द्वीपीय देश समोआ | 31 Dec 2019
प्रीलिम्स के लिये:
खसरा, विश्व स्वास्थ्य संगठन
मेन्स के लिये:
विश्व स्वास्थ्य संगठन, टीकाकरण
चर्चा में क्यों?
28 दिसंबर, 2019 को समोआ (Samoa) सरकार की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने खसरे के प्रकोप के कारण लगाए गए छह सप्ताह के आपातकाल को हटा दिया है।
मुख्य बिंदु:
- मात्र 2 लाख की आबादी वाले दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश में इस वर्ष 5600 से अधिक लोग खसरे के संक्रमण से प्रभावित हुए, जबकि इस महामारी में 81 लोगों की मृत्यु हो गई जिसमें से अधिकतर संख्या कम उम्र के बच्चों की थी।
- इस वर्ष 16 अक्तूबर को समोआ सरकार ने देश में खसरे के फैलने की चेतावनी जारी की और इसके एक महीने बाद देश भर में इसे लेकर आपातकाल घोषित कर दिया गया, इस दौरान स्कूलों और यातायात के साथ बच्चों के समूह में इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई।
- वर्ष 2019 में ही न्यूज़ीलैंड में बड़ी संख्या लोग खसरे से प्रभावित हुए थे, देश के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जनवरी से सितंबर माह के बीच ऐसे लोगों की संख्या 1,051 से अधिक थी। एक अनुमान के अनुसार, न्यूज़ीलैंड से ही यह बीमारी के समोआ में भी फैल गई।
- विभिन्न देशों और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं के सहयोग से देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण और उपचार के अन्य कार्यक्रम चलाए गए जिसके परिणाम स्वरूप दिसंबर 2019 के मध्य से खसरे से संक्रमित लोगों की संख्या में कमी देखने को मिली।
समोआ: संक्षिप्त परिचय
स्वतंत्र राज्य समोआ दक्षिण प्रशांत महासागर का एक देश है, वर्ष 1997 तक इसे पश्चिमी समोआ के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1961 में स्वतंत्रता से पहले इस द्वीपीय देश पर न्यूजीलैंड का शासन रहा। इस देश का प्रमुख व्यवसाय मत्स्य पालन, कृषि और पर्यटन है।
इतनी बड़ी संख्या में लोगों के खसरे से संक्रमित होने के कारण:
- इस वर्ष विश्व के विभिन्न देशों में खसरे का प्रकोप देखने को मिला, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के अनुसार, वर्ष 2019 के पहले तीन महीनों में पिछले वर्ष की तुलना में खसरे से पीड़ित लोगों की संख्या चार गुना अधिक थी।
- सरकारी आँकड़ों के अनुसार, समोआ में वर्ष 2013 में 90% बच्चों का सफल टीकाकरण किया गया परंतु पिछले वर्ष गलत टीकाकरण से हुई दो बच्चों की मौत के बाद भय का माहौल बन गया।
- इसके अतिरिक्त टीकाकरण के बारे में बहुत सी अफवाहों की वजह से बच्चों के टीकाकरण में 30% की कमी देखी गई जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया।
खसरा (Measles) क्या है?
- खसरा एक अति संक्रामक विषाणुजनित रोग है जो पैरामिक्सोवायरस परिवार के एक वायरस के कारण होता है।
- इसका वायरस संक्रमित व्यक्ति के नाक और गले में पाया जाता है जो सांस, स्पर्श, लार और अन्य कई माध्यमों से तेज़ी से फैलता है।
- WHO के अनुसार, यह आज भी विश्व भर में होने वाली बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है।
- इसके लक्षणों में खांसी, बुखार शरीर में लाल चकत्ते पड़ना है तथा इसके अतिरिक्त रोगी को कान में इंफेक्शन, न्यूमोनिया और खतरनाक डायरिया हो सकता है।
- कई बार डायरिया से होने वाले डिहाइड्रेशन का सही समय पर इलाज न होने पर मौत भी हो सकती है।
- खसरे का सबसे सफल इलाज टीकाकरण और बचाव ही है।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित “मिशन इन्द्रधनुष” के अंतर्गत खसरा, तपेदिक और कई अन्य बिमारियों से बचने के लिये बच्चों का टीकाकरण किया जाता है।