RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (12 दिसंबर, 2019) | 12 Dec 2019
यूनिसेफ स्थापना दिवस
प्रतिवर्ष 11 दिसंबर को यूनिसेफ (UNICEF) का स्थापना दिवस मनाया जाता है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसी दिन वर्ष 1946 में इसकी स्थापना की थी। इसकी स्थापना का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध में तबाह हुए देशों में बच्चों और माताओं को आपातकालीन स्थिति में भोजन और स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना था। वर्ष 1950 में यूनिसेफ के दायरे को विकासशील देशों में बच्चों और महिलाओं की दीर्घकालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये विस्तारित किया गया। वर्ष 1953 में यह संयुक्त राष्ट्र का एक स्थायी हिस्सा बन गया और इस संगठन के नाम में से ‘अंतर्राष्ट्रीय’ एवं ‘आपातकालीन’ शब्दों को हटा दिया गया। अब इसका नाम संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children's Fund) है, किंतु मूल संक्षिप्त नाम ‘यूनिसेफ’ को बरकरार रखा गया। पूर्व में इसे संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (United Nations International Children's Emergency Fund) कहा जाता था। यूनिसेफ का वित्तपोषण विभिन्न सरकारों, निजी समूहों और व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। यह अनुमान लगाया जाता है कि यूनिसेफ के राजस्व का 92 प्रतिशत सेवा कार्यक्रम के लिये वितरित किया जाता है। यूनिसेफ को वर्ष 1965 में नोबेल शांति पुरस्कार, वर्ष 1989 में इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार और वर्ष 2006 में प्रिंस ऑफ अस्तुरियस अवॉर्ड मिला था।
विक्टोरिया फाल्स
दक्षिण अफ्रीका में स्थित दुनिया के सबसे बड़े जल-प्रपातों में से एक विक्टोरिया फॉल्स तेज़ी से सूख रहा है. इसे स्थानीय भाषा मे मोसी-ओआ-तुन्या (Mosi-oa-Tunya) कहा जाता है। जाम्बिया और जिम्बॉब्वे के बीच सीमारेखा का काम करने वाले इस प्रपात का पानी 50 फीसदी तक सूख चुका है। जाम्बिया के राष्ट्रपति एडगर चगवा लुंगू ने ग्लोबल वार्मिंग को इसका ज़िम्मेदार बताया है। विक्टोरिया फॉल 355 फीट ऊँचा प्राकृतिक रूप से बना जल प्रपात है जिसे देखने हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। कभी इस प्रपात से पानी की चौड़ी धारा गिरती थी और उसके गिरने की आवाज 12 किलोमीटर दूर तक सुनी जाती थी, लेकिन पिछले 25 वर्षों से यह लगातार सूख रही है।
सुनील शेट्टी
अभिनेता सुनील शेट्टी को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी नाडा (National Anti Doping Agency-NADA) का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है। NADA ने उम्मीद जताई है कि उन्हें ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाना डोपिंग खत्म करने में मददगार साबित होगा। ध्यातव्य है कि देश में इस साल 150 से ज़्यादा एथलीट्स डोप टेस्ट में फेल हुए हैं। इनमें एक-तिहाई से ज़्यादा पावर गेम्स से संबंधित वेटलिफ्टर्स तथा बॉडी-बिल्डर्स हैं। चूँकि इस साल की शुरुआत में वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA-वाडा) ने नाडा को सस्पेंड कर दिया था, इसलिये नाडा ने एथलीट्स के जो सैंपल इकट्ठे किये हैं, उनकी जाँच देश से बाहर होगी।
नाडा क्या है?: वर्ष 2009 में स्थापित राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) देश में अपने सभी रूपों में खेलों में डोपिंग कंट्रोल प्रोग्राम को बढ़ावा देने, समन्वय और निगरानी करने के लिए ज़िम्मेदार राष्ट्रीय संगठन है। इसके प्रमुख दायित्वों में विश्व एंटी डोपिंग कोड के अनुरूप एंटी डोपिंग नियमों और नीतियों को अपनाना तथा कार्यान्वित करना, खेल संगठनों और अन्य डोपिंग विरोधी संगठनों के साथ सहयोग करना, राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी संगठनों के बीच पारस्परिक परीक्षण को प्रोत्साहित करना तथा एंटी डोपिंग अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।
दक्षिण एशियाई खेल
नेपाल में हाल ही में संपन्न हुए 13वें दक्षिण एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने रिकॉर्ड 312 पदक जीते, जिसमें 174 स्वर्ण, 93 रजत और 45 कांस्य पदक रहे। इस बार हालाँकि स्वर्ण पदकों की संख्या पिछली बार से 15 कम है। भारत ने गुवाहाटी और शिलॉन्ग (2016) में हुए पिछले खेलों में 189 स्वर्ण सहित कुल 309 पदक जीते थे। मेज़बान नेपाल 206 पदकों के साथ दूसरे और श्रीलंका 251 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
मेज़बान देश के रूप में नेपाल ने कुल तीन बार दक्षिण एशियाई खेलों का आयोजन किया है। गौरतलब है कि भारत वर्ष 1984 में शुरू हुए इन खेलों की हमेशा पदक तालिका में शीर्ष पर रहा है। अफगानिस्तान को छोड़कर अन्य सात दक्षिण एशियाई देशों ने इन खेलों में भाग लिया।
आयरन यूनियन
संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका की थलसेनाओं के बीच आयरन यूनियन-12 नाम का संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू हो गया है। संयुक्त अरब अमीरात व अमेरिका के बीच चल रहा यह संयुक्त अभ्यास राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान की दृष्टि के अनुरूप है, जिसके तहत यूएई लगातार युद्ध और सामरिक कौशल बढ़ा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात भ्रातृ और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करता है, जिसका लक्ष्य सशस्त्र बलों का क्षेत्र के सामने आने वाले सभी खतरों और चुनौतियों के खिलाफ मज़बूती से खड़ा होना है।