बेलारूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध | 13 Aug 2021
प्रिलिम्स के लियेबेलारूस की भौगौलिक अवस्थिति मेन्स के लियेबेलारूस पर प्रतिबंधों का लक्ष्य और प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
बेलारूस के राष्ट्रपति ‘अलेक्जेंडर लुकाशेंको’ पर दबाव बढ़ाने के लिये ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने बेलारूस पर नए व्यापार, वित्तीय और विमानन प्रतिबंध अधिरोपित किये हैं।
प्रमुख बिंदु
पृष्ठभूमि
- यूरोप के सबसे अधिक समय तक शासन करने वाले शासक, बेलारूस के राष्ट्रपति ‘अलेक्जेंडर लुकाशेंको’ ने सोवियत संघ के पतन (वर्ष 1991) के कारण पैदा हुई अराजकता के बीच वर्ष 1994 में पदभार ग्रहण किया था।
- इन्हें अक्सर यूरोप के ‘अंतिम तानाशाह’ के रूप में वर्णित किया जाता है, उन्होंने सोवियत साम्यवाद के तत्त्वों को संरक्षित करने का प्रयास किया है।
- वह 26 वर्ष से सत्ता में हैं और देश की अर्थव्यवस्था का अधिकांश हिस्सा सरकार के नियंत्रण में है तथा विरोधियों के खिलाफ सेंसरशिप एवं पुलिस कार्रवाई का उपयोग कर रहे हैं।
- वर्ष 2020 में हुए चुनावों में ‘अलेक्जेंडर लुकाशेंको’ को विजेता घोषित किया गया था, जिसके बाद राजधानी मिन्स्क में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की गई।
- आर्थिक अस्थिरता और चुनाव की निष्पक्षता पर संदेह को लेकर सरकार के खिलाफ आम लोगों में व्यापक गुस्सा है।
प्रतिबंध
- इन प्रतिबंधों का उद्देश्य बेलारूस की सरकार और राष्ट्रपति ‘अलेक्जेंडर लुकाशेंको’ के सहयोगियों पर यथासंभव ध्यान केंद्रित करना तथा पश्चिमी देशों की कंपनियों को बेलारूस के साथ व्यापार करने से हतोत्साहित करना है।
- नवीनतम प्रतिबंध बेलारूस को किसी भी प्रकार की निगरानी एवं सैन्य प्रौद्योगिकी के निर्यात को प्रतिबंधित करते हैं।
- साथ ही इसके तहत आंशिक रूप से बेलारूस से पोटाश उर्वरक, पेट्रोल और पेट्रोल आधारित उत्पादों के आयात पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
- यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और कनाडा के मामलों में ये प्रतिबंध वित्तीय व्यापार जैसे- राज्य से संबंधित संस्थाओं का बीमा या पुनर्बीमा आदि पर भी रोक लगाते हैं।
- यूरोपीय संघ और अमेरिका ने बेलारूस के तंबाकू उद्योग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जो कि सिगरेट तस्करी के व्यापार में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
- वर्ष 2019 में लिथुआनिया में तस्करी की जाने वाली 90% से अधिक सिगरेट बेलारूस से आई थी।
- पश्चिमी देशों ने बेलारूस के कुछ नागरिकों को ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल दिया है।
प्रभाव:
- बेलारूस के पोटाश क्षेत्र को लक्षित करना एक रणनीतिक कदम था क्योंकि यह कनाडा के बाद उर्वरक का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है, जिसकी वर्ष 2019 में विश्व पोटाश निर्यात में 21% हिस्सेदारी रही है।
- लेकिन लगाए गए प्रतिबंध यूरोपीय संघ को निर्यातित कुल पोटाश निर्यात का केवल 15% हिस्सा ही कवर करते हैं।
- इसके अलावा रूस की बेलारूस के व्यापार में 49.2% की हिस्सेदारी है और बेलारूस वहांँ से पुनः रूसी सीमा के पार अपने स्वीकृत माल का निर्यात कर सकता है।
- दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं, निगरानी और अवरोधन माल तथा प्रौद्योगिकी एवं सिगरेट निर्माण में उपयोग किये जाने वाले सामानों पर प्रतिबंधों का प्रभाव नगण्य होगा।
रूस के लिये संभावनाएँ/अवसर:
- चूंँकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लुकाशेंको (Lukashenko) के साथ तनावपूर्ण संबंध हैं और प्रतिबंध रूस को एक कमज़ोर राज्य के नियंत्रण में बेलारूस के लुकाशेंको पर अपनी शर्तों को लागू करने का एक अवसर है, जिसे रूस ने दशकों से आर्थिक रूप से समर्थन दिया है।
बेलारूस का रुख:
- यूके, अमेरिका और कनाडा पर बेलारूसी लोगों की इच्छा की अनदेखी करने और शासन परिवर्तन हेतु ‘शीत युद्ध’ की स्थिति को नियोजित करने का आरोप लगाया।
आगे की राह:
- बेलारूस के राष्ट्रपति को एक वैध सरकार का गठन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है जो देश की महत्त्वपूर्ण समस्याओं का समाधान कर सके।
- उन्हें इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान हेतु विपक्ष से वार्ता के लिये पेशकश करनी होगी।