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भारतीय अर्थव्यवस्था

मोबाइल वॉलेट्स के बीच इंटरऑपरेबिलिटी

  • 18 Oct 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने विभिन्न मोबाइल वॉलेट्स के बीच भुगतान की सुविधा के लिये दिशा-निर्देश जारी किये, जिसका उद्देश्य डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • सरकार ने लोगों को डिज़िटल लेन-देन की तरफ आकर्षित करने के लिये विभिन्न कदम उठाए हैं। मोबाइल वॉलेट की बढ़ती उपयोगिता सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • अब तक किसी भी वॉलेट का संचालन एक सीमित दायरे के भीतर किया जाता रहा है यानी दो अलग-अलग वॉलेट्स एक दूसरे से नहीं जुड़ सकते हैं। उदाहरण के लिये, पे-टीएम और मोबिक्विक उपयोगकर्त्ता आपस में लेन-देन नहीं कर सकते हैं।
  • 2017 में पेश किये गए रोड-मैप के अनुसार, KYC युक्त सभी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) की इंटरऑपरेबिलिटी तीन चरणों में संपन्न होगी। जो इस प्रकार हैं-
  • एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI) के द्वारा वॉलेट के रूप में जारी किये गए प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) की इंटरऑपरेबिलिटी
  • UPI के द्वारा वॉलेट और बैंक खातों की इंटरऑपरेबिलिटी
  • कार्ड नेटवर्क के द्वारा कार्ड के रूप में जारी किये गए PPI की इंटरऑपरेबिलिटी
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इंटरऑपरेबिलिटी के बेहतर कार्यान्वयन हेतु सभी चरणों को सक्षम बनाने के लिये समेकित दिशा-निर्देश जारी किये थे।

इंटरऑपरेबिलिटी

  • इंटरऑपरेबिलिटी एक तकनीकी अनुकूलता है जो एक भुगतान प्रणाली को किसी दूसरी भुगतान प्रणाली से जुड़ने में सक्षम बनाता है।

निहितार्थ

  • अब इंटरऑपरेबिलिटी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) जैसे कि पे-टीएम, फ्रीचार्ज, मोबिक्विक, फोन-पे और पेज़ैप आदि लोकप्रिय भुगतान वॉलेट के उपयोगकर्त्ताओं को एक वॉलेट से दूसरे में पैसे स्थानांतरित करने में सक्षम बना देगा।
  • इसके अलावा, वॉलेट एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI) के द्वारा इंटरऑपरेबिलिटी को कार्यान्वित कर सकते हैं।
  • आरबीआई ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) को मास्टरकार्ड, वीज़ा या रुपे जैसे अधिकृत कार्ड नेटवर्क का उपयोग करते हुए कार्ड जारी करने की भी अनुमति दी है।
  • इंटरऑपरेबिलिटी का सबसे बड़ा लाभ वॉलेट उपयोगकर्त्ताओं को होगा क्योंकि अब किसी एक वॉलेट का उपयोग करते हुए दूसरे वॉलेट उपयोगकर्त्ता के साथ सफलतापूर्वक लेन-देन किया जा सकेगा।
  • ई-वॉलेट की बढ़ती हिस्सेदारी को देखते हुए दिशा-निर्देश में उपयोगकर्त्ताओं की सुरक्षा और भुगतान में सटीकता भी सुनिश्चित की जाएगी।

एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI) क्या है?

  • यह एक ऐसी प्रणाली है जो एक मोबाल एप्लीकेशन के माध्यम से कई बैंक खातों का संचालन, विभिन्न बैंकों की विशेषताओं का समायोजन, निधियों का निर्बाध आवागमन और एक ही स्थान पर व्यापरियों को भुगतान की सुविधा उपलब्ध करा सकती है।
  • यह "पीयर टू पीयर" अनुरोध को भी पूरा करती है जिसे आवश्यकता और सुविधा के अनुसार निर्धारित कर भुगतान किया जा सकता है। 
  • उल्लेखनीय है कि UPI का पहला संस्करण अप्रैल 2016 में लॉन्च किया गया था।

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