Rapid Fire करेंट अफेयर्स (06 September) | 06 Sep 2019
- भारत ने नए आतंकवाद निरोधक कानून के तहत जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज़ मोहम्मद सईद, ज़की-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकी घोषित किया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के लिये गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम (UAPA), 1967 में संशोधन किया था। अभी तक भारत में किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर आतंकी घोषित करने की कानूनी व्यवस्था मौजूद नहीं थी। इससे पूर्व किसी संगठन को ही आतंकी घोषित किया जा सकता था। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि केवल आतंकी संगठनों के नाम बदलकर पुराने काम जारी रखना अब संभव नहीं हो सकेगा। भारत के अलावा अन्य कई देशों में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिये व्यक्तिगत स्तर पर भी दोषियों को आतंकी घोषित करने के प्रावधान मौजूद हैं।
- स्टार्ट-अप कंपनियों को आसान टैक्स व्यवस्था की सुविधा देने के लिये तथा उनकी टैक्स संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिये हाल ही में एक स्टार्ट-अप प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। प्रकोष्ठ का गठन CBDT द्वारा जारी एक आदेश के तहत किया गया है। इसके अलावा DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप कंपनियों की आकलन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। CBDT ने स्टार्ट-कंपनियों के लंबित आकलनों को पूरा करने के लिये समय-सीमा भी तय कर दी है।
- लगभग 3 महीने तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद हाँगकाँग सरकार ने चीनी प्रत्यर्पण बिल वापस ले लिया है। इस बिल के विरोध में हाँगकाँग में लाखों लोकतंत्र समर्थकों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस बिल के तहत अगर कोई व्यक्ति अपराध करके हाँगकाँग आता है तो उसे जाँच प्रक्रिया में शामिल होने के लिये चीन भेजा जा सकता था। हाँगकाँग की सरकार ने इस मौजूदा कानून में संशोधन के लिये इसी वर्ष फरवरी में प्रस्ताव पेश किया था। कानून में संशोधन का प्रस्ताव उस घटना के बाद लाया गया था, जिसमें एक व्यक्ति ने ताइवान में अपनी प्रेमिका की कथित तौर पर हत्या कर दी थी और हाँगकाँग वापस आ गया था। जहाँ तक बात हाँगकाँग की है तो यह चीन का एक स्वायत्त द्वीप है और चीन इसे अपने संप्रभु राज्य का हिस्सा मानता है। वहीं हाँगकाँग की ताइवान के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, जिसके कारण हत्या के मुकदमे के लिये उस व्यक्ति को ताइवान भेजना मुश्किल है। यदि यह बिल पारित हो जाता तो इससे चीन को उन क्षेत्रों में संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने की अनुमति मिल जाती, जिनके साथ हाँगकाँग के समझौते नहीं हैं। आपको बता दें तब चीन ने 'एक देश-दो व्यवस्था' की अवधारणा के तहत कम-से-कम वर्ष 2047 तक लोगों की स्वतंत्रता और अपनी कानूनी व्यवस्था को बनाए रखने की गारंटी दी थी। लेकिन ऐसा ज़्यादा समय तक चल नहीं पाया। हाँगकाँग में वर्ष 2014 में 79 दिनों तक चले 'अंब्रेला मूवमेंट' के बाद चीनी सरकार ने लोकतंत्र का समर्थन करने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई की थी।
- स्किल इंडिया मिशन के लिये प्रशिक्षकों को प्रोत्साहन देने के लिये कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने 5 सितंबर को कौशलाचार्य समादर 2019 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया। विदित हो कि कजान, रूस में आयोजित वर्ल्ड स्किल प्रतियोगिता, 2019 के दौरान में भारत ने एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदकों सहित 15 उत्कृष्ट पदक जीते तथा 63 देशों में भारत को 13वाँ स्थान मिला। इस वर्ष से कौशलाचार्य पुरस्कार कार्यक्रम को प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाएगा। इससे कौशल प्रशिक्षकों के योगदान को पहचान मिलेगी।
- टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी सुनील जोशी को उत्तर प्रदेश की रणजी टीम का कोच नियुक्त किया गया है। कर्नाटक के रहने वाले सुनील जोशी ने भारत के लिये 15 टेस्ट मैचों में 41 विकेट लिये हैं। इसके अलावा उन्होंने 69 एकदिवसीय मैचों में 69 विकेट लिये हैं। इससे पहले सुनील जोशी बांग्लादेश क्रिकेट टीम के साथ गेंदबाजी सलाहकार के तौर पर जुड़े थे। हाल ही में इंग्लैंड में समाप्त हुए क्रिकेट विश्व कप के बाद उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया। विदित हो कि इससे पहले कई पूर्व भारतीय क्रिकेटर उत्तर प्रदेश की रणजी टीम के कोच रह चुके हैं, जिनमें वेंकटेश प्रसाद और मनोज प्रभाकर भी शामिल हैं।