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भारतीय अर्थव्यवस्था

MSME के ​​पुनरुद्धार हेतु RBI पैनल

  • 03 Jan 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?


हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (Micro, Small and Medium Enterprises-MSMEs) को समय से कर्ज़ की सुविधा और उनकी आर्थिक तथा वित्तीय मज़बूती के संदर्भ में दीर्घकालिक उपाय सुझाने के लिये यू.के. सिन्हा की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। ध्यातव्य है कि यू.के. सिन्हा पूंजी बाज़ार विनियामक, सेबी (Securities and Exchange Board of India-SEBI) के पूर्व अध्यक्ष हैं।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • आरबीआई के अनुसार, यूके सिन्हा की अध्यक्षता वाली इस समिति में कुल 8 सदस्य होंगे।
  • यह समिति MSMEs इकाइयों हेतु आवश्यक ऋण उपलब्धता को प्रभावित करने वाले कारकों की पड़ताल करेगी।
  • RBI द्वारा यह भी कहा गया है कि विशेषज्ञ समिति जून 2019 तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
  • यह समिति MSMEs क्षेत्र को समर्थन देने हेतु मौजूदा संस्थागत रुपरेखा की समीक्षा करेगी और हाल के आर्थिक सुधारों का इस क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के साथ ही क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाली संरचनात्मक समस्याओं की भी जाँच-पड़ताल करेगी।
  • यह समिति दुनिया भर में MSMEs क्षेत्र में किये गये विभिन्न उपायों का अध्ययन करेगी और इन उपायों में से भारत के संदर्भ में उपयुक्त कुछ उपायों को अपनाने का सुझाव भी देगी।
  • देश में MSMEs क्षेत्र की मौजूदा नीतियों और उनके प्रभावों की समीक्षा का काम भी समिति को दिया गया है।

MSMEs क्षेत्र की हालत

  • MSMEs क्षेत्र को जीएसटी (Goods and Services Tax-GST) और विमुद्रीकरण (Demonetization) जैसी नीतियों के कार्यान्वयन की वज़ह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं समस्याओं से उबारने और MSMEs क्षेत्र को आर्थिक गति प्रदान करने के उद्देश्यों के साथ इस समिति का गठन किया गया है।

स्रोत- द हिंदू

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