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चेन्नई –अंडमान सबमरीन केबल प्रोजेक्ट को लेकर रेड अलर्ट जारी

  • 13 Jul 2017
  • 3 min read

संदर्भ
जहाँ चीन और भारत की सीमा से लगे सिक्किम क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैन्य दस्तों में तनाव व्याप्त है, वहीं सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिये एक सबमरीन टेलीकॉम केबल बिछाने के लिये चीनी कंपनियों द्वारा बोली लगाने को देश की सुरक्षा व्यवस्था में होने वाली लापरवाही के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • सरकार के विभाग और उद्योग, चेन्नई और अंडमान निकोबार द्वीप समूहों के मध्य टेलीकॉम केबल बिछाने के लिये चीनी कंपनियों द्वारा बोली लगाए जाने के खिलाफ हैं। 
  • स्रोतों के मुताबिक, आठ फाइबर केबल में से दो फाइबर केबल का उपयोग रक्षा क्षेत्र के लिये किया जाएगा। 
  • हालाँकि, रक्षा मंत्रालय ने प्रोजेक्ट से संबंधित चिंताओं को सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा।
  • विदित हो कि सितम्बर 2016 में इस प्रोजेक्ट के लिये कैबिनेट की सहमति मिलने के पश्चात नवम्बर में बीएसएनएल द्वारा टेंडर का प्रारूप तैयार करने पर चीनी फर्मों को बोली लगाने की अनुमति देने के संबंध में असंतोष प्रकट किया गया था।
  • दूरसंचार विभाग के अनुसार, भारत सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी प्रावधानों की जाँच करनी होगी।
  • यह आवश्यक है कि यह प्रोजेक्ट किसी चीनी कंपनी अथवा उसकी सहयोगी को न मिले, परन्तु यदि ऐसा हुआ तो इसकी मरम्मत के कार्य हेतु नियम बनाए जा सकते हैं। किसी भी स्थिति में रक्षा मंत्रालय द्वारा उपयोग किये गए फाइबरों को रक्षा कर्मियों द्वारा प्रबंधित और व्यवस्थित किया जाएगा।

प्रोजेक्ट से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य 

  • सरकारी स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड, सबमरीन केबल प्रोजेक्ट के लिये बोली लगाने वालों को शार्ट-लिस्ट करेगी।
  • इस केबल की लम्बाई 2,160 किलोमीटर होगी और इसका निर्माण दो चरणों में होगा।
  • चेन्नई–अंडमान सबमरीन केबल की कुल लागत लगभग 1,132 करोड़ रूपए होगी जिसमें से 800 करोड़ का उपयोग केबल बिछाने तथा 332 करोड़ रूपए का उपयोग संचालन के दिन से अगले पाँच वर्षों तक प्रोजेक्ट के प्रबंधन और मरम्मत के कार्य हेतु किया जाएगा।
  • अपेक्षा है कि यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2018 से कार्य करना शुरू कर देगा। इसके लिये दूरसंचार विभाग और सार्वभौमिक सेवा दायित्व फंड द्वारा धन मुहैया करवाया जा रहा है। 
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