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RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (18 दिसंबर, 2019)

  • 18 Dec 2019
  • 8 min read

परवेज़ मुशर्रफ को फाँसी की सज़ा

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में मौत की सज़ा सुनाई गई है। पाकिस्तान की विशेष अदालत ने पूर्व सैन्य शासक को दोषी करार देते हुए मौत की सज़ा सुनाई। पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मामले की सुनवाई पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ के नेतृत्व वाली विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने की। परवेज़ मुशर्रफ पर 3 नवंबर, 2007 को देश में आपातकाल लगाने के मामले में देशद्रोह का मामला चल रहा है। पाकिस्तान की पूर्व मुस्लिम लीग (नवाज़) सरकार ने यह मामला दर्ज कराया था और वर्ष 2013 से यह लंबित चल रहा था। दिसंबर 2013 में उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद 31 मार्च, 2014 को मुशर्रफ को आरोपी करार दिया गया और उसी साल सितंबर में अभियोजन ने सारे साक्ष्य विशेष अदालत के सामने रखे। अपीलीय मंचों पर याचिकाओं के कारण पूर्व सैन्य शासक के मुकदमे में देरी हुई तथा वह शीर्ष अदालतों और गृह मंत्रालय की मंज़ूरी के बाद मार्च 2016 में पाकिस्तान से बाहर चले गए।


राजस्थान में देश का चौथा भालू अभयारण्य

जल्दी ही राजस्थान में भालू अभयारण्य (Bear Sanctuary) बनाया जाएगा। यह प्रदेश का पहला और देश का चौथा भालू अभयारण्य होगा। इसे जालोर के सुंधा माता क्षेत्र (Sundha Mata Area) में विकसित किया जाएगा। प्रदेश में पहली बार भालुओं के लिये अभयारण्य बनाया जा रहा है। यह भालू अभयारण्य सिरोही ज़िले की माउंट आबू सेंक्चुअरी के 326.1 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और जालोर के सुंधा माता कंज़रवेशन रिज़र्व के 117.49 वर्ग किलोमीटर के जंगल को मिलाकर बनाया जाएगा। यह पूरा इलाका प्रदेश के तीनों टाइगर रिज़र्व से अलग है। इस इलाके में जंगल भी घना है और यहाँ भालुओं की आबादी भी अच्छी है। यहाँ उनके के लिये भोजन की भी कमी नहीं है।

वन्यजीव गणना के मुताबिक, माउंट आबू के संरक्षित क्षेत्र के जंगलों में 352 भालू हैं, जबकि संरक्षित क्षेत्र के बाहर जालोर ज़िले में 58 और सिरोही ज़िले में मांउट आबू के बाहर भी 63 भालू हैं। इन दोनों इलाकों में भालू के अलावा पैंथर, भेड़िये, लकड़बग्घा, साही और चिंकारा की संख्या भी अच्छी खासी है। हालाँकि राजस्थान के तीनों टाइगर रिज़र्व में से रंणथंभौर और मुकंदरा हिल्स में भी भालुओं की संख्या अच्छी खासी है, लेकिन उसके बावजूद भालुओं का गढ़ माउंट आबू को ही माना जाता है।


भारतीय शांति रक्षक पुरस्कृत

दक्षिण सूडान में तैनात लगभग 850 भारतीय शांति सैनिकों को समर्पण और बलिदान के लिये संयुक्‍त राष्‍ट्र का प्रतिष्ठित पदक प्रदान किया गया है। दक्षिण सूडान में शांति बनाए रखने में भारतीय शांति सैनिकों ने उत्‍कृष्‍ट योगदान दिया है। उन्‍होंने स्‍थानीय समुदायों की सहायता करने के लिये अपने कर्त्तव्य से भी बढ़कर काम किया। भारत संयुक्‍त राष्‍ट्र के शांति अभियानों में सबसे ज़्यादा सैनिकों का योगदान करने वाले देशों में से एक है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के शांति मिशनों के अंतर्गत इस समय भारत के 2342 जवान और 25 पुलिसकर्मी तैनात हैं। ध्यातव्य है कि पिछले महीने संयुक्‍त राष्‍ट्र के शांति मिशन में इंजीनियर और चिकित्‍साकर्मियों के रूप में सेवारत कुल 323 भारतीय शांति सैनिकों को विशिष्‍ट सेवाओं के लिये संयुक्‍त राष्‍ट्र पदक से सम्‍मानित किया गया था।


मिस वर्ल्ड

लंदन में आयोजित मिस वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट 2019 का खिताब भारतीय मूल की जमैका की टोनी एन सिंह ने जीता। भारत की सुमन राव ने प्रतियोगिता में तीसरा स्थान (Second Runner-up) हासिल किया। राजस्थान की 20 वर्षीय सुमन राव ने जून में मिस इंडिया 2019 का खिताब जीता था। जबकि फ्रांस की Ophely Mezino दूसरे स्थान पर रही।

जमैका ने लंबे समय के बाद मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले वर्ष 1993 में लीजा हेन्ना ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था। उनके पहले वर्ष 1963 और वर्ष 1976 में जमैका की सुंदरियों ने मिस वर्ल्ड के खिताब पर अपना कब्ज़ा जमाया था।


बी.एस. सिरपुरकर

हैदराबाद गैंग रेप और हत्या तथा उसके बाद हुए आरोपियों के एनकाउंटर की सच्चाई का पता लगाने के लिये जाँच को आवश्यक बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश बी.एस. सिरपुरकर की अध्यक्षता में एक जाँच आयोग गठित की है। जाँच आयोग के अन्य सदस्यों में बंबई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा संदूर बाल्डोटा और CBI के पूर्व निदेशक डी.आर. कार्तिकेयन शामिल हैं। आयोग को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी होगी तथा इसके साथ ही तेलंगाना उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस घटना के संबंध में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। 6 दिसंबर की घटना की जाँच करने के लिये जाँच आयोग को कानून के तहत सभी अधिकार प्राप्त होंगे।


प्रवीर कुमार

पूर्व IAS प्रवीर कुमार को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission- UPSSSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके अलावा रचना पाल व ओम नारायण सिंह को आयोग के सदस्य घोषित किया गया हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में एक अध्यक्ष और आठ सदस्य होते हैं। आयोग में अब कुल सात सदस्य हो गए हैं। ध्यातव्य है कि UPSSSC के अध्यक्ष का पद एक वर्ष से खाली था। वर्तमान सरकार में आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किये गए रिटायर्ड IAS सी.बी. पालीवाल ने 11 दिसंबर, 2018 को निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया था। तभी से आयोग के सदस्य रिटायर्ड IAS अरुण सिन्हा कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्य देख रहे थे।

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