नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सार्क चार्टर दिवस

  • 10 Dec 2020
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation- SAARC) के चार्टर दिवस की 36वीं वर्षगाँठ पर प्रधानमंत्री ने अपने एक संदेश में कहा कि सार्क केवल "आतंक और हिंसा" की अनुपस्थिति में ही पूरी तरह से प्रभावी हो सकता है।

  • दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन की स्थापना 8 दिसंबर,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।

SAARC

प्रमुख बिंदु

  • भारत का रुख:
    • सार्क की पूर्ण क्षमता को केवल आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण में ही महसूस किया जा सकता है।
      • यह इस बात को इंगित करता है कि पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद पर भारत की चिंता इस शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी में एक प्राथमिक बाधा है।
      • अपने संदेशों में पाकिस्तान और नेपाल दोनों ने ही सार्क सम्मेलन को जल्द आयोजित किये जाने का आह्वान किया।
    • भारत ने सार्क देशों से "आतंकवाद का समर्थन और पोषण करने वाली ताकतों को हराने के लिये फिर से संगठित" होने का आह्वान किया।
    • भारत एक "एकीकृत, संबद्ध, सुरक्षित और समृद्ध दक्षिण एशिया" के लिये भी प्रतिबद्ध है तथा इस क्षेत्र के आर्थिक, तकनीकी, सांस्कृतिक व सामाजिक विकास का समर्थन करता है।
    • अधिक-से-अधिक सहयोग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए भारत ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये सार्क देशों के बीच प्रारंभिक समन्वय के उदाहरण का उल्लेख किया।
      • एक आपातकालीन कोविड-19 फंड बनाया गया था जिसमें भारत द्वारा 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रारंभिक योगदान दिया गया था।
  • रुकी हुई सार्क प्रक्रिया:
    • भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण सार्क की कार्यप्रणाली और गतिविधियाँ लगभग ठप हो गई हैं।
    • भारत में उरी आतंकवादी हमले के बाद से सार्क की कोविड-19 की स्थिति पर एक आभासी बैठक (मार्च में) के अलावा कोई महत्त्वपूर्ण बैठक नहीं हो सकी है क्योंकि भारत ने पाकिस्तान में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन (2016 में) का बहिष्कार कर दिया था।

आगे की राह

  • SAARC का चार्टर दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग, गरीबी उन्मूलन, सामाजिक-आर्थिक विकास में तेज़ी तथा आर्थिक उन्नति द्वारा शांति, स्थिरता व समृद्धि को बढ़ावा देने के लिये क्षेत्र के सामूहिक संकल्प व साझा दृष्टि को दर्शाता है।
  • आज क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। महामारी से उबरने के लिये सार्क के सदस्य देशों के बीच सामूहिक रूप से ठोस प्रयास किये जाने, सहभागिता और सहयोग की ज़रूरत है।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow