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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (24 September)

  • 24 Sep 2019
  • 8 min read
  • बिहार का पहला महिला डाकघर राजधानी पटना में खोला गया है। इस डाकघर में पोस्टमास्‍टर से लेकर पोस्‍टमैन तक महिलाएँ हैं और भविष्य में भी केवल महिलाएँ ही होंगी। बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission- BPSC) के परिसर में स्थापित यह महिला डाकघर देश का दूसरा और बिहार का पहला महिला डाकघर है। डाक विभाग इस डाकघर को शोकेस के रूप में विकसित करेगा और देश-विदेश से आने वाले मेहमानो को यह डाकघर दिखाया जाएगा। विदित हो कि केंद्र सरकार ने महिला सशक्तीकरण हेतु सभी डाक मंडलों में एक-एक महिला डाकघर खोलने का निर्णय लिया है। देशभर के 652 डाक मंडलों में एक-एक महिला डाकघर खोला जाएगा। इसके अलावा पटना में आधार सेवा केंद्र की भी शुरुआत की गई है। यह केंद्र बिहार का पहला और देश का दसवाँ आधार सेवा केंद्र है, जहाँ लोगों की सुविधा के लिये 16 आधार पंजीकरण अपडेट काउंटर स्थापित किये गए हैं। यहाँ दिव्यांगों के आधार पंजीकरण अपडेट के लिये विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इस केंद्र में प्रतिदिन 1000 लोगों के आधार पंजीकरण अपडेट करने की क्षमता है और इसका संचालन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की देखरेख में किया जाएगा। आपको बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा प्रथम चरण में देश के लगभग 53 शहरों में सुविधा युक्त 114 आधार सेवा केंद्र स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है।
  • अमेरिका की प्राकृतिक गैस कंपनी टेल्यूरियन और भारत की सबसे बड़ी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (Liquefied Natural Gas- LNG) आयातक कंपनी पेट्रोनेट LNG लि. (PLL) ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसके अंतर्गत PLL और उसकी सहयोगी कंपनियाँ अमेरिका से 50 लाख टन तक LNG का आयात कर सकेंगी। प्रतिवर्ष 2.76 करोड़ मीट्रिक टन LNG तक का उत्पादन करने के लिये ड्रिफ्टवुड LNG का डिजाइन बनाया गया है और इसका परमिट लिया गया है। ड्रिफ्टवुड होल्डिंग में पेट्रोनेट निवेश करेगा जिससे पेट्रोनेट को प्रोजेक्ट के पहले चरण या दूसरे चरण से प्रतिवर्ष 50 लाख टन LNG खरीदने का अधिकार मिल जाएगा। यह सौदा करीब 2.50 अरब डॉलर का है। दोनों कंपनियाँ इस करार को 31 मार्च 2020 तक अंतिम रूप देना चाहती हैं। इससे भारत की सबसे बड़ी LNG आयातक पेट्रोनेट स्वच्छ सस्ती और विश्वसनीय प्राकृतिक गैस ड्रिफ्टवुड से भारत में उपलब्ध करा सकेगी। विदित हो कि ह्यूस्टन अमेरिका की तेल और गैस राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। भारत और अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये पिछले साल अमेरिका-इंडिया स्ट्रेटेजिक इनर्जी पार्टनरशिप पर हस्ताक्षर किये थे। अमेरिका ने वर्ष 2017 में भारत को क्रूड ऑयल बेचना शुरू किया था और अमेरिका से आपूर्ति वित्त वर्ष 2018-19 में चार गुनी से ज्यादा बढ़कर 64 लाख टन हो चुकी है। अमेरिका से आपूर्ति के पहले सत्र वित्त वर्ष 2017-18 में सिर्फ 14 लाख टन आपूर्ति हुई थी। भारत ने नवंबर 2018 से मई 2019 तक अमेरिका से प्रतिदिन 1,84,000 बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा है।
  • हाल ही में रबी अभियान-2019 के लिये राष्‍ट्रीय कृषि सम्‍मेलन नई दिल्ली के पूसा में आयोजित हुआ, जिसमें केंद्र प्रायोजित योजनाओं को कारगर रूप से लागू करने के लिये तौर-तरीकों पर विचार किया गया। देश में तिलहनों की कमी के मद्देनज़र खाद्य तेलों की उत्‍पादन क्षमता बढ़ाने और आयात में कमी लाने के लिये एक अलग अभियान शुरू करने का सुझाव दिया गया। राज्यों से कहा गया कि ज़िला स्‍तर पर किसान संगठनों से परामर्श के बाद ही केंद्र से उर्वरकों की मांग की जानी चाहिये। इस वर्ष खरीफ मौसम में बुवाई के समय मानसून सुस्त होने के बावजूद 1054 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में फसल की बुवाई की गई। तिलहन और दलहन की 45 जैव बायोफोर्टिफिकेशन किस्में जारी की गई हैं। इनमें प्रोटीन और पोषक तत्वों आदि की काफी मात्रा मौजूद है।
  • न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कार्यक्रम में 16 साल की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दुनियाभर के नेताओं के सामने अपनी चिंताएँ और सवाल रखे। स्वीडन की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ने संयुक्त राष्ट्र की उच्चस्तरीय क्लाइमेट ऐक्शन समिट में दुनिया के बड़े नेताओं के समक्ष जब बोलना शुरू किया तो सभी नेता अनुत्तरित रह गए। ग्रेटा ने कहा, “आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना; लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा इकोसिस्टम बर्बाद हो रहा है। आप केवल पैसे और इकोनॉमिक ग्रोथ की बात करते हैं।“ ग्रेटा के आह्वान पर 20 सितंबर को दुनियाभर में कई जगहों पर वैश्विक जलवायु हड़ताल (Global Climate Strike) का आयोजन किया गया। इसके अलावा ग्रेटा पिछले एक साल से फ्राइडेज़ फॉर फ्यूचर के नाम से साप्ताहिक प्रदर्शन भी चला रही हैं।
  • कारगिल से कोहिमा (K2K) अल्ट्रा मैराथन ग्लोरी रन की शुरुआत द्रास स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल में हुई। कारगिल विजय के 20वें वर्ष के अवसर पर और भारतीय वायुसेना के आदर्श वाक्य टच द स्काई विद ग्लोरी के लिये यह अल्ट्रा मैराथन अभियान चलाया जा रहा है। पूर्वोत्तर में कोहिमा और उत्तर में कारगिल चौकियाँ स्थित हैं जहाँ क्रमशः वर्ष 1944 और वर्ष 1999 में दो बड़े युद्ध हुए थे। लगभग 15 दिन पहले शुरू हुए ‘इस ग्लोरी रन’ का समापन 6 नवंबर 2019 को होगा। इस अनूठे प्रयास में 25 वायु सैनिकों की एक टीम 45 दिनों में 4500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। इस अभियान का उद्देश्य पैदल यात्री सुरक्षा और फिट इंडिया मूवमेंट को बढ़ावा देना है। इस अल्ट्रा-मैराथन के लिये कठोर चयन परीक्षणों के बाद टीम का चयन किया गया है और इन्हें वायुसेना स्टेशन लेह में प्रशिक्षण दिया गया है। इस अभियान का नेतृत्व Su-30 विमान के पायलट स्क्वाड्रन लीडर सुरेश राजदान कर रहे हैं।
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