आदेश का पालन न करने वाले उद्योग बंद किये जाएंगे | 30 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
कठोर उत्सर्जन निगरानी मानदंडों को लागू करने के लिये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) को उन औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिये हैं जिन्होंने ऑनलाइन सतत् उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (Online Continuous Emission Monitoring System-OCEMS) स्थापित नहीं की है। संचालन शुरू करने हेतु एक नई औद्योगिक इकाई को OCEMS स्थापित करना अब अनिवार्य हो जाएगा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इस उद्देश्य के लिये CPCB ने इस महीने दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दिया है जिसके तहत तैनात किये जा सकने वाले सेंसर और निगरानी उपकरणों के प्रकारों को निर्दिष्ट किया गया है।
- 2015 से सीपीसीबी ने उद्योगों के लिये ओसीईएमएस स्थापित करना अनिवार्य कर दिया है।
- हालाँकि सरकार ने लगभग 80% अनुपालन का दावा किया है, लेकिन इस साल आदेश का पालन न करने वाले उद्योगों के अद्यतन आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
निरंतर निगरानी
- अत्यंत प्रदूषित उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष उत्सर्जन की रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- जब भी अमोनिया डिस्चार्ज के स्तर का किसी उद्योग द्वारा उल्लंघन किया जाता है, तो उन अधिकारियों को एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है जो उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिये अधिकृत हैं।
- अप्रैल में जारी एक विज्ञप्ति में सीपीसीबी, एसपीसीबी / पीसीसी (प्रदूषण नियंत्रण समिति) को जल और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के तहत उन 17 उद्योगों को बंद करने संबंधी निर्देश जारी करने के लिये निर्देशित किया गया है जो OCEMS के बिना परिचालित हो रहे हैं|
उद्योग जिनके लिये OCEMS की आवश्यकता होती है
- जिन उद्योगों को OCEMS की आवश्यकता होती है उनमें डिस्टिलरीज़ (किण्वन उद्योग समेत), चीनी, उर्वरक, लुगदी और कागज़, फार्मास्यूटिकल्स, डाई और डाई-इंटरमीडिएट्स, कीटनाशक, चर्म शोधशाला, थर्मल पावर प्लांट, लौह और स्टील, जिंक, कॉपर तथा एल्युमीनियम स्मेल्टर शामिल हैं।
- सीपीसीबी ने कहा कि 2014 में उपरोक्त 17 श्रेणियों के तहत आने वाले अत्यंत प्रदूषित औद्योगिक इकाइयों की संख्या 3,266 थी, जिनमें से 2,328 इकाइयाँ पर्यावरण मानकों के अनुरूप थीं।
- 550 से अधिक उद्योगों द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया जबकि 367 उद्योगों को बंद कर दिया गया।