शासन व्यवस्था
प्रवासियों हेतु दूरस्थ मतदान की सुविधा
- 18 Jan 2023
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:ECI, VVPAT, रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, e-SHRAM पोर्टल, EVM, सर्वोच्च न्यायालय। मेन्स के लिये:प्रवासियों और संबद्ध चिंताओं के लिये दूरस्थ मतदान। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने एक नई रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) का प्रस्ताव रखा, जो घरेलू प्रवासियों को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चुनावों में मतदान करने की अनुमति देगा।
- चुनाव आयोग ने राज्य विधानसभा चुनाव में इसे पायलट के रूप में इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया ताकि राज्य के भीतर आंतरिक प्रवासी अपने मतपत्र डाल सकें।
रिमोट वोटिंग की आवश्यकता:
- मतदान प्रतिशत में कमी:
- वर्ष 2019 के आम चुनाव मे, 91% से अधिक नागरिक पंजीकृत थे, जिनमें से 67% ने मतदान किया था, जो देश के इतिहास में सबसे अधिक मतदान है।
- हालाँकि यह चिंताजनक है कि पात्र मतदाताओं में से एक-तिहाई, अर्थात् लगभग 30 करोड़ लोगों ने मतदान नहीं किया।
- आंतरिक प्रवासन:
- कम मतदान के कारणों में से एक आंतरिक पलायन था जो मतदाताओं को उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों से दूर ले गया।
- मतदाता अपना नाम उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में जोड़ सकते हैं जिसमें वे आमतौर पर रहते हैं, लेकिन कई लोगों ने विभिन्न कारणों से अपने गृह निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता पहचान पत्र बनाए रखने का विकल्प चुना।
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश:
- प्रवासियों को मतदान के अवसरों से कथित रूप से वंचित करने पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 में चुनाव आयोग को दूरस्थ मतदान के विकल्पों का पता लगाने का निर्देश दिया था।
- असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण में वृद्धि:
- लगभग 10 मिलियन प्रवासी श्रमिक असंगठित क्षेत्र से संबंधित हैं, जो सरकार के ई-श्रम पोर्टल के साथ पंजीकृत हैं। यदि दूरस्थ मतदान प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो इसके दूरगामी प्रभाव होंगे।
दूरस्थ मतदान के लिये वर्तमान प्रस्ताव:
- RVM:
- RVM (Remote Voting Machine) मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का संशोधित संस्करण है।
- प्रवासियों के गृह राज्य में चुनाव होने पर विभिन्न राज्यों में विशेष दूरस्थ मतदान केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
- RVM एक ही मतदान केंद्र से कई दूरस्थ निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है।
- इसके लिये एक निश्चित बैलेट पेपर शीट के बजाय, मशीन को एक इलेक्ट्रॉनिक डायनेमिक बैलेट डिस्प्ले के लिये संशोधित किया गया है, जो एक निर्वाचन क्षेत्र कार्ड रीडर द्वारा पढ़े गए मतदाता की निर्वाचन क्षेत्र संख्या के अनुरूप विभिन्न उम्मीदवारों की सूची पेश करेगी।
- सुरक्षा:
- प्रणाली में एक ऐसा उपकरण होगा जिसकी सहायता से मतदाता अपना वोट सत्यापित कर सकता है।
- मतगणना के दिन की गणना के लिये ये इकाइयाँ प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक उम्मीदवार के लिये डाले गए वोटों को सुरक्षित रखेंगी।
- इसके बाद परिणाम को RO (रिटर्निंग ऑफिसर) के साथ साझा किया जाएगा।
- रिटर्निंग ऑफिसर एक या एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावों की देखरेख के लिये उत्तरदायी होता है।
वर्तमान EVM की कार्यप्रणाली:
- वर्ष 1992 से भारत में बड़े पैमाने पर EVM का इस्तेमाल किया जाने लगा और वर्ष 2000 से सभी लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों में इसका इस्तेमाल किया गया है।
- इस मशीन का नवीनतम संस्करण M3 मॉडल है, जिसका विनिर्माण वर्ष 2013 से किया जा रहा है। वर्ष 2010 में निर्वाचन आयोग को EVM में सही ढंग से वोट दर्ज होना सुनिश्चित करने वाली एक प्रणाली विकसित करने के लिये कई राजनीतिक दलों से अनुरोध प्राप्त हुआ।
- परिणामस्वरूप ECI ने वोटर वेरिफाइड पेपर ट्रेल ऑडिट (VVPAT) मशीन विकसित की, जिसका उपयोग वर्ष 2017 के मध्य से चुनावों में सामान्य रूप से किया जाने लगा।
- वर्तमान EVM सेटअप में एक बैलेटिंग यूनिट शामिल है, जो VVPAT प्रिंटर से जुड़ी होती है और मतदान कक्ष के अंदर स्थित होती है।
- VVPAT कंट्रोल यूनिट (CU) से जुड़ा होता है, जो पीठासीन अधिकारी (PO) की निगरानी में रहता है और डाले गए वोटों की संख्या का योग करता है।
- VVPAT चुनाव चिह्न और उम्मीदवार के नाम के साथ एक पर्ची प्रिंट करता है, जो VVPAT के अंदर एक बॉक्स में गिराए जाने से पहले मतदाता को सात सेकंड के लिये दिखाई देता है।
संबंधित चिंताएँ और चुनौतियाँ:
- प्रवासी मतदान के लिये बहु-निर्वाचन RVM में EVM के समान सुरक्षा प्रणाली और मतदान का अनुभव होगा। इसका अर्थ है कि मौजूदा EVM से संबंधित चुनौतियाँ RVM में भी बनी रहेंगी।
- मशीन से संबंधित चिंताओं के अतिरिक्त रिमोट वोटिंग को तार्किक और प्रशासनिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। इनमें दूरस्थ स्थानों में मतदाता पंजीकरण किस प्रकार होगा, गृह निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची से नाम कैसे हटाए जाएंगे, दूरस्थ मतदान आवेदनों को कैसे पारदर्शी बनाया जाएगा आदि से संबंधित प्रश्न शामिल हैं।
- वर्तमान VVPAT तकनीक पूरी तरह से मतदाता के मतदान को वैध ठहराने में सक्षम नहीं है, भले ही एक मतदाता सात सेकंड के लिये अपने मतपत्र को देख सकता है। यह वैध तब होगा जब मतदाता को इसका प्रिंटआउट प्राप्त हो, साथ ही मतपत्र डालने से पहले इसे स्वीकृत करने तथा किसी भी प्रकार की गलती की स्थिति में इसे रद्द करने की भी सुविधा उपलब्ध हो।
- वर्तमान प्रणाली के तहत, यदि मतदाता अपने मतपत्र के संबंध में किसी प्रकार की शंका या दुविधा को लेकर शिकायत करता है तो उसे एक चुनाव अधिकारी की उपस्थिति में एक टेस्ट वोट की अनुमति दी जाती है, लकिन यदि टेस्ट वोट के अनुसार परिणाम मतदाता के पक्ष में नहीं होता है, तो मतदाता को दंडित किया जा सकता है या उस पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है। रिमोट वोटिंग के साथ भी ऐसा ही हो सकता है।
आगे की राह
- मतदान प्रक्रिया सत्यापन योग्य एवं सही होने के लिये यह मशीन स्वतंत्र या सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर स्वतंत्र होना चाहिये, जिसका अर्थ है, इसकी सत्यता की स्थापना केवल इस धारणा पर निर्भर नहीं होनी चाहिये कि EVM सही है।
- "मतदाता के संतुष्ट नहीं होने पर वोट रद्द करने हेतु एक एजेंसी होनी चाहिये और रद्द करने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिये तथा मतदाता को किसी के साथ बातचीत करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिये।
- यह महत्त्वपूर्ण है कि दूरस्थ मतदान की किसी भी प्रणाली को चुनाव प्रणाली के सभी हितधारकों मतदाताओं, राजनीतिक दलों और चुनाव मशीनरी के विश्वास तथा स्वीकार्यता को ध्यान में रखना होगा। अधिकारियों ने समिति को सूचित किया है कि राजनीतिक सहमति दूरस्थ मतदान शुरू करने का तरीका है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत में मतदान करने और निर्वाचित होने का अधिकार है: (2017) (a) मौलिक अधिकार उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। |