अंतर्राष्ट्रीय खुदरा व्यापार विकास पर IFSCA समिति की अंतरिम रिपोर्ट | 22 Sep 2020
प्रिलिम्स के लियेगुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी कंपनी लिमिटेड, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण मेन्स के लियेIFSC की भारत के लिये महत्ता |
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Services Centre-IFSC) में ‘अंतर्राष्ट्रीय खुदरा व्यापार विकास’ पर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) की विशेषज्ञ समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट IFSCA के अध्यक्ष को सौंप दी है। अंतरिम रिपोर्ट में IFSC में अंतर्राष्ट्रीय खुदरा व्यवसायों के तीव्र और कुशल विकास के उद्देश्य से कई सुझावों को सम्मिलित किया गया है। यह प्रमुख रूप से बैंकिंग क्षेत्र पर केंद्रित है। बीमा, परिसंपत्ति प्रबंधन और पूंजी बाज़ार आदि अन्य प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र हैं, जिन्हें समिति की रिपोर्ट में कवर किया जाएगा ।
प्रमुख बिंदु
- IFSCA द्वारा IFSC में अंतर्राष्ट्रीय खुदरा व्यापार को विकसित करने, IFSC को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं के लिये आकर्षक बनाने हेतु संभावित रणनीतियों का निर्माण करने, IFSC में अंतर्राष्ट्रीय खुदरा व्यापार के विकास के लिये एक रोडमैप प्रदान करने और IFSC के विकास में महत्वपूर्ण अन्य मुद्दों का परीक्षण और अनुशंसा करने के उद्देश्य से विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
- समिति के सुझावों के अनुसार IFSC को निम्न लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये-
1. भारत में अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों और व्यापार के विकास के लिये स्वयं को एक प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित करना।
2. भारतीय डायस्पोरा और एशिया तथा अफ्रीका के व्यक्तियों को IFSC से वित्तीय सेवाओं की एक व्यापक श्रेणी प्रदान करना।
3. उदारीकृत प्रेषण योजना को उपलब्ध कराते हुए घरेलू निवासियों की सेवा करना।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC)
- IFSC घरेलू अर्थव्यवस्था के क्षेत्राधिकार से बाहर के ग्राहकों की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। यह देश की सीमाओं के पार वित्त, वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के प्रवाह संबंधी मामले देखता है।
- गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी कंपनी लिमिटेड (Gujarat International Finance Tech (GIFT)-City Company Limited) को देश के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।
- लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर की गिनती विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों में की जाती है। विश्व भर में कई उभरते IFSCs, जैसे- शंघाई और दुबई, आने वाले वर्षों में एक वैश्विक भूमिका निभाने की ओर अग्रसर हैं।
- वर्ष 2007 में विश्व बैंक के पूर्व अर्थशास्त्री पर्सी मिस्त्री (Percy Mistry) की अध्यक्षता में विशेषज्ञ पैनल ने मुंबई को एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र बनाने के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट ने भारत सहित विश्व के अन्य देशों को अपने वित्तीय क्षेत्रों को तेज़ी से खोलने के बारे में सतर्क किया था।
रिपोर्ट के अनुसार भारत के लिये महत्ता
- IFSC अपने ‘FinServe from IFSC’ के दृष्टिकोण के साथ भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' कार्यकम को पूरा करने में सहायता करेगा।
- IFSC में अंतर्राष्ट्रीय खुदरा व्यापार विकास को बढ़ावा देने के संदर्भ में काफी क्षमताएँ विद्यमान हैं और यदि कुशलतापूर्वक कार्य किया जाए तो यह प्रमुख रूप से तीन उद्देश्यों को पूरा करेगा -
- रोज़गार सृजन में वृद्धि करना।
- भारत के लिये अतिरिक्त राजस्व का सृजन करना।
- भारत में आधारभूत ढाँचे के निर्माण के लिये वित्त (विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों से) को आकर्षित करना।
- विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष प्रदीप शाह के अनुसार, IFSC को अपने वर्ग क्षेत्राधिकार में प्रतिष्ठा, विनियामक वातावरण, कराधान और परिचालन में आसानी आदि कारकों के माध्यम से स्वयं को प्रतिस्पर्द्धात्मक बनाने का लक्ष्य रखना चाहिये।
- भारत सरकार ने IFSC में वित्तीय सेवा बाज़ार के विकास और विनियमन के लिये इस वर्ष की शुरुआत में श्री आई. श्रीनिवास की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) का गठन किया था।
- IFSCA प्राधिकरण गिफ्ट सिटी (GIFT City) स्थित IFSC को भारत के अपतटीय व्यवसाय को चैनलाइज़ करने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं के लिये इसे प्रवेश द्वार बनाने के अलावा लंदन, हांगकांग, सिंगापुर की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं के लिये एक वैश्विक केंद्र बनाने का उद्देश्य रखता है।
आगे की राह
- भारत में IFSC को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं के लिये एक पसंदीदा वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिये इसी वर्ष अप्रैल में स्थापित IFSCA कुशल नियामक प्रणाली प्रदान करने के लिये काम कर रहा है।
- समिति की अनुशंषाओं के आधार पर IFSC में अंतर्राष्ट्रीय खुदरा बाज़ार विकास और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं और निवेशकों के लिये IFSC को आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाना चाहिये।