मेथनॉल निर्माण में वैज्ञानिकों की नई उपलब्धि | 11 Sep 2017

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा मेथनॉल (Methanol) के निर्माण का एक नया तरीका खोजा गया है। मेथनॉल का इस्तेमाल वाहनों में ईंधन के रूप में किया जाता है। वैज्ञानिकों द्वारा हवा में ऑक्सीजन का उपयोग करते हुए एक ऐसी तकनीक का निर्माण किया गया है, जिसका प्रयोग हरित औद्योगिक प्रक्रियाओं (Greener Industrial Processes) के संबंध में किया जा सकता है।

मेथनॉल का निर्माण कैसे किया जाता है?

  • ध्यातव्य है कि सर्वप्रथम मीथेन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen Peroxide) के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया शुरू करने के लिये सोने के नैनो-कणों का उपयोग कर मेथनॉल का निर्माण किया गया था।
  • इसके लिये 50 डिग्री सेल्सियस (122 डिग्री फारेनहाइट) से अधिक तापमान की आवश्यकता नहीं होती है।

इस खोज का महत्त्व

  • इसे पेट्रोल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इस संबंध में ऐसा माना जा रहा है कि मेथनॉल बनाने की इस नई प्रणाली का इस्तेमाल रसायनों और प्लास्टिक बनाने के लिये भी किया जा सकता है।
  • यह न केवल लागत में बहुत सस्ता है, बल्कि इसके पेट्रोल की अपेक्षा पर्यावरण के अनुकूल होने का भी वादा किया जा रहा है।
  • वर्तमान में मीथेन को सर्वप्रथम तरल प्राकृतिक गैस (Liquid Natural Gas) के रुप में संघनित किया जाता है, तत्पश्चात् इसे दबाव वाले कंटेनरों (Pressurised Containers) में भरा जाता है।
  • इस नई खोज ने इस संबंध में एक नए मार्ग को प्रशस्त किया है। वह स्थान जहाँ इसे सबसे पहले खोजा जाता है, वहीं पर प्राकृतिक गैस को मेथनॉल में परिवर्तित करते हुए सामान्य वायुमंडलीय स्थितियों में इसे तरल रूप में पाइप में भरा जा सकता है। 

पृष्ठभूमि

परंपरागत रूप से उच्च तापमान पर मीथेन को हाइड्रोजन गैस एवं कार्बन मोनोऑक्साइड के रूप में परिवर्तित करके मेथनॉल का निर्माण किया जाता है। इसके पश्चात् इन सभी को दूसरी अत्यधिक दबाव वाली प्रक्रिया में एक अलग क्रम में पुन: संयोजित किया जाता है। इस अत्यधिक ऊर्जा गहन (Energy Intensive) एवं महँगी प्रक्रिया को 'स्ट्रीम रिफॉर्मिंग' (Steam Reforming) प्रक्रिया तथा ‘मेथनॉल सिंथेसिस’ (Methanol Synthesis) प्रक्रिया कहा जाता है।