REDD+ कार्यक्रम | 30 Jun 2020
प्रीलिम्स के लिये:REDD+ कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र REDD कार्यक्रम मेन्स के लिये:REDD+ कार्यक्रम |
चर्चा में क्यों?
युगांडा ‘निर्वनीकरण और वन निम्नीकरण से होने वाले उत्सर्जन में कटौती’ (Reducing Emissions from Deforestation and Forest Degradation- REDD+) कार्यक्रम के माध्यम से उत्सर्जन में कमी के परिणाम प्रस्तुत करने वाला पहला अफ्रीकी देश बन गया है।
प्रमुख बिंदु:
- REDD+ कार्यक्रम का उद्देश्य निर्वनीकरण और वन निम्नीकरण में कमी के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना है।
- ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन' (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) को परिणाम प्रस्तुत करने से देश को REDD+ कार्यक्रम के संभावित परिणाम-आधारित भुगतानों (Results-Based Payments) का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
REDD+ कार्यक्रम:
- REDD+ ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ के भागीदार देशों द्वारा विकसित एक तंत्र है। यह विकासशील देशों को वनाच्छादित भूमि से उत्सर्जन में कमी कम करने तथा कम कार्बन आधारित निवेश को प्रोत्साहन देकर सतत् विकास को प्रोत्साहित करता है।
REDD+ के चरण:
REDD+ कार्यक्रम के निम्नलिखित तीन चरण हैं:
- तत्परता (Readiness):
- राष्ट्रीय REDD+ रणनीति और क्षमता निर्माण का चरण
- कार्यान्वयन (Implementation):
- प्रदर्शन गतिविधियों का चरण
- परिणाम-आधारित भुगतान (Result-Based Payment):
- परिणाम आधारित भुगतान REDD+ कार्यक्रम का अंतिम चरण है।
- यह उन विकासशील देशों जिनके द्वारा निश्चित अवधि के दौरान निर्वनीकरण पर रोक लगाई है, को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है।
- यह संयुक्त राष्ट्र समर्थित तकनीकी मूल्यांकन के माध्यम से किया जाता है। ब्राज़ील परिणाम आधारित भुगतानों के तहत निधि प्राप्त करने वाला प्रथम देश था।
संयुक्त राष्ट्र REDD कार्यक्रम:
- UN-REDD कार्यक्रम विकासशील देशों में निर्वनीकरण और वन निम्नीकरण से होने वाले उत्सर्जन में कटौती‘ (REDD+) की दिशा में संयुक्त राष्ट्र का सहयोग कार्यक्रम है।
- कार्यक्रम की शरुआत वर्ष 2008 में की गई थी।
- कार्यक्रम को ‘खाद्य एवं कृषि संगठन’ (Food and Agriculture Organization- FAO), ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (United Nations Development Programme-UNDP) और ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम’ (United Nations Environment Programme- UNEP) की निर्धारित भूमिका और तकनीकी विशेषज्ञता के आधार पर बनाया गया है।
- कार्यक्रम अफ्रीका, एशिया-प्रशांत और लैटिन अमेरिका के भागीदार देशों में राष्ट्रीय REDD+ तत्परता (Readiness) चरणों के प्रयासों को समर्थन प्रदान करता है।
REDD+ तथा UN-REDD कार्यक्रम में अंतर:
युगांडा में REDD+ कार्यक्रम:
- युगांडा में REDD + कार्यक्रम को देश की राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन नीति के एक भाग के रूप में वर्ष 2013 में तथा वर्ष 2017 में REDD+ रणनीति को शुरू किया।
- युगांडा सरकार ने REDD+ रणनीति के तहत वर्ष 2015-17 के दौरान कार्बन उत्सर्जन में कमी को मापने के लिये वन परिवर्तन तथा संबंधित उत्सर्जन कारकों के क्षेत्र में किये गए प्रदर्शन का आकलन करने का निर्णय लिया।
- इस आकलन पर आधारित परिणामों को हाल ही में UNFCCC को प्रस्तुत किया गया है।
- युगांडा द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों के अनुसार, उसने वर्ष 2015-2017 की अवधि के दौरान 8,070,694 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया।
प्रस्तुत परिणामों का महत्त्व:
- इससे युगांडा को ‘हरित जलवायु कोष’ (Green Climate Fund- GCF) के तहत वन संरक्षण योजना के माध्यम से निधि प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- यह अन्य अफ्रीकी देशों को निर्वनीकरण और वन निम्नीकरण में कमी के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिये प्रोत्साहित करेगा।
- यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि अफ्रीका में शुद्ध वन ह्रास की दर विश्व में सर्वाधिक 3.9 मिलियन हेक्टेयर प्रति दशक है।
REDD+ कार्यक्रम के समक्ष चुनौतियाँ:
- REDD+ कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि देशों द्वारा वनीकरण के स्थान पर अन्य प्राथमिकताओं यथा- कृषि, खनन, ऊर्जा और वानिकी को वरीयता दी जाती है।
निष्कर्ष:
- REDD+ कार्यक्रम के सभी चरणों के क्रियान्वयन के लिये कार्यक्रम के डिज़ाइन, क्रियान्वयन तथा परिणामों का विश्लेषण आवश्यक है। अफ्रीका में REDD+ के सभी चरणों के क्रियान्वयन से इस बात की पूरी संभावना है कि अगले दशक में अफ्रीका वन चैंपियन के रूप में स्थान प्राप्त करेगा।