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भारतीय अर्थव्यवस्था

निर्यात उत्पादों पर शुल्कों तथा करों में छूट

  • 09 Dec 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

निर्यात किये जाने वाले उत्पादों पर निर्यात शुल्क और कर में छूट

मेन्स के लिये:

निर्यात से संबंधित विभिन्न योजनाएँ तथा उनके प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के नए निर्यातकों तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमियों (MSMEs) ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये नए मानदंडों की मांग की है।

मुख्य बिंदु:

  • निर्यातकों को सरकार की नई निर्यात नीति और ‘निर्यात उत्पादों पर शुल्कों तथा करों में छूट’ (Remission of Duties or Taxes on Export Product- RoDTEP) योजना पर स्पष्टता का इंतज़ार है।
  • निर्यातकों को उम्मीद है कि RoDTEP मौजूदा MEIS योजना की तुलना में निर्यात को पर्याप्त रूप से प्रोत्साहित करेगी।

निर्यातकों की चिंताएँ:

  • प्लास्टिक निर्यातकों ने कुछ उत्पाद श्रेणियों के निर्यात नियमों में स्पष्टता की मांग की है क्योंकि इन उत्पादों से संबंधित निर्यात नियमों में प्लास्टिक तथा टेक्सटाइल क्षेत्र के बीच अधिव्यापन (Overlap) है।
  • 2-4 दिसंबर, 2019 तक मुंबई में संपन्न हुई भारत की सबसे बड़ी निर्यात सोर्सिंग (Sourcing) प्रदर्शनी CAPINDIA 2019 आयोजित की गई।
  • ‘द प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल’ (The Plastic Export Promotion Council- PLEXCONCIL) के अनुसार, टेक्सटाइल उद्योग को MEIS से बाहर किये जाने से ऐसे निर्यातकों जो प्लास्टिक और टेक्सटाइल दोंनों उद्योगों से संबंधित हैं, को रिफंड तथा प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  • MSMEs निर्यातकों ने मौजूदा निर्यात प्रोत्साहन तथा हाल में आधारभूत वस्तुओं के निर्यात मानदंडों पर चिंता जताई है।
  • ‘केमिकल एंड अलाइड एक्सपोर्ट प्रमोशन ऑफ इंडिया’ (Chemical and Allied Export Promotion of India) के अनुसार, निर्यातकों ने सरकार से विनिर्माण उद्योग के आधारभूत ढाँचे के विकास और मुक्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मानदंडों पर ध्यान केंद्रित करने तथा बुनियादी ढाँचा क्षेत्र एवं स्मार्ट सिटी मिशन को अधिक बजट आवंटित करने के लिये कहा है।

कैप इंडिया, 2019

CAP INDIA, 2019:

  • इस प्रदर्शनी का आयोजन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग द्वारा मुंबई में किया गया।
  • इस प्रदर्शनी में अफ्रीका से पर्याप्त प्रतिनिधित्त्व था जो कि प्लास्टिक निर्यात के लिये एक नवोदित गंतव्य बनकर उभरा है।
  • इस कार्यक्रम में कंबोडिया ने भी पहली बार अपना प्रतिनिधिमंडल भारत भेजा था।
  • PLEXCONCIL के अनुसार, इस वर्ष तमिलनाडु ऐसा अकेला राज्य था जिसने केंद्र सरकार की इस प्रमोशनल (Promotional) पहल का लाभ उठाते हुए अपने सभी MSMEs तथा नए निर्यातकों को एक मंच प्रदान किया जिन्होंने 48 देशों के 400 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीददारों के सामने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।
  • संयुक्त राष्ट्र की सतत् विकास लक्ष्य संख्या- 11 के तहत सभी के लिये आवास की उपलब्धता के अंतर्गत भारत के विनिर्माण क्षेत्र और निर्माण संबंधी सामग्री के उद्योगों में वृद्धि होगी।
  • भारत के वन उत्पादों का अब मध्यस्थों की भूमिका के बिना निर्यात किया जा सकेगा।

RoDTEP के बारे में:

  • RoDTEP 1 जनवरी, 2020 से ‘मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम’
  • (Merchandise Export from India Scheme- MEIS) योजना का स्थान लेगी।
  • यह योजना GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के लिए स्वचालित मार्ग का निर्माण करके भारत के निर्यात को बढ़ाने में सहायता करेगी।
  • यह योजना निर्यात पर लगने वाले शुल्क को कम करके निर्यातकों को प्रोत्साहित करेगी।
  • साथ ही इसके तहत निर्यातकों के लिये उत्पादन के बाद की लागत को कम करने हेतु विश्व व्यापार संगठन (WTO) के साथ समन्वय किया जाएगा।

स्रोत- द हिंदू

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