छत से सौर ऊर्जा की महत्ता | 29 Aug 2017
चर्चा में क्यों ?
सरकार ने 2022 तक 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें 60 गीगावॉट सौर ऊर्जा उपयोगिताओं से प्राप्त की जाएगी और 40 गीगावॉट सौर ऊर्जा को छत पर लगने वाले सौर ऊर्जा पैनलों को लगाकर प्राप्त करने का लक्ष्य है। इसमें 60 गीगावॉट सौर ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करना संभव है, परंतु छत के ऊपर से सौर ऊर्जा का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं लग रहा है।
छत पर लगे सौर ऊर्जा पैनलों से लाभ
- बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों के विपरीत, इसे इमारतों की छतों पर आसानी से स्थापित किया जा सकता है।
- यह कंपनियों और आवासीय क्षेत्रों को ग्रिड द्वारा प्रदान की गई बिजली के स्रोत का विकल्प प्रदान करता है।
- इसका मुख्य लाभ पर्यावरण की दृष्टि से है, क्योंकि इससे जीवाश्म-ईंधन से उत्पन्न ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम हो जाती है।
- छतों से सौर ऊर्जा उन जगहों पर ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ा सकती है, जहाँ इसे स्थापित करना कठिन है।
- इससे उन क्षेत्रों में भी बिजली उपलब्ध कराई जा सकती है जो अभी तक ग्रिड से जुड़े नहीं हैं या जहाँ विद्युत स्टेशनों एवं विद्युत लाइनों को स्थापित करना मुश्किल है।
भारत में छत से सौर ऊर्जा की संभावना
- सरकार ने छत से सौर ऊर्जा के लिये 124 गीगावॉट की संभावना का अनुमान लगाया है। हालाँकि 31 दिसंबर, 2016 तक केवल 1,247 मेगावाट की क्षमता ही स्थापित की जा सकी थी।
- इसे व्यापक रूप से क्यों नहीं अपनाया जा रहा है?
- छत से सौर ऊर्जा के साथ प्रमुख समस्या है आपूर्ति में परिवर्तनशीलता।
- सौर पैनलों की दक्षता इस पर निर्भर करती है कि सूर्य का प्रकाश किस दिन कितना उज्ज्वल है।
- ये रात में ऊर्जा उत्पादन नहीं कर सकते हैं।
समाधान क्या है
- इसका समाधान ऊर्जा का भंडारण है।
- सौर ऊर्जा की भंडारण तकनीक अभी भी अविकसित है और भंडारण के तरीके महँगे हैं फिर भी इस दिशा में प्रयास ज़ारी हैं।