भारतीय अर्थव्यवस्था
ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा अक्षय ऊर्जा का उत्पादन
- 17 Nov 2021
- 4 min read
प्रिलिम्स के लिये:डिस्कॉम, COP26, अक्षय ऊर्जा मेन्स के लिये:ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा अक्षय ऊर्जा के उत्पादन हेतु जारी दिशा-निर्देशों का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ऊर्जा तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों (Ministries of Power and New and Renewable Energy) द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गए है जो थर्मल उत्पादन कंपनियों को मौजूदा बिजली खरीद समझौतों/पावर परचेज़ अग्रीमेंट (Power Purchase Agreements- PPAs) के तहत अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता (Renewable Energy Generation Capacity) स्थापित करने और उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने की अनुमति प्रदान करते हैं।
प्रमुख बिंदु
- दिशा-निर्देश:
- हरित ऊर्जा के लिये अक्षय ऊर्जा का उत्पादन: नए दिशा-निर्देश अक्षय/थर्मल उत्पादन कंपनियों को ‘स्वयं’ द्वारा या डेवलपर्स के माध्यम से खुली बोलियों द्वारा अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने और मौजूदा PPA के तहत उपभोक्ताओं को विद्युत की आपूर्ति करने की अनुमति देते हैं।
- पावर परचेज़ अग्रीमेंट (PPA), या इलेक्ट्रिसिटी पावर अग्रीमेंट, दो पक्षों के मध्य एक अनुबंध है, जिसमें एक विद्युत का उत्पादन करता है (बिजली उत्पादन कंपनियांँ (जेनकोस) और जो विद्युत खरीदना चाहता है (डिस्कॉम)।
- आरपीओ पूरक डिस्कॉम: डिस्कॉम को योजना के अंतर्गत खरीदी गई अक्षय ऊर्जा की गणना अक्षय खरीद दायित्व (Renewable Purchase Obligation- RPO) के तहत करने की अनुमति होगी।
- RPO एक ऐसा तंत्र है जिसके तहत राज्य विद्युत नियामक आयोग अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली का एक निश्चित प्रतिशत खरीदने के लिये बाध्य होते हैं।
- अक्षय ऊर्जा की मांग उत्पन्न करने के उद्देश्य से पूरे देश में RPO को लागू किया जा रहा है।
- RPO लक्ष्य: आरपीओ के दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र के तहत राज्यों को वित्त वर्ष 2022 में अक्षय स्रोतों से प्राप्त विद्युत अनुपात को उनकी कुल खरीद के 21.2% तक बढ़ाने के लिये कहा गया है।
- डिस्कॉम के साथ फंड शेयरिंग: अक्षय ऊर्जा के माध्यम से विद्युत उत्पादन की कम लागत से थर्मल पावर प्लांट को होने वाली किसी भी बचत को 50:50 के आधार पर डिस्कॉम के साथ साझा किया जाएगा।
- हरित ऊर्जा के लिये अक्षय ऊर्जा का उत्पादन: नए दिशा-निर्देश अक्षय/थर्मल उत्पादन कंपनियों को ‘स्वयं’ द्वारा या डेवलपर्स के माध्यम से खुली बोलियों द्वारा अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने और मौजूदा PPA के तहत उपभोक्ताओं को विद्युत की आपूर्ति करने की अनुमति देते हैं।
Structure of Power Sector
- महत्त्व:
- हरित ऊर्जा को बढ़ावा: यह मौजूदा PPAs के तहत नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा के प्रतिस्थापन को सक्षम करेगा।
- वैश्विक प्रतिबद्धताओं के साथ तालमेल: इस कदम का उद्देश्य COP26 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं के अनुरूप अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता को वर्ष 2030 तक 500 GW तक बढ़ाना है।