अंतर्राष्ट्रीय संबंध
इलेक्ट्रानिक चिप निर्माताओं को आकर्षित करने के लिये अर्द्धचालक नीति में संशोधन
- 03 Aug 2017
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संदर्भ
भारत में इलेक्ट्रानिक चिप निर्माताओं को निवेश करने के लिये आकर्षित करने में सरकार की पिछली नीतियाँ विफल रही हैं। इसलिये सरकार देश में अर्द्धचालक वेफर विनिर्माण इकाईयों की स्थापना हेतु प्रौद्योगिकी फर्मों और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिये अब अपनी नीति का पुनरीक्षण करने की कोशिश कर रही है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में अर्द्धचालक वेफर (wafer) निर्माण इकाई की स्थापना के लिये फरवरी 2014 में दो प्रस्तावों को मंज़ूरी दी थी।
- आईबीएम और इज़राइल के टॉवर अर्द्धचालक सहित जयप्रकाश एसोसिएट्स की अगुवाई वाली सह-व्यवस्था (कंसोर्टियम) पिछले साल मार्च में बाहर हो गए थे, लेकिन एचएसएमसी टेक्नोलॉजी की अगुवाई वाली कंसोर्टियम के लिये चीजें आगे नहीं बढ़ रही हैं। ये दोनों परियोजनाएँ ₹ 63,000 करोड़ से ज़्यादा की हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी को भारत में अर्द्धचालक फैब स्थापित करवाने के लिये युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिये हैं।
अर्द्धचालक
- अर्द्धचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी विद्युत् प्रतिरोधकता चालकों से अधिक परंतु कुचालकों से कम होती है। इनका प्रतिरोध ताप बढ़ने पर कम होता है।
- सिलिकॉन और जर्मेनियम अर्द्धचालक के प्रमुख उदाहरण हैं।
अर्द्धचालक उद्योग इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है ?
- मोबाइल फोन सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की लागत का लगभग 30% भाग अर्द्धचालक पर खर्च होता है।
- भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिये एक अर्द्धचालक वफ़र निर्माण यूनिट की स्थापना एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
- उद्योग के अनुमान के मुताबिक, भारतीय एएसडीएम बाज़ार 2015 में 31.6 अरब डॉलर से 2020 तक 400 डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है तथा अर्द्धचालकों की खपत 2020 तक करीब 55 अरब डॉलर होने की संभावना है।
- नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार ताइवान की जीडीपी में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का योगदान 15.5%, दक्षिण कोरिया की जीडीपी में 15.1% और चीन की जीडीपी में 12.7% की तुलना में भारत की जीडीपी में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का योगदान केवल 1.7% है।
- भारत में मूल उपकरण का विनिर्माण केवल असेम्बल करने तक सीमित है, जो यह दर्शाता है कि यह उद्योग अभी विकास के प्रारंभिक दौर में है।