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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (10 September)

  • 10 Sep 2019
  • 4 min read
  • गुवाहाटी में 8 और 9 सितंबर को पूर्वोत्तर परिषद के दो दिवसीय 68वें पूर्ण सत्र का आयोजन किया गया। बैठक में यह तय किया गया कि पूर्वोत्तर में समाज के वंचित वर्गों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के वित्त पोषण के लिये पूर्वोत्तर परिषद अपनी निधि के 30 प्रतिशत का प्रावधान करेगी। केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर परिषद को वर्ष 2019-20 के लिये 1476 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है। पूर्ण सत्र में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपालों तथा मुख्यमंत्रियों सहित अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में सरकार द्वारा किये जाने वाले प्रयासों के बारे में जानकारी दी। विदित हो कि राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने और अंतर-राज्य संबंधों को और अधिक मज़बूत बनाने के लिये राज्य पुनर्गठन कानून, 1956 के तहत पाँच क्षेत्रीय परिषदों (पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी और मध्य क्षेत्रीय परिषदों) का गठन किया गया। इन परिषदों का कार्य आर्थिक एवं सामाजिक योजना के क्षेत्र में साझा हितों से जुड़े मुद्दों, सीमा विवादों, भाषाई अल्पसंख्यकों या अंतर-राज्य परिवहन इत्यादि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और सिफारिश करना है।
  • बेंगलुरु के एक स्कूल में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का अनूठा प्रयोग हुआ है। स्कूल में बच्चों की फिजिक्स की क्लास ईगल 2.0 रोबोट ले रहा है। ईगल 2.0 रोबोट को 17 सदस्यों की एक टीम ने बनाया है और इसे बनाने में 8 लाख रुपए की लागत आई है। इस रोबोट को महिला की आवाज़ और लुक में तैयार किया गया है। इस रोबोट को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है कि ये न सिर्फ छात्रों से सवाल पूछता है, बल्क‍ि उनके द्वारा पूछे हुए सवालों के जवाब भी देता है। बेंगलुरु के इंडस इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 7, 8 और 9 के छात्रों को फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी के साथ जियोग्राफी व हिस्ट्री आदि सब्जेक्ट पढ़ाने के लिये सहायक शिक्षक के रूप में ह्यूमनॉइड रोबोट की मदद ली गई है। ईगल 2.0 में भी उसी मोटर का इस्तेमाल किया गया है, जो चर्चित मानव रोबोट सोफिया के लिये प्रयोग किया गया था।
  • दुनियाभर में 8 सितंबर को विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस का आयोजन किया गया। मानव के शरीर की क्षमता में ही शरीर का इलाज छुपा है। इस वर्ष की थीम है ‘क्रोनिक पेन’। फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज आसानी से किया जाता है। इस दिन को वर्ष 1996 में World Confederation for Physical Therapy द्वारा नामित किया गया था।
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