जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 | 28 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण, भारत के रजिस्ट्रार जनरल मेन्स के लिये:जनसंख्या और संबद्ध मुद्दे, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 में संशोधन का प्रस्ताव दिया था।
- इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
प्रस्तावित संशोधन:
- इसमें जीवन के लगभग हर क्षेत्र जैसे कि शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, मतदाता सूची में नाम, केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में नियुक्ति, ड्राइविंग लाइसेंस तथा पासपोर्ट जारी करने इत्यादि के लिये जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य दस्तावेज़ बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के लिये यह अनिवार्य होगा कि वे मृत्यु का कारण बताते हुए मृत्यु के प्रमाण पत्रों की एक प्रति मृतक के रिश्तेदार के अलावा स्थानीय रजिस्ट्रार को भी प्रदान करें।
- नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) की रिपोर्ट के अनुसार, देश के लिये जन्म का पंजीकरण स्तर 2010 में 82.0% से बढ़कर 2019 में 92.7% हो गया और मृत्यु संबंधी पंजीकरण स्तर 2010 में 66.9% से बढ़कर 2019 में 92.0% हो गया।
- CRS, RGI के परिचालन नियंत्रण के तहत जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिये एक ऑनलाइन प्रणाली है।
संशोधनों की आवश्यकता:
- प्रस्तावित संशोधन, "राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु का डेटाबेस बनाए रखने" में सक्षम करेगा।
- राष्ट्रीय स्तर पर जन्म और मृत्यु डेटाबेस जो कि RGI के पास उपलब्ध होगा, का उपयोग जनसंख्या रजिस्टर, चुनावी रजिस्टर और आधार, राशन कार्ड, पासपोर्ट एवं ड्राइविंग लाइसेंस डेटाबेस को अपडेट करने के लिये किया जा सकता है।
- यदि संशोधनों को लागू किया जाता है, तो केंद्र राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register- NPR) को अद्यतन करने के लिये डेटा का उपयोग कर सकता है जिसे पहली बार वर्ष 2010 में तैयार किया गया था और वर्ष 2015 में डोर-टू-डोर गणना के माध्यम से संशोधित किया गया था।
- NPR में पहले से ही 119 करोड़ निवासियों का डेटाबेस है और नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2003 के तहत, यह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens- NRC) के निर्माण की दिशा में पहला कदम है।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण (Registration of Birth and Death- RBD) अधिनियम, 1969:
- भारत में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण कराना जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 के अधिनियमन के साथ अनिवार्य है और इस प्रकार का पंजीकरण घटना के स्थान के अनुसार किया जाता है।
- RBD अधिनियम के तहत जन्म और मृत्यु का पंजीकरण करना राज्यों की ज़िम्मेदारी है।
- राज्य सरकारों ने जन्म और मृत्यु के पंजीकरण तथा उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के लिये सुविधा तंत्र स्थापित किया है।
- प्रत्येक राज्य में नियुक्त एक मुख्य रजिस्ट्रार इस अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु कार्यकारी प्राधिकारी होता है।
- अधिकारियों का एक पदानुक्रम ज़िला और उससे निचले स्तर पर यह काम करता है।
- इस अधिनियम के तहत नियुक्त महापंजीयक, RBD अधिनियम के कार्यान्वयन के समन्वय और एकीकरण के लिये ज़िम्मेदार होता है।