अंतर्राष्ट्रीय संबंध
आरबीआई में मुख्य वित्तीय अधिकारी की नियुक्ति का विरोध।
- 05 Jul 2017
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संदर्भ
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) की नियुक्ति के निर्णय का उसके अधिकारी संघ द्वारा इस आधार पर कड़ा विरोध किया गया है कि ऐसे किसी सीएफओ की नियुक्ति की आवश्यकता न तो वैधानिक है और न ही कानूनी बाध्यता।
प्रमुख घटनाक्रम
- भारतीय रिज़र्व बैंक ने मई महीने में कार्यकारी निदेशक के पद के समकक्ष एक मुख्य वित्तीय अधिकारी के पद के लिये अपने संगठन के बाहर से आवेदन आमंत्रित किये थे और कहा था कि सीएफओ केंद्रीय बैंक की वित्तीय जानकारी की सही और समय पर प्रस्तुतीकरण और रिपोर्टिंग के लिये ज़िम्मेदार होगा और लेखा नीतियों और प्रक्रियाओं को स्थापित करेगा और विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
- परन्तु भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के इस कदम का एक पत्र के माध्यम से विरोध जताते हुए कहा है कि सीएफओ को शामिल करने का कदम किसी अप्रिय सदमे से कम नहीं है तथा इस कदम का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है।
तर्क स्पष्ट नहीं
- अधिकारी संघ का कहना है कि कार्यकारी निदेशक के रैंक के समकक्ष एक सीएफओ की भर्ती के पीछे का तर्क बिल्कुल स्पष्ट नहीं है। चूँकि भारतीय रिज़र्व बैंक को संसद के अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है तथा यह कंपनी अधिनियम द्वारा संचालित नहीं होता है, इसलिये सीएफओ की नियुक्ति की कोई वैधानिक आवश्यकता नहीं है।
- मुख्य वित्तीय अधिकारी की नियुक्ति कर भारतीय रिज़र्व बैंक अपने आंतरिक मामलों में सरकार के हस्तक्षेप को न्यौता दे रहा है।
प्रथम अवसर नहीं
- यह प्रथम अवसर नहीं है, जब भारतीय रिज़र्व बैंक को इस तरह के निर्णय के लिये विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह के एक फैसले के विरोध का सामना पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को भी करना पड़ा था, जिसके कारण उन्हें अपना फैसला टालना पड़ा था।
- अधिकारी संघ ने बाहर से मुख्य वित्तीय अधिकारी को नियुक्त करने के औचित्य पर भी सवाल उठाया है। उनका मानना है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के पास उक्त पद के लिये योग्य उम्मीदवारों की कमी नहीं है। यहाँ कई वरिष्ठ एवं अनुभवी कर्मचारी हैं।
मुख्य वित्तीय अधिकारी का कार्य
- सीएफओ, जो कि कार्यकारी निदेशक रैंक का अधिकारी होगा, केंद्रीय बैंक की सटीक वित्तीय सूचनाएँ समय से पेश करने, लेखांकन नीतियों एवं प्रक्रियाओं को बनाने और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये ज़िम्मेदार होगा।
- इस अधिकारी पर भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रत्याशित एवं वास्तविक वित्तीय प्रदर्शन की जानकारी देने और उसकी बजट प्रक्रिया पर नज़र रखने का दायित्व होगा।
- वह बैंक की लेखांकन नीति बनाएगा, आतंरिक लेखा बनाए रखेगा, वित्तीय परिणाम की रिपोर्ट देगा और पीएफ पॉलिसी जैसे रणनीतिक कामकाज को भी संभालेगा।
- भारतीय रिज़र्व बैंक एक ऐसे चार्टर्ड अकाउंटेंट की तलाश कर रहा है, जिसकी आयु 45-55 वर्ष के मध्य हो और उसे बैंक या वित्तीय क्षेत्र के संगठन में वित्तीय परिचालन की निगरानी का 15 साल का अनुभव भी हो।
- केंद्रीय बैंक के पास अभी तक वित्त कार्य को संभालने वाला एक समर्पित अधिकारी नहीं था और इन कार्यों को आंतरिक रूप से किया जा रहा था। माना जा रहा है कि यह नियुक्ति गवर्नर उर्जित पटेल की ओर से किये जा रहे बड़े सांगठनिक बदलाव का हिस्सा है।