सतनामी विद्रोह | 10 Oct 2019
प्रीलिम्स के लिये:
सतनामी कौन थे?
मेन्स के लिये:
विद्रोह क्यों हुआ था, इसके परिणाम और महत्त्व
संदर्भ
1672 ई. में किसानों और मुगलों के बीच मथुरा के निकट नारनौल नामक स्थान पर एक युद्ध हुआ जिसका नेतृत्व सतनामी नामक एक धार्मिक संप्रदाय ने किया था।
कौन थे सतनामी?
- सतनामी संप्रदाय की स्थापना "बीरभान" नामक एक संत ने नारनौल में 1657 में की थी।
- सतनामी अधिकतर किसान, दस्तकार तथा नीची जाति के लोग थे।
- सत्य एवं ईश्वर में विश्वास रखने के कारण वे अपने को सतनामी पुकारते थे।
- सतनामियों को एकेश्वरवादी संप्रदाय कहा गया है।
- इनके धार्मिक ग्रंथ को पोथी कहा जाता था।
- सतनामी अपने संपूर्ण शरीर के बालों को मूँड़कर रखते थे। इसी कारण उन्हें मुंडिया भी कहा जाता था।
विद्रोह के कारण
- सतनामी विद्रोह की शुरुआत एक सतनामी और मुगल सैनिक अधिकारी के बीच झगड़े को लेकर हुई।
- विद्रोह तब भड़क उठा जब मुगल सैनिक ने सतनामी को मार डाला।
- सतनामियों ने भी बदला लेने के लिये सैनिक को मार डाला तथा बदले में और मुगल सैनिकों को भेजा गया।
- इस विद्रोह को तब कुचला जा सका जब औरंगजेब ने विद्रोह की कमान संभाली और सतनामियों को कुचलने के लिये तोपखाने के साथ 10,000 सैनिकों को भेजा।
- विद्रोह को दबाने में स्थानीय हिन्दू ज़मींदारों (जिनमें अधिकतर राजपूत थे) ने मुगलों का साथ दिया था।