कृषि
आधार सीडिंग की अवधि में छूट
- 25 Apr 2020
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प्रीलिम्स के लियेप्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना मेन्स के लियेविभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित चुनौतियाँ और उन्हें उपाय |
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN Scheme) के तहत असम एवं मेघालय राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों को लाभ प्रदान करने के लिये डेटा की आधार सीडिंग की अनिवार्य आवश्यकता में 31 मार्च, 2021 तक छूट देने को मंज़ूरी प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- नियमों के अनुसार, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN Scheme) के तहत लाभ की राशि केवल PM-किसान पोर्टल पर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा अपलोड किये गए लाभार्थियों के आधार सीडेड (Aadhaar Seeded) डेटा के जरिये ही जारी की जाती है।
- हालाँकि, असम एवं मेघालय राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को 31 मार्च, 2020 तक इस नियम से छूट प्रदान की गई थी, जो कि अब खत्म हो चुकी है। इस राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को छूट प्रदान करने का मुख्य कारण यह है कि उस समय इनका इनका आधार डेटाबेस काफी कम था।
आवश्यकता
- केंद्र सरकार द्वारा किये गए आकलन के अनुसार, असम, मेघालय, जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के पात्र के डेटा की आधार सीडिंग के कार्य को पूरा करने में अभी बहुत अधिक समय लगेगा।
- अतः यदि डेटा की आधार सीडिंग की अनिवार्य आवश्यकता में छूट की अवधि को बढाया नहीं जाता है तो इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थी 1 अप्रैल, 2020 के बाद से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
- इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लाभार्थी किसानों की कुल संख्या, जिन्हें अब तक कम-से-कम एक किस्त का भुगतान किया गया है, असम में 27,09,586, मेघालय में 98,915 और लद्दाख समेत जम्मू-कश्मीर में 10,01,668 है।
आधार सीडिंग (Aadhaar Seeding) और इसका महत्त्व
- आधार सीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्षेत्र विशिष्ट के निवासियों के आधार नंबर को सेवा प्रदाताओं द्वारा सेवा वितरण डेटाबेस में शामिल किया जाता है ताकि सेवा वितरण के दौरान डेटाबेस के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान आसानी से की जा सके।
- ध्यातव्य है कि आधार नंबर स्वयं में एक अनूठा नंबर होता है और यह एक व्यक्ति के संपूर्ण जीवनकाल में परिवर्तित नहीं होता है, इस प्रकार उस व्यक्ति की पहचान करने के लिये यह सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प होता है।
- आधार का प्रयोग किये बिना किसी लाभार्थी को लाभ हस्तांतरित करने के लिये सरकार/संस्था को बैंक खाता नंबर, IFSC कोड और बैंक शाखा विवरण आदि की आवश्यक होती है, किंतु यदि इस कार्य के लिये आधार डेटाबेस का प्रयोग किया जाता है तो इस कार्य को केवल 12 अंकों के नंबर के साथ पूरा किया जा सकता है।
- इसके माध्यम से प्रशासनिक बोझ कम किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 फरवरी, 2019 को लघु एवं सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
- आरंभ में यह योजना केवल लघु एवं सीमांत किसानों (2 हेक्टेयर से कम जोत वाले) के लिये ही शुरू की गई थी, किंतु योजना लागू होने के कुछ समय पश्चात् कैबिनेट द्वारा लिये गए निर्णय के उपरांत यह योजना देश भर के सभी किसानों हेतु लागू कर दी गई।
- इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की दर से आय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यह आय सहायता 2,000 रुपए की तीन समान किस्तों में लाभान्वित किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष रूप से हस्तांतरित की जाती है, ताकि संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।