लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

जैव विविधता और पर्यावरण

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ‘सैंड और डस्ट’ तूफान का जोखिम

  • 01 Sep 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये

‘सैंड और डस्ट’ तूफान, चक्रवात. एरोसोल 

मेन्स के लिये

‘सैंड और डस्ट’ तूफानों का प्रभाव और इनसे निपटने संबंधी सुझाव

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 500 मिलियन से अधिक लोग एवं तुर्कमेनिस्तान, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान तथा ईरान की पूरी आबादी का लगभग 80% से अधिक हिस्सा ‘सैंड और डस्ट’ तूफानों के कारण मध्यम से उच्च स्तर की खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में हैं।

  • पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्वी तुर्की, ईरान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में अत्यधिक सूखे की स्थिति के कारण 2030 के दशक में रेत और धूल भरी आँधी के तूफान का प्रभाव काफी अधिक बढ़ सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • ‘सैंड और डस्ट’ तूफान
    • परिचय
      • शुष्क और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में रेत और धूल भरी आँधी प्रायः मौसम संबंधी एक महत्त्वपूर्ण खतरा है।
      • यह आमतौर पर ‘थंडरस्टॉर्म’ या चक्रवात से जुड़े मज़बूत दबाव ग्रेडिएंट के कारण होता है, जो एक विस्तृत क्षेत्र में हवा की गति को बढ़ाते हैं।
      • क्षोभमंडल (पृथ्वी के वायुमंडल की सबसे निचली परत) में लगभग 40% एरोसोल हवा के कटाव के कारण धूल के कण के रूप में मौजूद होते हैं।
    • मुख्य स्रोत:
      • इन खनिज धूलों के मुख्य स्रोत- उत्तरी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप, मध्य एशिया और चीन के शुष्क क्षेत्र हैं।
      • तुलनात्मक रूप से ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका काफी कम योगदान देते हैं, हालाँकि व्यापक दृष्टि से वे भी काफी महत्त्वपूर्ण हैं।
  • प्रभाव
    • नकारात्मक
      • बिजली संयंत्रों पर प्रभाव:
        • वे ऊर्जा की बुनियादी अवसंरचना में हस्तक्षेप कर सकते हैं, बिजली ट्रांसमिशन लाइनों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं और बिजली की कटौती हेतु उत्तरदायी हो सकते हैं।
        • इनके कारण भारत, चीन और पाकिस्तान में क्रमशः 1,584 GWh , 679 GWh और 555 GWh ऊर्जा का नुकसान हुआ है।
        • परिणामस्वरूप भारत को प्रतिवर्ष 782 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।
      • पीने योग्य जलस्रोतों पर प्रभाव
        • ‘हिमालय-हिंदूकुश पर्वत शृंखला’ और तिब्बती पठार, जो एशिया में 1.3 बिलियन से अधिक लोगों के लिये ताज़े पानी के स्रोत हैं, में धूल का जमाव काफी अधिक होता है, जो इन्हें प्रदूषित करता है।
      • बर्फ पिघलने की दर में वृद्धि:
        • हिमनदों पर धूल का जमाव खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा उत्पादन, कृषि, जल तनाव और बाढ़ सहित कई मुद्दों के माध्यम से समाज पर प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष प्रभावों के साथ बर्फ के पिघलने की दर को बढ़ाकर वार्मिंग प्रभाव उत्पन्न करता है।
      • कृषि (Farm land) पर:
        • धूल के जमाव ने तुर्कमेनिस्तान, पाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान में कृषि भूमि के बड़े हिस्से को प्रभावित किया है।
          • इस धूल के अधिकांश भाग में नमक की मात्रा अधिक होती है जो इसे पौधों के लिये विषाक्त बनाती है।
        • यह उपज को कम करता है जिससे सिंचित कपास और अन्य फसलों के उत्पादन के लिये खतरा पैदा होता है।
      • सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) पर:
        • ये 17 संयुक्त राष्ट्र-अनिवार्य सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) में से 11 को सीधे प्रभावित करते हैं:
          • गरीबी को सभी रूपों में समाप्त करना, भुखमरी को समाप्त करना, अच्छा स्वास्थ्य एवं कल्याण, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, सभ्य कार्य तथा आर्थिक विकास, जलवायु कार्रवाई आदि।
    • सकारात्मक:
      • वे निक्षेपण के क्षेत्रों में पोषक तत्त्व बढ़ा सकते हैं और वनस्पति को लाभ पहुँचा सकते हैं।
      • जल निकायों पर जमा धूल उनकी रासायनिक विशेषताओं को बदल सकती है, जिससे सकारात्मक और प्रतिकूल दोनों तरह के परिणाम सामने आ सकते हैं।
      • आयरन को ले जाने वाले धूल के कण महासागरों के कुछ हिस्सों को समृद्ध कर सकते हैं, फाइटोप्लैंकटन (Phytoplankton) संतुलन में सुधार कर सकते हैं और समुद्री खाद्य जाल (Food Webs) को प्रभावित कर सकते हैं।
  • सुझाव:
    • इनके प्रभाव काफी गंभीर हैं और इस प्रकार वे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नीति-निर्माताओं के लिये एक महत्त्वपूर्ण उभरते मुद्दे का प्रतिनिधित्व करते हैं।
    • सदस्य राज्यों को रेत और धूल भरे तूफान के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव की गहरी समझ हासिल करने, प्रभाव-आधारित फोकस के साथ एक समन्वित निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने तथा जोखिमों को कम करने के लिये सबसे अधिक जोखिम वाले भौगोलिक क्षेत्रों के कार्यों में समन्वय पर विचार करते हुए अपने संयुक्त कार्यों को रणनीतिक बनाने की आवश्यकता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2