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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 मई, 2020

  • 14 May 2020
  • 7 min read

किसानों को फसल उगाने के निर्देश देगा तेलंगाना

हाल ही में तेलंगाना सरकार ने पायलट परियोजना के एक हिस्से के रूप में खेती को विनियमित करने के उद्देश्य से किसानों को फसल उगाने के संबंध में आवश्यक निर्देश देने की घोषणा की है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार, राज्य सरकार धान की फसल उगाने को 50 लाख एकड़ भूमि तक सीमित कर देगी। वहीं राज्य में लाल चने की खेती को भी 10 लाख एकड़ तक सीमित कर दिया जाएगा। तेलंगाना सरकार के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा जल्द ही इस संबंध में घोषणा की जाएगी कि  राज्य के किस क्षेत्र में कौन सी फसल उगाई जाएगी। साथ ही राज्य सरकार ने इन नियमों का पालन करना भी अनिवार्य बना दिया है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, जो किसान इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें राज्य सरकार की रयथू बंधु योजना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price-MSP) का लाभ प्राप्त नहीं होगा। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, फसलों की खेती को विनियमित करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को लाभ पहुँचाना है, क्योंकि इससे किसानों की उपज की मांग सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार राज्य में फसलों की मांग के आधार पर किसानों को यह सुझाव देगी कि किन क्षेत्रों में कौन-सी फसल अथवा सब्ज़ियाँ उगाई जाएँ। 

वी. विद्यावती

वरिष्ठ IAS अधिकारी वी. विद्यावती को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India-ASI) का नया महानिदेशक (Director General) नियुक्त किया गया है। ध्यातव्य है कि उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति के आदेश के माध्यम से की गई है। वी. विद्यावती 1991 बैच की कर्नाटक कैडर की IAS अधिकारी हैं। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार, IAS वी. विद्यावती भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत रहेंगी। संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) राष्‍ट्र की सांस्‍कृतिक विरासतों के पुरातत्त्वीय अनुसंधान तथा संरक्षण हेतु एक प्रमुख संगठन है। ASI का प्रमुख कार्य राष्‍ट्रीय महत्त्व के प्राचीन स्‍मारको तथा पुरातत्त्वीय स्‍थलों एवं अवशेषों का रखरखाव करना है। साथ ही यह प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्त्वीय स्‍थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार, देश में सभी पुरातत्त्वीय गतिविधियों को भी विनियमित करता है।

CO2 उत्सर्जन में कमी

हाल ही में कार्बन ब्रीफ (Carbon Brief) नामक एक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित विश्लेषण के अनुसार, कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के दौरान गत 40 वर्षों में पहली बार भारत के कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) में कमी दर्ज की गई है। विश्लेषण के अनुसार, मार्च माह में कार्बन उत्सर्जन में कुल 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, कोयला आधारित बिजली उत्पादन मार्च माह में 15 प्रतिशत और अप्रैल माह के प्रथम तीन हफ्तों में 31 प्रतिशत तक गिर गया है। वहीं इसके विपरीत नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के उत्पादन में मार्च माह में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अप्रैल माह के पहले तीन हफ्तों में 1.4 प्रतिशत की कमी आई है। ध्यातव्य है कि मौजूदा समय में संपूर्ण विश्व कोरोनावायरस महामारी की चुनौती का सामना कर रहा है और संक्रमण तथा मृत्यु के आँकड़े दिन-प्रति-दिन बढ़ते जा रहे हैं। सर्वाधिक चिंता का विषय यह है कि इस वायरस से बचाव के लिये अभी तक कोई भी चिकित्सकीय उपाय नहीं खोजा जा सका है। ऐसे में विश्व के अधिकांश देशों द्वारा कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिये लॉकडाउन को एक उपाय के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। भारत में भी विभिन्न चरणों में लॉकडाउन लागू किया गया है, इस लॉकडाउन के माध्यम से भारत में न केवल लाखों लोगों को संक्रमित होने से बचाया गया है, बल्कि इसके कारण पर्यावरण को भी काफी फायदा पहुँचा है।

वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड्स

बंगलुरू स्थित केंपेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (Kempegowda International Airport) को भारत और मध्य एशिया का सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय हवाईअड्डा (Best Regional Airport) चुना गया है। बंगलुरू स्थित इस हवाईअड्डे का परिचालन बंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (Bangalore International Airport Ltd.) द्वारा किया जाता है। बंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अनुसार, गत चार वर्षों में यह तीसरी बार है जब बंगलुरू के केंपेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड्स (World Airport Awards) में भारत और मध्य एशिया का सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय हवाईअड्डा चुना गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड्स, हवाईअड्डों के उपयोगकर्त्ताओं से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर प्रदान किये जाते हैं। इसके लिये वैश्विक स्तर पर सर्वेक्षण किया जाता है और इस सर्वेक्षण में 550 से अधिक हवाईअड्डे शामिल होते हैं। वर्ष 2020 के लिये सिंगापुर के चांगी हवाईअड्डे (Changi Airport) को लगातार आठवीं बार वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड्स में विश्व का सबसे सर्वश्रेष्ठ हवाईअड्डा चुना गया है।

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