सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होने वाला 79वाँ देश बन गया। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा संपन्न देशों का एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन (Treaty-Based International Intergovernmental Organization) है। इसकी शुरुआत भारत और फ्राँस ने 30 नवंबर, 2015 को पेरिस जलवायु सम्मेलन के दौरान की थी। इसका मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा) में है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रमुख उद्देश्यों में 1000 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का वैश्विक उपभोग और वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में निवेश के लिये लगभग 1000 बिलियन डॉलर की राशि जुटाना शामिल है। सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस एक दक्षिणी कैरेबियाई देश है जिसमें एक मुख्य द्वीप सेंट विंसेंट तथा छोटे द्वीपों की एक श्रृंखला शामिल है। सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस में राजतंत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ब्रिटिश औपनिवेशिकता में है। सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस में संवैधानिक राजतंत्र है तथा वर्तमान सत्ता (राष्ट्रप्रमुख) फरवरी 1952 से महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पास हैं। अन्य राष्ट्रमंडल देशों के समान सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियाँ शासन प्रमुख में निहित होती हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने दूसरा स्वदेश विकसित अवाक्स यानी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट (प्रारंभिक चेतावनी व नियंत्रण विमान) 'नेत्र' भारतीय वायुसेना को सौंप दिया है। ‘नेत्र’ को विकसित करने का काम वर्ष 2007 में शुरू हुआ था तथा इसे तैयार करने में 2460 करोड़ रुपए की लागत आई थी। वर्ष 2017 में ‘नेत्र’ का पहला एयरक्राफ्ट वायुसेना को दिया गया था। पाँच फ्लाइट कंट्रोल की क्षमता रखने वाला ‘नेत्र’ पाँच घंटे तक उड़ान भर सकता है तथा हवा में रिफ्यूल करने पर यह नौ घंटे तक उड़ान भर सकता है। इसके साथ ही यह रडार के सिग्नल को भी पकड़ने में सक्षम है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 1958 में स्थापित DRDO रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के अधीन काम करता है। DRDO रक्षा प्रणालियों के डिज़ाइन एवं विकास के लिये समर्पित है तथा तीनों रक्षा सेवाओं की आवश्यकताओं के अनुसार विश्व स्तर की हथियार प्रणालियों और उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की दिशा में काम करता है। DRDO सैन्य प्रौद्योगिकी के जिन विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहा है, उनमें वैमानिकी, शस्त्र, युद्धक वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग प्रणालियाँ, मिसाइल, सामग्री, नौसेना प्रणालियाँ, उन्नत कंप्यूटिंग, सिमुलेशन आदि शामिल हैं।
वैश्विक यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक में भारत को 34वाँ स्थान मिला है, जबकि गत वर्ष भारत इस सूचकांक में 40वें पायदान पर था। सूचकांक के उपखंडों में भारत को बेहतर वातावरण के लिये 33वाँ, बुनियादी और बंदरगाह अवसंरचना के लिये 28वाँ, अंतर्राष्ट्रीय स्वीकार्यता के लिये 51वाँ, प्राकृतिक सौंदर्य के लिये 14वाँ तथा सांस्कृतिक संसाधनों के लिये 8वाँ स्थान मिला। ‘Travel & Tourism Competitiveness Index Report 2019’ में इस बार कुल 140 देश शामिल हुए थे। भारत की रैंकिंग में सुधार की वज़ह प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन हैं, जिसमें समृद्ध होने के चलते ही रैंकिंग में सुधार हुआ है। इसके अलावा कीमतों तथा खर्चों के मामले में भी भारत अन्य देशों के लिये काफी प्रतिस्पर्द्धी सिद्ध हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन, मेक्सिको, मलेशिया, ब्राज़ील, थाईलैंड और भारत की अर्थव्यवस्था उच्च आय वाली नहीं है, लेकिन सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों के ज़रिये ये देश शीर्ष 35 देशों में अपना स्थान बनाने में कामयाब हुए हैं। सूचकांक में स्पेन एक बार फिर से टॉप पर है।
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में 'मेक इन इंडिया' के तहत बनाई गई लक्ज़री ट्रेन पुलथिसी इंटरसिटीएक्सप्रेस (Pulathisi Intercity Express) का संचालन कोलंबो फोर्ट रेलवे स्टेशन से पोलोन्नारुवा (Polonnaruwa) के बीच शुरू हो गया है। इस ट्रेन सेट का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया गया है। यह ट्रेन सेट श्रीलंका को इंडियन लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत दिया गया गया है। इसमें वे सभी सुविधाएँ मौजूद हैं, जो भारत की अत्याधुनिक ट्रेन वंदे भारत में हैं। गौरतलब है कि श्रीलंका ने भारत से छह DEMU ट्रेन सेट की मांग की है। इसके अलावा भारत सरकार लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत बांग्लादेश, म्यांमार, अंगोला, सूडान, सेनेगल, माली को भी इस तरह की सुविधा प्रदान करेगी।
दिल्ली के फिरोज़ शाह कोटला स्टेडियम (का नाम बदलकर अब अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया है। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद दिल्ली एवं ज़िला क्रिकेट संघ (DDCA) ने स्टेडियम का नाम बदलने का फैसला किया था। अरुण जेटली DDCA के अध्यक्ष भी रहे। इसके साथ ही स्टेडियम के एक स्टैंड का नाम भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के नाम पर रखा गया। फिरोज़ शाह कोटला स्टेडियम का नाम 14वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के शासक रहे फिरोज़ शाह तुगलक के नाम पर रखा गया था। लगभग 41 हज़ार दर्शक क्षमता वाला फ़िरोज़ शाह कोटला स्टेडियम वर्ष 1883 में बना तथा यह कोलकाता के ईडन गार्डेंस के बाद भारत का दूसरा सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है।
छह बार की विश्व चैंपियन और लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता एम.सी. मैरी कॉम तथा 10 बॉक्सरों को टोक्यो ओलंपिक खेलों की तैयारियों के लिये टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS-टॉप्स) में शामिल किया गया है। इनके अलावा 22 वर्षीय महिला शूटर 10 मीटर एयर पिस्टल निशानेबाज यशस्विनी सिंह देशवाल को भी शामिल किया गया है। खेल मंत्रालय ने ‘टॉप्स’ के तहत वर्ष 2020 के टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिये खिलाड़ियों की तैयारी के लिये 100 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। विदित हो कि खेल मंत्रालय ने ‘टॉप्स’ को सितंबर 2014 में शुरू किया था और इसका लक्ष्य ओलंपिक के संभावित पदक विजेताओं को तैयारी के लिये वित्तीय सहायता मुहैया कराना है। ‘टॉप्स’ के लिये अलग से टॉप्स सचिवालय का भी गठन किया गया है।