जंगली मांस क्षेत्रों का विनियमन | 09 Mar 2020
प्रीलिम्स के लिये:जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय मेन्स के लियेस्थानीय लोगों के अधिकार तथा जैव विविधता |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इटली के रोम में ‘जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय’ (United Nations Convention on Biological Diversity- CBD) की ‘पोस्ट 2020 ग्लोबल फ्रेमवर्क’ बैठक में जंगली मांस क्षेत्र को विनियमित करने संबंधी सर्वे के परिणाम जारी किये गए।
मुख्य बिंदु:
- यह ओपन सर्वे (The Open Survey) 31 जुलाई, 2019 से 20 सितंबर, 2019 के बीच आयोजित किया गया। यह वर्ष 2018 में आयोजित CBD, COP-14 बैठक में ‘सतत् वन्यजीव प्रबंधन’ पर अपनाई गई संधि के बाद किया गया पहला सर्वेक्षण था।
- इस सर्वेक्षण का उद्देश्य जंगली मांस के व्यापार का पता लगाकर इसके व्यापार का विनियमन करना है।
विनिमयन की आवश्यकता:
- नगरीय क्षेत्रों में जंगली मांस की बढ़ती खपत ने इस क्षेत्र को विनियमित करने की आवश्यकता को बढ़ाया है। अफ्रीकी देशों के शहरी क्षेत्रों में जंगली मांस की खपत लगातार बढ़ रही है।
- कांगो बेसिन में लगभग 65 प्रतिशत जानवरों का शिकार जंगली मांस के लिये, शहरी निवासियों की मांग को पूरा करने के लिये किया जाता है।
- यह परिणाम उस मान्यता का खंडन करता है जब अनेक देशों का कहना है कि उन्होंने जंगली मांस की मांग को कम करने के लिये अनेक कदम उठाए हैं।
- ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के मुताबिक, ‘कोरोनावायरस‘ का प्राथमिक स्रोत चमगादड़ हो सकता है तथा यह वायरस इंसानों को प्रभावित करने से पूर्व अन्य जानवर में प्रवेश करता हैं। चीन दुनिया में जंगली जानवरों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है जहाँ वैध और अवैध ढंग से इसका व्यापार होता है, अत: चीन में कोरोनावायरस फैलने का कारण वहाँ का वेट (Wet) मांस बाज़ार हो सकता है।
कांगो बेसिन:
- कांगो बेसिन पृथ्वी पर बचे हुए सबसे महत्त्वपूर्ण वन क्षेत्रों में से एक है जो 500 मिलियन एकड़ से अधिक वन क्षेत्र में फैला है और दुनिया का दूसरा बड़ा उष्णकटिबंधीय वन क्षेत्र है।
- नदियों, जंगलों, सवाना जलवायु, दलदलों से युक्त मोज़ेक (Mosaic) कांगो बेसिन में पाया जाता है।
- यहाँ गोरिल्ला, हाथी और भैंस आदि जानवर पाए जाते हैं।
- कांगो बेसिन छह देशों कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी और गैबॉन में फैला है।
स्थानीय समुदाय की अवहेलना:
- स्थानीय समुदाय जो सतत् वन्यजीव प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, की इस सर्वेक्षण में अवहेलना की गई है। अत: इस सर्वेक्षण ने इस प्रकार आयोजित किये जाने वाले सर्वेक्षणों तथा उनमें शामिल होने वाले प्रतिभागियों पर कई सवाल खड़े किये हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल कुछ लोगों में से ⅗ लोग संबंधित क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों से संबंधित थे, जबकि ⅖ लोग CBD के पक्षकार थे।
स्थानीय समुदाय की भूमिका:
- जंगली मांस, वन में निवास करने वाले स्थानीय समुदायों के लिये प्रोटीन और आजीविका का एक अनिवार्य स्रोत है।
- हाल में जंगली मांस के वाणिज्यिक व्यापार में वृद्धि होना वन्यजीवों की संख्या में गिरावट के कारणों में से एक है। संरक्षण कार्यों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी आवश्यक है क्योंकि स्थानीय समुदाय ‘सतत् वन्यजीव प्रबंधन’ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सर्वे के अन्य निष्कर्ष:
- सीबीडी द्वारा अपनाए गए मार्गदर्शन निर्देशों पर संबंधित पक्षों को उम्मीद है कि इससे प्रबंधित जंगली मांस की मांग में कमी आएगी तथा इसे विधिक एवं विनियमित स्वरूप प्रदान किया जा सकेगा।
- सर्वेक्षण के अनुसार, CBD के सभी पक्षकार देशों में स्थानीय समुदायों को वन्यजीवों के उपभोग करने तथा संबंधित आजीविका को मान्यता देने वाले पर्याप्त कानून हैं।
आगे की राह:
- विकास की अवधारणा एक सापेक्षिक अवधारणा है। ज्ञातव्य है कि मानव जाति के जीवन स्तर में गुणात्मक परिवर्तन ही सही मायने में विकास है और मानव जाति, पर्यावरण के जैवमंडल का अटूट हिस्सा है अर्थात् दोनों सह-संबंधित हैं।
- अतः आवश्यकता है कि सामूहिक प्रयासों के माध्यम से विकास और पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में तालमेल बिठाया जाए तथा पर्यावरण एवं वन्यजीवों के संरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे को किसी भी राजनैतिक हस्तक्षेप से दूर रखा जाए।
पोस्ट 2020 ग्लोबल फ्रेमवर्क:
- आगामी दशकों में जैव विविधता में सकारात्मक सुधार के लिये नीति-निर्धारण में ‘पोस्ट 2020 ग्लोबल फ्रेमवर्क’ के महत्त्व को स्वीकार किया गया है।
- घोषणापत्र में ‘पोस्ट 2020 ग्लोबल फ्रेमवर्क’ के अंतर्गत पर्यावरण संवर्द्धन के क्षेत्र में बहुपक्षीय पर्यावरण समझौतों, क्षेत्रीय और सीमा पार सहयोग प्रणाली आदि के माध्यम से वैश्विक सहयोग बढ़ाने तथा सामुदायिक स्तर पर योजनाओं का अनुभव साझा करने जैसे प्रयास शामिल करने की सलाह दी गई है।
- इसके साथ ही ‘पोस्ट 2020 ग्लोबल फ्रेमवर्क’ के तहत योजना की सफलता (लक्ष्यों पर प्रगति की स्थिति, जैव विविधताओं को जोड़ने पर कार्य प्रगति) के मूल्यांकन के लिये प्रवासी प्रजातियों की स्थिति के विभिन्न सूचकांकों जैसे-वाइल्ड बर्ड इंडेक्स, लिविंग प्लैनेट इंडेक्स आदि को शामिल करने की बात कही गई है।