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पार्टियों को चंदा प्राप्त करने के लिए ₹2000 से अधिक नकदी की अनुमति नहीं

  • 02 Feb 2017
  • 3 min read

सन्दर्भ

केंद्रीय बजट 2017 पेश करने के दौरान, राजनीतिक दलों द्वारा चंदा प्राप्त करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाए गए एक बडे कदम के तहत, वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि अब से राजनीतिक दल प्रति दानकर्ता  (Individual donor) ₹2000 से अधिक नकदी स्वीकार नहीं कर सकेंगे | 

प्रमुख बिंदु 

  • इस बजट में राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे एक समय सीमा के भीतर प्राप्त अपने ल लाभों को भी दर्ज करे| 
  • सभी दलों को चेक अथवा डिजिटल माध्यम के द्वारा दान प्राप्त करने की अनुमति होगी | 
  • चुनावी बांडों को जारी करने की सक्षमता को सुनिश्चित करने के लिए भारत के रिज़र्व बैंक के अधिनियम में किया जाने वाला संशोधन प्रस्तावित है | 
  • इस योजना के तहत, एक दाता बांड को चेक और डिजिटल भुगतान के विरुद्ध एक प्राधिकृत बैंक से खरीद सकता है और उन्हें राजनीतिक दल के नामित खाते में से मुक्त कर सकता है|
  • ये बांड जारी होने की तिथि से तय किये गये सीमित समय के भीतर ही प्रतिदेय होंगे|
  • एक दाता बांडों को चेक और डिजिटल भुगतान के विरुद्ध एक प्राधिकृत बैंक से खरीद सकता है|
  • ये केवल नामांकित राजनीतिक दल के नामित खाते में ही प्रतिदेय होंगे और ये बांड जारी होने कि तिथि से तय समय सीमा के भीतर ही प्रतिदेय होंगे| 


अब तक प्राप्त प्रतिक्रियाएँ

जहाँ कांग्रेस, आरजेडी, जदयू, इत्यादि विरोधी दलों ने भी राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ने वाले एनडीए के इस कदम का स्वागत किया है वहीँ सीताराम येचुरी ने इसे ‘बेतुकी बात’ कह कर इसकी आलोचना की है |

इस कदम की आलोचना में कहा जा रहा है की पहले भी राजनीतिक फंडिंग में इस तरह की सीमाएँ लागू की गई हैं किन्तु इनसे कोई कारगर हल नहीं निकल सका है यह योजना भी उसी कड़ी का अगला सिरा बनेगी  और निरर्थक सिद्ध होगी |

पृष्ठभूमि 

  • एनडीए सरकार ने बुधवार को पेश हुए आम बजट में राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को लेकर नियम बदल दिए हैं |
  • 2017 के बजट में अरुण जेटली ने इस रक़म को घटाकर 2,000 कर दिया है और इसे 'राजनीतिक दलों के काम-काज में पारदर्शिता बढ़ाने' वाला क़दम बताया है |
  • अभी तक के नियमों के तहत राजनीतिक दलों को किसी भी व्यक्ति या संस्था से प्राप्त हुए 20,000 रुपये से कम का स्रोत बताने की आवश्यकता नहीं थी |
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