसे सेन्गोल कहा जाता है।
- सेन्गोल भारत की स्वतंत्रता और संप्रभुता के साथ-साथ इसकी सांस्कृतिक विरासत और विविधता का प्रतीक है।
सेन्गोल की ऐतिहासिक प्रासंगिकता:
- सेन्गोल, तमिल शब्द "सेम्मई" से लिया गया है, इसका अर्थ है "नीतिपरायणता"। इसका निर्माण स्वर्ण या चांदी से किया जाता था तथा इसे कीमती पत्थरों से सजाया जाता था।
- सेन्गोल जो कि राजसत्ता का प्रतीक था, औपचारिक समारोहों के अवसर पर सम्राटों द्वारा ले जाया जाता था जो कि उनकी राजसत्ता का प्रतिनिधित्व करता था।
- यह दक्षिण भारत में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले और सबसे प्रभावशाली राजवंशों में से एक चोल राजवंश से जुड़ा है।
- चोलों ने 9वीं से 13वीं शताब्दी तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा तथा श्रीलंका के कुछ हिस्सों पर शासन किया।
- चोल राजवंश को इनके सैन्य कौशल, समुद्री व्यापार, प्रशासनिक दक्षता, सांस्कृतिक संरक्षण और मंदिर वास्तुकला के लिये जाना जाता है।
- चोलों में उत्तराधिकार और वैधता के निशान के रूप में एक राजा से दूसरे राजा को सेन्गोल राजदंड सौंपने की परंपरा थी।
- समारोह आमतौर पर एक पुजारी या एक गुरु द्वारा किया जाता था जो नए राजा को आशीर्वाद देता था और उसे सेन्गोल से सम्मानित करता था।
भारत की आज़ादी के हिस्से के रूप में सेन्गोल:
- वर्ष 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से एक प्रश्न किया: "ब्रिटिश से भारतीय हाथों में सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में किस समारोह का पालन किया जाना चाहिये?"
- प्रधानमंत्री नेहरू ने तब सी. राजगोपालाचारी से परामर्श किया जिन्हें आमतौर पर राजाजी के नाम से जाना जाता था जो भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल बने।
- राजाजी ने सुझाव दिया कि सेन्गोल राजदंड सौंपने के चोल मॉडल को भारत की स्वतंत्रता के लिये एक उपयुक्त समारोह के रूप में अपनाया जा सकता है।
- उन्होंने कहा कि यह भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के साथ-साथ विविधता में एकता को भी दर्शाएगा।
- 14 अगस्त, 1947 को थिरुवदुथुराई अधीनम (500 वर्ष पुराना शैव मठ) द्वारा प्रधानमंत्री नेहरू को सेन्गोल राजदंड भेंट किया गया था।
- प्रधानमंत्री नेहरू ने तब सी. राजगोपालाचारी से परामर्श किया जिन्हें आमतौर पर राजाजी के नाम से जाना जाता था जो भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल बने।
- मद्रास (अब चेन्नई) के एक प्रसिद्ध जौहरी वुम्मीदी बंगारू चेट्टी द्वारा एक सुनहरा राजदंड तैयार किया गया था।
- नंदी की "न्याय" के दर्शक के रूप में अपनी अदम्य दृष्टि के साथ शीर्ष पर हाथ से नक्काशी की गई है।
सेन्गोल अभी कहाँ है और इसे नए संसद भवन में क्यों लगाया जा रहा है?
- वर्ष 1947 में सेन्गोल राजदंड प्राप्त करने के बाद नेहरू ने इसे कुछ समय के लिये दिल्ली में अपने आवास पर रखा।
- इसके बाद उन्होंने अपने पैतृक घर आनंद भवन संग्रहालय इलाहाबाद (अब प्रयागराज) को दान करने का निर्णय लिया।
- संग्रहालय की स्थापना उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने वर्ष 1930 में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास और विरासत को संरक्षित करने के लिये की थी।
- सेन्गोल राजदंड सात दशकों से अधिक समय तक आनंद भवन संग्रहालय में रहा।
- इसके बाद उन्होंने अपने पैतृक घर आनंद भवन संग्रहालय इलाहाबाद (अब प्रयागराज) को दान करने का निर्णय लिया।
- वर्ष 2021-22 में जब सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना चल रही थी, तब सरकार ने इस ऐतिहासिक घटना को पुनर्जीवित करने और नए संसद भवन में सेन्गोल राजदंड स्थापित करने का निर्णय लिया।
- इसे नए संसद भवन में स्पीकर की सीट के पास रखा जाएगा और इसके साथ एक पट्टिका होगी जो इसके इतिहास और अर्थ को बताएगी।
- नए संसद भवन में सेन्गोल की स्थापना सिर्फ एक सांकेतिक प्रतीक ही नहीं बल्कि एक सार्थक संदेश भी है।
- यह दर्शाता है कि भारत का लोकतंत्र अपनी प्राचीन परंपराओं एवं मान्यताओं में निहित है तथा यह समावेशी है और इसकी विविधता एवं बहुलता का सम्मान करता है।
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना:
- सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना एक ऐसी परियोजना है जिसका उद्देश्य रायसीना हिल, नई दिल्ली के निकट स्थित भारत के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र सेंट्रल विस्टा का पुनरुद्धार करना है।
- यह क्षेत्र मूल रूप से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान सर एडविन लुटियंस तथा सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिज़ाइन किया गया और स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा बनाए रखा गया था।
- केंद्रीय बजट 2022-23 में संसद के साथ-साथ भारत के सर्वोच्च न्यायालय सहित महत्त्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के गैर-आवासीय कार्यालय भवनों के निर्माण के लिये आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को 2,600 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी।