भारत में रूसी बैंको के वोस्ट्रो खाते | 16 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:विदेश व्यापार, मुद्रा मूल्यह्रास और मूल्यवृद्धि, वैश्विक प्रतिबंध, भुगतान संतुलन मेन्स के लिये:भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक प्रतिबंधों का प्रभाव, रुपए में व्यापार करने के लाभ और चुनौतियाँ, अर्थव्यवस्था में सरकार का हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारत और रूस के बीच व्यापार हेतु रुपए में भुगतान करने के लिये दो भारतीय बैंकों (यूको बैंक और इंडसइंड बैंक) में नौ विशेष वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी है।
- रूस के दो सबसे बड़े बैंक- ‘Sberbank’ और ‘VTB’ बैंक ऐसे पहले विदेशी ऋणदाता हैं जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रुपए में अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक लेन-देन करने की मंज़ूरी मिली है।
- वोस्ट्रो खाता नोस्ट्रो खाता का एक अन्य नाम है। यह एक बैंक द्वारा नियोजित खाता है जो ग्राहकों को दूसरे बैंक की ओर से पैसा ज़मा करने की सुविधा प्रदान करता है।
पृष्ठभूमि:
- जुलाई 2022 में RBI ने वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने के लिये रुपए में अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के लिये एक क्रियाविधि का अनावरण किया था, जिसमें भारत द्वारा निर्यात पर ज़ोर दिया गया था, साथ ही रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में पहचान दिलाने के लिये किया गया था।
- इसके माध्यम से रूस जैसे प्रतिबंध-प्रभावित देशों के साथ व्यापार को सक्षम करने की भी आशा है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तय क्रियाविधि के अनुसार, भागीदार देशों के बैंक विशेष रुपया वास्ट्रो खाता खोलने के लिये भारत में अधिकृत बैंकों से संपर्क कर सकते हैं। तब अधिकृत बैंक को ऐसी व्यवस्था के विवरण के साथ केंद्रीय बैंक से अनुमोदन लेना होगा।
नोस्ट्रो खाता (Nostro Accounts)
- नोस्ट्रो खाता का तात्पर्य एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक में खोले गए खाता से है। इससे ग्राहकों को किसी दूसरे बैंक के खाते में पैसा जमा करने की सुविधा मिलती है। इसका उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी बैंक की विदेश में कोई शाखा नहीं होती है। नोस्ट्रो एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ " हमारा (ours) " होता है।
- मान लीजिये कि बैंक "A" की रूस में कोई शाखा नहीं है लेकिन बैंक "B" की शाखा रूस में है। रूस में अपनी जमा राशि प्राप्त करने के लिये बैंक "A" बैंक "B" में नोस्ट्रो खाता खोलेगा।
- अब यदि रूस में कोई ग्राहक "A" को पैसा भेजना चाहता है तो वह इसे "B" बैंक में खुले “A” के खाते में जमा कर सकता है। "B" बैंक इस पैसे को "A" के खाते में स्थानांतरित कर देगा।
- जमा खाते और नोस्ट्रो खाते के बीच मुख्य अंतर यह है कि जमा खाते व्यक्तिगत जमाकर्त्ताओं के पास होता है, जबकि विदेशी संस्थानों के पास नोस्ट्रो खाता होता है।
वोस्ट्रो खाता (Vostro Accounts):
- इस शब्द का लैटिन भाषा में अर्थ- तुम्हारा (yours) होता है।
- खाता खोलने वाले बैंक के लिये नोस्ट्रो खाता, एक वोस्ट्रो खाता होता है।
- उपर्युक्त उदाहरण में बैंक "B" में खुले खाते को इस बैंक के लिये वोस्ट्रो खाता कहा जाएगा। वोस्ट्रो खाता में खाताधारक के बैंक की ओर से भुगतान स्वीकार किया जाता है।
- यदि कोई व्यक्ति वोस्ट्रो खाते में पैसा जमा करता है तो यह खाताधारक के बैंक में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
- नोस्ट्रो और वोस्ट्रो खाते, विदेशी मूल्यवर्ग में खोले जाते हैं।
- वोस्ट्रो खाते के माध्यम से घरेलू बैंक, वैश्विक बैंकिंग आवश्यकताओं वाले ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करते हैं।
- वोस्ट्रो खाता सेवाओं में वायर ट्रांसफर निष्पादित करना, विदेशी विनिमय करना, जमा और निकासी करना व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में तेज़ी लाना शामिल है।
रुपया भुगतान तंत्र:
- परिचय:
- भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गई है (एक खाता जो एक अधिकृत बैंक दूसरे बैंक की ओर से रखता है)।
- इस तंत्र के माध्यम से आयात करने वाले भारतीय आयातक भारतीय रुपए में भुगतान करेंगे, इसमें विदेशी विक्रेता से माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिये चालान भागीदार देश के अधिकृत बैंक के विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाएगा।
- तंत्र का उपयोग करने वाले भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के अधिकृत बैंक के नामित विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा शेष राशि से निर्यात का भुगतान भारतीय रुपए में किया जाएगा।
- भारतीय निर्यातक उपर्युक्त रुपए भुगतान तंत्र के माध्यम से विदेशी आयातकों से भारतीय रुपए में निर्यात के लिये अग्रिम भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
- निर्यात के लिये अग्रिम भुगतान की ऐसी किसी भी प्राप्ति की अनुमति देने से पहले भारतीय बैंकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इन खातों में उपलब्ध धनराशि का उपयोग पहले से ही निष्पादित निर्यात आदेशों/पाइपलाइन में निर्यात भुगतान से उत्पन्न भुगतान दायित्वों के लिये किया जाता है।
- विशेष वोस्ट्रो अकाउंट में शेष राशि का उपयोग निम्नलिखित के लिये किया जा सकता है: परियोजनाओं और निवेशों के लिये भुगतान, निर्यात/आयात अग्रिम प्रवाह प्रबंधन, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश आदि।
- भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गई है (एक खाता जो एक अधिकृत बैंक दूसरे बैंक की ओर से रखता है)।
- मौजूदा तंत्र:
- यदि कोई कंपनी निर्यात या आयात करती है, तो लेन-देन (नेपाल और भूटान जैसे देशों को छोड़कर) हमेशा एक विदेशी मुद्रा में होता है।
- इसलिये आयात के मामले में भारतीय कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान करना पड़ता है (मुख्य रूप से डॉलर में और इसमें पाउंड, यूरो, येन आदि मुद्राएँ भी शामिल हो सकती हैं)।
- निर्यात के मामले में भारतीय कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान किया जाता है और कंपनी उस विदेशी मुद्रा को रुपए में परिवर्तित कर देती है क्योंकि उसे ज़्यादातर मामलों में अपनी ज़रूरतों के लिये रुपए की आवश्यकता होती है।
मौजूदा तंत्र के लाभ:
- विकास को बढ़ावा:
- यह वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देगा और भारतीय रुपए के प्रति वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन करेगा।
- स्वीकृत देशों के साथ व्यापार:
- जब से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, भुगतान की समस्या के कारण रूस के साथ व्यापार लगभग ठप है।
- RBI द्वारा शुरू किये गए व्यापार सुविधा तंत्र के परिणामस्वरूप रूस के साथ भुगतान संबंधी मुद्दे को हल करना आसान हो गया है।
- जब से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, भुगतान की समस्या के कारण रूस के साथ व्यापार लगभग ठप है।
- विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव:
- इस कदम से विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव का जोखिम भी कम होगा, विशेष रूप से यूरो-रुपया सममूल्यता को देखते हुए।
- रुपए की गिरावट पर नियंत्रण:
- इस तंत्र का उद्देश्य रुपए में लगातार गिरावट के दौरान व्यापार प्रवाह हेतु रुपए में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग को कम करना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न: रुपए की परिवर्तनीयता से क्या तात्पर्य है? (2015) (a) रुपए के नोटों के बदले सोना प्राप्त करना (b) रुपए के मूल्य को बाज़ार की शक्तियों द्वारा निर्धारित होने देना (c) रुपए को अन्य मुद्राओं और अन्य मुद्राओं को रुपए में परिवर्तित करने की स्वतंत्रता के रूप में अनुज्ञा प्रदान करना (d) भारत में मुद्राओं के लिये अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार विकसित करना उत्तर: (c) |