अवैध, गैर-सूचित और अविनियमित (IUU) मत्स्यन में वृद्धि | 14 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:विशेष आर्थिक क्षेत्र, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मेन्स के लिये:भारत का मत्स्यन क्षेत्र और संबंधित पहल |
चर्चा में क्यों:
इस वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारतीय नौसेना के जहाज़ों ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) से परे अवैध, गैर-सूचित और अविनियमित (IUU) मत्स्यन घटनाओं के बावजूद हिंद महासागर में चीन के 200 से अधिक मछली पकड़ने वाले जहाज़ों को देखा।
- ऐसी अधिकांश अवैध गतिविधियाँ उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में होती हैं।।
- प्रत्येक वर्ष 5 जून को अवैध, गैर-सूचित और अविनियमित (IUU) मत्स्यन घटनाओं के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
अवैध, गैर-सूचित और अविनियमित (IUU) मत्स्यन घटनाएँ:
- IUU मत्स्यन, मत्स्यन गतिविधियों की विस्तृत विविधता को दर्शाने वाला व्यापक शब्द है।
- IUU, मत्स्यन के सभी प्रकार और आयामों से संबंधित है; इसे गहन समुद्रों और राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र दोनों ही क्षेत्रों में देखा जाता है।
- यह मछली पकड़ने और इसके उपयोग के सभी पहलुओं और चरणों से संबंधित है, और यह कभी-कभी संगठित अपराध से जुड़ा हो सकता है।
- इस प्रकार का मत्स्यन, मछलियों के संरक्षण और प्रबंधन के लिये किये जाने वाले राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रयासों में बाधक है इसके परिणामस्वरूप, दीर्घकालिक स्थिरता और उत्तरदायित्व के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति भी शिथिल होती है।
भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र की स्थिति:
- भारतीय परिदृश्य:
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है, जिसका वैश्विक उत्पादन में 7.56% हिस्सा है और देश के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 1.24% और कृषि GVA में 7.28% से अधिक का योगदान है।
- भारत का लक्ष्य वर्ष 2024-25 तक 22 मिलियन मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना है।
- इस क्षेत्र को 14.5 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करने और देश के 28 मिलियन मछुआरा समुदाय के लिये सतत् आजीविका प्रदान करने वाले एक मज़बूत चालक के रूप में माना गया है।
- विगत कुछ वर्षों में मत्स्य पालन क्षेत्र में तीन प्रमुख परिवर्तन हुए हैं:
- अंतर्देशीय जलीय कृषि का विकास, विशेष रूप से फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर।
- मछली पकड़ने के कार्य का मशीनीकरण।
- लवणीय जल के झींगा जलीय कृषि की सफल शुरुआत।
- संबंधित पहल:
- मात्स्यिकी बंदरगाह:
- आर्थिक गतिविधि के केंद्र के रूप में पाँच प्रमुख मात्स्यिकी बंदरगाहों (कोच्चि, चेन्नई, विशाखापत्तनम, पारादीप, पेटुआघाट) का विकास।
- समुद्री शैवाल पार्क:
- तमिलनाडु को गुणवत्ता वाले समुद्री शैवाल आधारित उत्पादों के उत्पादन के लिये बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क को केंद्र बनाया जाएगा जिसे हब और स्पोक मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना:
- यह 15 लाख मछुआरों, मत्स्यन करने वाले किसानों आदि के लिये प्रत्यक्ष रोज़गार पैदा करने का प्रयास करता है जिसमे से इस संख्या का लगभग तीन गुना अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसरों के रूप में है।
- इसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक मछुआरों, मछली पालन करने वाले किसानों और मछली श्रमिकों की आय को दोगुना करना है।
- ‘पाक बे’ योजना (Palk Bay Scheme)
- "पाक जलडमरूमध्य से गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं में ट्रॉल मछली पकड़ने वाली नौकाओं का विविधीकरण" योजना 2017 में एक केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में शुरू की गई थी।
- इसे अम्ब्रेला ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
- मात्स्यिकी बंदरगाह:
- समुद्री मत्स्य पालन विधेयक, 2021:
- विधेयक में मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 के तहत पंजीकृत जहाज़ों को विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में मछली पकड़ने के लिये केवल लाइसेंस देने का प्रस्ताव है।
अवैध खनन के मुद्दे से निपटने के लिये क्या पहल:-
- इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA):
- मई 2022 में, IUU मछली पकड़ने के प्रभाव को पहचानते हुए, जिससे समुद्री पारिस्थितिकी को प्रभावित करने वाली मछली के भंडार में कमी आ सकती है, क्वाड (QUAD) के सदस्यों ने इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) के दायरे में एक प्रमुख क्षेत्रीय प्रयास की घोषणा की।
- इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में "निकट-वास्तविक समय/नियर रियल टाइम" गतिविधियों की अधिक सटीक समुद्री तस्वीर प्रदान करना है।
- यह (IPMDA) हिंद-प्रशांत क्षेत्र में IUU को संबोधित करने की दिशा में भारत और अन्य क्वाड भागीदारों के संयुक्त प्रयासों को उत्प्रेरित करने की उम्मीद है।
- IFC-IOR:
- गुरुग्राम में भारतीय नौसेना का सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (IMAC) और इसके साथ स्थित सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) उच्च समुद्र में सभी जहाज़ों की गतिविधियों की निगरानी करता है।
- (IFC-IOR) समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा बढ़ाने के लिये दुनिया भर के अन्य क्षेत्रीय निगरानी केंद्रों के साथ सहयोग कर रहा है, जिसमें IUU की निगरानी के प्रयास भी शामिल हैं।।
- UNCLOS:
- सामुद्रिक कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCLOS) के अनुसार, तटीय राष्ट्र अपने संबंधित EEZ के भीतर IUU मछली पकड़ने के मुद्दों को संबोधित करने के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- UNCLOS के तहत क्षेत्रीय मत्स्य प्रबंधन संगठन जैसे कि हिंद महासागर टूना आयोग और दक्षिणी हिंद महासागर मत्स्य समझौता उच्च समुद्र पर IUU मत्स्यन की निगरानी करते हैं।
- केप टाउन समझौता:
- वर्ष 2012 का केप टाउन समझौता एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाध्यकारी समझौता है जो 24 मीटर लंबाई और उससे अधिक या सकल टन में समतुल्य मत्स्यन जहाज़ों के डिज़ाइन, निर्माण, उपकरण एवं निरीक्षण पर न्यूनतम आवश्यकताओं को निर्धारित करता है।
- भारत इस समझौते का हस्ताक्षरकर्त्ता नहीं है।
- वर्ष 2012 का केप टाउन समझौता एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाध्यकारी समझौता है जो 24 मीटर लंबाई और उससे अधिक या सकल टन में समतुल्य मत्स्यन जहाज़ों के डिज़ाइन, निर्माण, उपकरण एवं निरीक्षण पर न्यूनतम आवश्यकताओं को निर्धारित करता है।
- एग्रीमेंट ओन पोर्ट्स स्टेट मेज़र्स:
- इस समझौते का उद्देश्य प्रभावी पोर्ट्स स्टेट मेज़र्स के कार्यान्वयन के माध्यम से IUU मत्स्यन को रोकना, बचाना और उन्मूलन करना है और इस प्रकार समुद्री संसाधनों और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के दीर्घकालिक संरक्षण और टिकाऊ उपयोग को सुनिश्चित करना है।
- भारत इस समझौते का हस्ताक्षरकर्त्ता नहीं है।
- इस समझौते का उद्देश्य प्रभावी पोर्ट्स स्टेट मेज़र्स के कार्यान्वयन के माध्यम से IUU मत्स्यन को रोकना, बचाना और उन्मूलन करना है और इस प्रकार समुद्री संसाधनों और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के दीर्घकालिक संरक्षण और टिकाऊ उपयोग को सुनिश्चित करना है।
- अंतर्राष्ट्रीय IUU मत्स्यन रोकथाम अंतर्राष्ट्रीय दिवस:
- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने नवंबर 2017 में अपने 72वें सत्र में IUU मत्स्यन के खिलाफ लड़ाई के लिये 5 जून को अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. नीली क्रांति को परिभाषित करते हुए, भारत में मत्स्य पालन के विकास के लिये समस्याओं और रणनीतियों की व्याख्या कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2018) |