भारत का दूसरा मल्टी-मॉडल टर्मिनल | 13 Sep 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने गंगा नदी पर पर बने भारत के दूसरे मल्टी-मॉडल टर्मिनल (Multi-Modal Terminal) का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु:
- यह भारत का दूसरा और झारखंड का पहला मल्टी-मॉडल टर्मिनल है।
- दूसरे मल्टी-मॉडल टर्मिनल का निर्माण विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त जल मार्ग विकास परियोजना (Jal Marg Vikas Project-JMVP) के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (यानी गंगा नदी) पर किया जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि भारत के पहले मल्टी-मॉडल टर्मिनल का निर्माण वाराणसी में गंगा नदी पर किया गया था।
- दूसरे मल्टी-मॉडल टर्मिनल का निर्माण लगभग 290 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है।
- साहिबगंज स्थित मल्टी-मॉडल टर्मिनल झारखंड एवं बिहार के उद्योगों को वैश्विक बाज़ार के लिये खोलेगा, साथ ही जलमार्ग के ज़रिये भारत-नेपाल कार्गो कनेक्टिविटी को भी सुलभ बनाएगा।
- इस टर्मिनल के ज़रिये कोयले के अलावा स्टोन चिप्स (Stone Chips), उर्वरकों, सीमेंट और चीनी की भी ढुलाई किये जाने की आशा है।
- यह मल्टी-मॉडल टर्मिनल लगभग 600 लोगों के लिये प्रत्यक्ष रोज़गार और तकरीबन 3000 लोगों के लिये अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित करेगा।
- इस टर्मिनल की क्षमता सालाना 30 लाख टन है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public Private Partnership-PPP) मोड के तहत दूसरे चरण में इसकी क्षमता को बढ़कर सालाना 54.8 लाख टन कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय जलमार्ग-1
(National Waterway-1)
- इलाहाबाद से हल्दिया तक गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1 घोषित किया गया है।
- NW-1 उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के औद्योगिक इलाकों और उनके प्रमुख शहरों से होकर गुजरता है।