जैव विविधता और पर्यावरण
गैंडों (Rhinos) का संरक्षण
- 01 Mar 2019
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नई दिल्ली में उन देशों की दूसरी बैठक का आयोजन किया गया जहाँ एशियाई गैंडे (राइनो) पाए जाते हैं। इस बैठक में एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण के लिये भारत, नेपाल और भूटान के बीच सीमा-पार सहयोग को रेखांकित किया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इस बैठक में गंभीर रूप से लुप्तप्राय सुमात्रा प्रजाति के प्राकृतिक और संरक्षित प्रजनन में तेज़ी लाने के लिये आपसी सहयोग एवं प्रौद्योगिकियों के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।
- बैठक के तहत एक देश के भीतर या गैंडे पाए जाने वाले देशों के बीच इनके अधिकार क्षेत्र के विस्तार पर भी जोर दिया गया।
एक सींग वाला गैंडा
- इंडोनेशिया, मलेशिया एवं अन्य एशियाई देशों में भी गैंडों का निवास है।
- वर्तमान वैश्विक आबादी के अनुसार एक सींग वाले भारतीय गैंडों की संख्या 3,584 है। भारत में असम राज्य के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 2,938 गैंडे हैं, जबकि नेपाल में 646।
- हालाँकि भूटान में गैंडे नहीं हैं लेकिन असम से सटे मानस नेशनल पार्क और पश्चिम बंगाल में बक्सा टाइगर रिज़र्व से कभी-कभार कुछ गैंडे अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार कर जाते है।
- चीन से लेकर बांग्लादेश तक जवन और सुमात्रन गैंडे विलुप्त होने वाले हैं।
- सुमात्रन राइनो, सभी राइनो प्रजातियों में सबसे छोटा और दो सींगों वाला एकमात्र एशियाई गैंडा है, जो मलेशिया के जंगलों से विलुप्त हो गया है।
- IUCN के प्रजाति उत्तरजीविता आयोग के एशियाई राइनो स्पेशलिस्ट ग्रुप के अध्यक्ष के अनुसार, वर्तमान में मलेशिया के सबा द्वीप में केवल एक तथा इंडोनेशिया में कुछ ही राइनो पाये जाते हैं।
- IUCN प्रत्येक चार वर्ष में पृथ्वी पर उपस्थित उन सभी प्रजातियों की सूची प्रकाशित करता है जो संकट में हैं। इस सूची को ‘IUCN रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटेंड स्पीसीज़’ (IUCN-Red List of Threatened Species) कहा जाता है।
- रेड लिस्ट दुनियाभर के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की जाती है, इसलिये दुनिया में जैवविविधता पर इसे सबसे प्रामाणिक और विश्वसनीय सूची माना जाता है।
- IUCN द्वारा जारी की जाने वाली इसी रेड लिस्ट के अंतर्गत भारत में उड़ने वाली गिलहरी, एशियाई सिंह, काले हिरण, गेंडे, गंगा डॉल्फिन, बर्फीले तेंदुए सहित अनेक जीवों को संकटग्रस्त करार दिया गया है।
पृष्ठभूमि
- 1905 में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को पहली बार एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण के लिये अधिसूचित किया गया था जब इनकी संख्या 10 से भी कम हो गई थी।
- 1908 में इसका गठन विशेष रूप से एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण के लिये संरक्षित वन के रूप में कर दिया गया।
- 1970 के दशक में गैंडों की संख्या कुछ सौ थी जो वर्तमान में 3,584 है।
- काजीरंगा नेशनल पार्क को वर्ष 1985 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल में किया गया था।
IUCN क्या है
- IUCN पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाला विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा संगठन है।
- IUCN की स्थापना 5 अक्तूबर, 1948 को फ्राँस में हुई थी। इसकी पहली बैठक में दुनिया के 18 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों, 7 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले 107 राष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया था।
- इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के ग्लांड शहर में अवस्थित है।
- इसका मूल लक्ष्य एक ऐसे विश्व का निर्माण करना है, जहाँ मूल्यों और प्रकृति का संरक्षण हो सके। इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिये IUCN प्रकृति की अखंडता और विविधता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिये वैश्विक समाज को प्रोत्साहित करता है।
- साथ ही, यह प्राकृतिक संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग और पारिस्थितिकीय संरचना को बेहतर बनाने की दिशा में भी सक्रिय है। रेड लिस्ट इसी प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1963 में की गई थी। इसके अतिरिक्त, जैव विविधता, सतत ऊर्जा, हरित अर्थव्यवस्था आदि भी इसके महत्त्वपूर्ण कार्यक्षेत्र हैं।