इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

बिग टेक पर आरबीआई की रिपोर्ट

  • 19 Oct 2022
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय रिज़र्व बैंक, बिग टेक

मेन्स के लिये:

बिग टेक और संबंधित ज़ोखिम, भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी गैर-वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियाँ जिन्हें "बड़ी प्रौद्योगिकियाँ (बिग टेक)" कहा जाता है, उनके तकनीकी लाभ, बड़े उपयोगकर्त्ता समुदाय, वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापक रूप से अपनाने और नेटवर्क प्रभावों के कारण वित्तीय स्थिरता के लिये ज़ोखिम पैदा करती हैं।

बिग टेक

  • विषय:
    • बिग टेक के अंतर्गत अलीबाबा, अमेज़न, फेसबुक, गूगल और टेनसेंट जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
    • ये आमतौर पर स्वामित्त्व नियंत्रण और क्षेत्राधिकार नियामक लाभ के विभिन्न स्तरों के साथ सहायक कंपनियों या संयुक्त उद्यमों के माध्यम से सेवा लाइसेंस रखते हैं।
  • बिग टेक की बढ़ती भूमिका:
    • तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाताओं के रूप में व्यापक रूप से अपनाए जाने को देखते हुए, बड़ी प्रौद्योगिकियाँ आम तौर पर अंतर्निहित मंच बन जाती हैं, जिसके माध्यम से कई सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
      • बाज़ार में अपनी मज़बूत स्थिति के कारण, बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियाँ अब आसानी से क्रॉस-फंक्शनल डेटाबेस प्राप्त कर सकती हैं जिनका उपयोग अत्याधुनिक उत्पाद प्रस्तुत करने के लिये किया जा सकता है।
    • बिग टेक की व्यापकता उन्हें एक बड़ा ग्राहक आधार प्रदान करती है जो ग्राहकों के डेटा के कई पहलुओं तक पहुँच के साथ अपने प्लेटफार्मों उत्पादों का उपयोग करने में उलझे हुए हैं, जिससे मज़बूत नेटवर्क का प्रभाव उत्पन्न होता है।
    • वित्त में बड़ी तकनीक का प्रवेश वित्तीय सेवाओं और उनकी मुख्य गैर-वित्तीय सेवाओं के बीच मज़बूत पूरकता को भी दर्शाता है।
    • तकनीकी लाभों के अलावा, बिग टेक के पास सामान्यतः प्रतिस्पर्धी दबावों का सामना करने के लिये वित्तीय ताकत भी होती है।
  • भारत द्वारा उठाए गए संबंधित कदम:
    • भारत में भुगतान डेटा के स्थानीय भंडारण और महत्त्वपूर्ण भुगतान मध्यस्थों को औपचारिक ढाँचे में लाने के प्रयास किये गए हैं।
    • भुगतान स्वीकृति के बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने और डेटा संरक्षण कानून बनाने के लिये भी पहल की जा रही है।

वित्तीय सेवाओं में बिग टेक सेक्टर से जुड़े जोखिम:

  • जटिल शासन संरचना:
    • बिग टेक की जटिल शासन संरचना प्रभावी निरीक्षण और इकाई-आधारित नियमों की गुंज़ाइश को सीमित करती है।
      • तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं के रूप में बिग टेक को अपनाने के कारण वे अंतर्निहित मंच बन गए हैं जिस पर कई सेवाओं की पेशकश की जाती है।
  • समान अवसर प्रदान करने में बाधाएँ:
    • बिग टेक, फिनटेक क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये एक समान अवसर प्रदान करने में एक बाधा हैं।
  • डेटा गोपनीयता समस्याएँ:
    • तकनीकी कंपनियाँ उपयोगकर्त्ता डेटा को कैसे संसाधित करती हैं, इसमें पारदर्शिता की कमी है, जिसने गंभीर और महत्त्वपूर्ण गोपनीयता चिंताओं को उठाया है।

आगे की राह

  • सुविधा हेतु फ्रेमवर्क को संरेखित करना:
    • फिनटेक स्पेस में निष्पक्षता को सुविधाजनक बनाने के लिये नियामक, बिगटेक द्वारा उत्पन्न संभावित जोखिमों का प्रबंधन करते हुए अपने नियामक ढाँचे को फिर से संगठित कर रहे हैं।
  • नवाचारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता:
    • वित्तीय संस्थानों और तकनीकी कंपनियों के बीच तेज़ी से जटिल अंतर-संबंधों के साथ नियामक ढाँचे को नए जोखिम प्रसार चैनलों से उत्पन्न होने वाली कमज़ोरियों को रोकने के लिये नवाचारों के साथ तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता है।।
  • नए अंतर-संबंधों के प्रति सचेत:
    • उभरते बाज़ार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDE) में नियमों को मौजूदा वित्तीय संस्थानों के साथ बिगटेक द्वारा बनाए जा सकने वाले नए अंतर-संबंधों के बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है।

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2