समृद्ध पहल | 10 Feb 2022
प्रिलिम्स के लिये:समृद्ध पहल, अटल नवाचार मिशन (AIM), मेन्स के लिये:स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में सुधार के लिये समृद्ध पहल का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
अटल नवाचार मिशन (एआईएम), नीति आयोग और अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) ने ‘स्वास्थ्य देखभाल के अभिनव वितरण के लिये बाज़ारों और संसाधनों तक सतत् पहुँच’ (समृद्ध) पहल के अंतर्गत एक नई साझेदारी की घोषणा की।
- यह समझौता वर्तमान में जारी कोविड-19 की तीसरी लहर के लिये एक प्रभावी सहायता उपलब्ध कराने और भविष्य में संक्रामक रोग के प्रकोप व स्वास्थ्य आपात स्थिति हेतु स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करने के सामान्य लक्ष्य के साथ स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए थिंक टैंक - नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था।
- AIM देश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये नीति आयोग द्वारा स्थापित एक प्रमुख पहल है।
समृद्ध पहल:
- समृद्ध पहल के बारे में:
- वर्ष 2020 में यूएसएआईडी और भारत सरकार के अकादमिक व निजी क्षेत्र के हितधारकों ने बाज़ार-आधारित स्वास्थ्य समाधानों को तैयार करने और उनमें तेज़ीसे वृद्धि करने हेतु सार्वजनिक एवं परोपकारी कोषों को वाणिज्यिक पूंजी के साथ संयोजित करने हेतु अभिनव समृद्ध मिश्रित वित्तीय सुविधा विकसित की।
- मिश्रित वित्तीय सुविधा वित्तपोषण की दिशा में एक दृष्टिकोण है जहांँ सार्वजनिक और परोपकारी स्रोतों से उत्प्रेरित वित्तपोषण (जैसे अनुदान और रियायती पूंजी) का उपयोग सामाजिक लक्ष्यों एवं परिणामों को प्राप्त करने हेतु निजी क्षेत्र से अतिरिक्त निवेश को आकर्षित करने के लिये किया जाता है।
- यह दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों एवं ग्रामीण तथा जनजातीय क्षेत्रों में सुभेद्य आबादी के लिये सस्ती व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंँच में सुधार करेगी।
- इस पहल का कार्यान्वयन आईपीई ग्लोबल (एक कंपनी) द्वारा प्रबंधित एक तकनीकी सहायता इकाई द्वारा किया जाता है।
- वर्ष 2020 में यूएसएआईडी और भारत सरकार के अकादमिक व निजी क्षेत्र के हितधारकों ने बाज़ार-आधारित स्वास्थ्य समाधानों को तैयार करने और उनमें तेज़ीसे वृद्धि करने हेतु सार्वजनिक एवं परोपकारी कोषों को वाणिज्यिक पूंजी के साथ संयोजित करने हेतु अभिनव समृद्ध मिश्रित वित्तीय सुविधा विकसित की।
- उद्देश्य:
- तत्काल, मध्यम और लंबी अवधि में स्वास्थ्य आपात स्थितियों को बढ़ावा देकर स्वास्थ्य सुविधाओं में आपूर्ति-पक्ष के अंतराल को कम करना।
- नवोन्मेषी और बाज़ार-आधारित स्वास्थ्य समाधानों को तेज़ी से बढ़ाना और अपनाना।
- उच्च प्रभाव वाले स्वास्थ्य समाधानों को बढ़ावा देकर स्थायी स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण के लिये संसाधनों को जुटाना।
- सुभेद्य आबादी के लिये सामुदायिक स्तर पर स्थानीय और व्यापक समाधान को बढ़ावा देना।
- महत्त्व:
- अटल इनोवेशन मिशन और समृद्ध छोटे एवं मध्यम स्वास्थ्य उद्यमों में व्यावसायिक निवेश की बाधाओं को दूर करने के लिये परोपकारी पूंजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संसाधनों का लाभ उठाकर इसे स्वास्थ्य सेवा समाधान हेतु निवेश किया जाएगा।
- यह नई साझेदारी सुभेद्य आबादी तक पहुँचने के लिये समृद्ध के प्रयासों को बढ़ाएगी तथा नवाचार और उद्यमिता में अटल इनोवेशन मिशन की विशेषज्ञता का लाभ उठाएगी।
यह समृद्ध कार्यक्रम से किस प्रकार भिन्न है?
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने अगस्त 2021 में 'उत्पाद नवाचार, विकास और वृद्धि (SAMRIDH)' कार्यक्रम के लिये MeitY के स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर्स लॉन्च किये।
- इसे भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद स्टार्ट-अप के लिये अपने उत्पादों और व्यवसाय को बढ़ाने के उद्देश्य से सुरक्षित निवेश हेतु एक अनुकूल मंच बनाने के लिये लॉन्च किया गया था।
भारत में वर्तमान स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य:
- हालाँकि पिछले पाँच वर्षों में भारत का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र तेज़ी से बढ़ा है (22% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर), कोविड-19 के चलते एक कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणाली, गुणवत्ता वाले बुनियादी ढाँचे तथा गुणवत्ता सेवा वितरण की कमी जैसी चुनौतियाँ देखी गईं।
- भारत का स्वास्थ्य देखभाल खर्च सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3.6% है, जिसमें आउट-ऑफ-पॉकेट और सार्वजनिक व्यय भी शामिल है।
- केंद्र और राज्य का संयुक्त कुल सरकारी खर्च सकल घरेलू उत्पाद का 1.29% है।
- ब्रिक्स देशों के मामले में भारत सबसे कम खर्च करता है: ब्राज़ील सबसे अधिक (9.2%) खर्च करता है, उसके बाद दक्षिण अफ्रीका (8.1%), रूस (5.3%) और चीन (5%) का स्थान है।
- भारत सरकार ने ‘आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (AB-PMJAY) शुरू की है, जो सरकार द्वारा प्रायोजित दुनिया की सबसे बड़ी गैर-अंशदायी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसमें गरीब एवं कमज़ोर परिवारों के लिये माध्यमिक व तृतीयक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच को सक्षम बनाया गया है।