नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

पॉली डाइकेटोनेमाइन या PDK प्लास्टिक

  • 11 May 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने एक नए प्रकार का प्लास्टिक तैयार किया है जिसका पूर्ण रूप से पुनर्चक्रण किया जा सकेगा। गौरतलब है कि इसे पॉली (डाइकेटोनेमाइन)/(Poly Diketoenamine) या PDK नाम दिया गया है। 

प्रमुख बिंदु

  • पत्रिका ‘नेचर केमिस्ट्री’ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्लास्टिक बनाया है जिसके बार-बार पुनर्चक्रण के पश्चात् भी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आएगी।
  • शोधकर्त्ताओं का मानना है कि पॉली (डाइकेटोनेमाइन)/(Poly Diketoenamine) या PDK प्लास्टिक को सान्द्र अम्लीय विलयन में डुबोकर उसे बुनियादी घटकों में पूरी तरह से तोड़ा जा सकता है।

Poly Diketoenamine

  • अम्ल एकलक को एडिटिव्स से अलग करता है जो प्लास्टिक को एक विशिष्ट आकार देता हैं।

एकलक

  • एकलक (मोनोमर) ऐसा कार्बनिक यौगिक होता है जो बहुलकीकरण (पॉलीमराइजेसन) के माध्यम से बहुलक (पॉलीमर) बनता है।
  • उदाहरण- पाइथिलीन, टेफ्लान, पालीविनाइल क्लोराइड।
  • वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए उक्त प्लास्टिक के एकलकों को पुनः उपयोग के लिये प्राप्त किया जा सकता है या किसी अन्य उत्पाद को बनाने हेतु पुनर्चक्रित किया जा सकता है।
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्लास्टिक वर्तमान में उपयोग में लाए जा रहे प्लास्टिक का विकल्प बन सकता है।
  • पारंपरिक प्लास्टिक में आमतौर पर अपरिवर्तनीय रासायनिक बंधन होते हैं, जबकि पॉली (डाइकेटोनेमाइन)/(Poly Diketoenamine) या PDK में ऐसे परिवर्तनीय रासायनिक बंधन होते हैं जो प्लास्टिक को अधिक प्रभावी ढंग से पुनर्चक्रित करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

plastic waste

  • पॉली (डाइकेटोनेमाइन)/(Poly Diketoenamine) या PDK प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से जूझ रही दुनिया के लिये काफी मददगार साबित हो सकता है।
  • वर्तमान में विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 300 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है।

स्रोत- टाइम्स ऑफ इंडिया

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow