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भारतीय अर्थव्यवस्था

सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों के लिए प्रकटीकरण मानदंड हुए सख्त

  • 28 May 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड-सेबी (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों (Listed Debt Securities) में निवेशकों के हित को सुरक्षित रखने हेतु ऐसी प्रतिभूतियों को जारी करने वाली संस्थाओं के लिये प्रकटीकरण मानदंडों (Disclosure Norms) को सख्त कर दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • सेबी ने डिबेंचर न्यासियों (Debenture Trustee) को अपनी वेबसाइट पर ग्राहकों के साथ क्षतिपूर्ति की प्रकृति का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है। इन खुलासों में न्यूनतम शुल्क और शुल्क को निर्धारित करने वाले कारकों के बारे में जानकारी देना भी शामिल है।
  • डिबेंचर न्यासियों को एक वित्त वर्ष के दौरान सभी निर्गमों के संबंध में डिबेंचर धारकों पर ब्याज या परिपक्वता अवधि पूरी होने पर देय राशि का विवरण अपनी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। यह विवरण वित्त वर्ष चालू होने के पाँच दिन के भीतर ही वेबसाइट पर उपलब्ध कराना होगा। साथ ही डिबेंचर न्यासियों को पूरे वित्त वर्ष के दौरान प्रबंधित नए निर्गम के बारे में भी सारा विवरण निर्गम बंद होने के पाँच दिन के भीतर उपलब्ध कराना आवश्यक है।
  • सेबी के अनुसार, निजी नियोजन वाले निर्गम के संबंध में भुगतान और सूचीबद्धता में चूक से जुड़ी जानकारियाँ जारीकर्त्ता और निवेशक के बीच हुए समझौते में शामिल होनी चाहिये।
  • निर्धारित तिथि पर ब्याज और परिपक्वता अवधि पर देय राशि के भुगतान में चूक की स्थिति में जारीकर्त्ता कंपनी को निर्धारित ब्याज दर (Coupon Rate) पर कम-से-कम 2% का अतिरिक्त ब्याज देना होगा। इसी प्रकार, आवंटन की तारीख से 20 दिनों से अधिक की देरी के साथ बॉण्ड को सूचीबद्ध करने पर जारीकर्त्ता कंपनी को ब्याज दर पर कम-से-कम एक प्रतिशत अतिरिक्त वार्षिक ब्याज निवेशक को देना होगा।

ऋणपत्र (Debenture)

  • ‘ऋणपत्र’ (Debenture) शब्द लैटिन भाषा के ‘डिबेयर’ शब्द से बना है जिसका तात्पर्य कर्ज़ लेने से है। “ऋण पत्र एक लिखित विपत्र है जो कंपनी की सामान्य मोहर के अंतर्गत एक ऋण का अभिज्ञान कराता है।” इसमें एक विशिष्ट अवधि के बाद या एक मध्यावधि पर या कंपनी के एक विकल्प पर परिशोधन और एक स्थिर दर पर ब्याज चुकौती (जोकि समान्यतः अर्द्धवार्षिक या वार्षिक तिथि पर देय होता है) के लिये एक अनुबंध समाहित होता है।

डिबेंचर न्यासी या ट्रस्टी  (Debenture Trustee)

  • डिबेंचर न्यासी या ट्रस्टी एक व्यक्ति या इकाई है कि जो कि अन्य पक्ष के लाभ के लिये डिबेंचर स्टॉक को अपने पास रखने का काम करता है। कंपनियों को डिबेंचर निर्गम के लिये डिबेंचर न्यासी या ट्रस्टी नियुक्त करना आवश्यक है। बैंक या वित्तीय कंपनियाँ न्यासी/ट्रस्टी के रूप में कार्य कर सकती हैं। जब कोई कंपनी पूंजी जुटाना चाहती है तो इस उद्देश्य को पूरा करने का एक तरीका यह है कि कर्ज़ चुकाने के दायित्व के साथ एक विशिष्ट ब्याज दर पर ऋण के रूप में स्टॉक जारी किया जाए। ट्रस्टी, ऋणपत्र/डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी तथा ब्याज भुगतान प्राप्त करने वाले डिबेंचर धारक के बीच एक संपर्क के रूप में कार्य करता है।
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