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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (07 October)

  • 07 Oct 2019
  • 10 min read

1. शेख हसीना की भारत यात्रा

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर नई दिल्‍ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये संयुक्‍त रूप से तीन परियोजनाओं की शुरुआत की।

  1. बांग्‍लादेश से LPG के आयात से संबंधित परियोजना। आयातित LPG का भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में वितरण किया जाएगा।
  2. बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रामकृष्‍ण मिशन, वि‍वेकानंद भवन का निर्माण। विवेकानंद भवन में 100 से अधिक छात्रों के रहने की व्‍यवस्‍था होगी।
  3. बांग्‍लादेश-भारत पेशेवर कौशल विकास संस्‍थान की स्‍थापना। यह बांग्लादेश के औद्योगिक विकास के लिये कुशल मानव संसाधन और टेक्निशियन तैयार करेगा।

बांग्लादेश से मधुर संबंध हैं भारत के

  • दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई वार्ता के बाद विभिन्‍न क्षेत्रों से संबंधित सात समझौतों पर भी हस्‍ताक्षर किये गए।
  • ये समझौते जल संसाधन, युवा मामलों, संस्कृति, शिक्षा और बांग्लादेश में संयुक्त तटीय निगरानी राडार प्रणाली स्थापित करने से संबंधित हैं।
  • इनके साथ एक महत्त्वपूर्ण समझौता चटगाँव और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग के बारे में मानक संचालन प्रक्रिया को लेकर हुआ। इससे भारत, बंगलादेश की फेनी नदी से 1.82 क्यूसेक पानी त्रिपुरा में पेयजल परियोजना के लिये ले सकेगा।
  • पिछले एक साल में दोनों देशों ने इन तीन परियोजनाओं सहित कुल एक दर्जन संयुक्त परियोजनाएंँ शुरू की हैं।
  • विदित हो कि दोनों देशों के बीच काफी लंबे समय से नदियों से संबंधित विवाद लंबित हैं, जिसमें खास तौर पर तीस्ता नदी के जल बँटवारे का मुद्दा शामिल है।
  • इसके अलावा दोनों देशों के बीच रोहिंग्या प्रवासियों का मुद्दा भी एक बड़ी समस्या है।
  • बांग्लादेश की प्रधानमंत्री चार दिन की भारत यात्रा पर थीं। वे विश्‍व आर्थिक फोरम द्वारा आयोजित भारत आर्थिक शिखर सम्‍मेलन में मुख्‍य अतिथि थीं।

2. CSIR ने बनाए कम ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखे

  • पटाखों से होने वाले प्रदूषण और स्‍वास्‍थ्‍य हानि के मद्देनज़र वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)-NEERI ने कम-से-कम ध्‍वनि प्रदूषण वाले पटाखे बनाने की एक नई विधि विकसित की है।
  • अब इस प्रकार के कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे और फुलझड़ि‍याँ बाज़ार में विक्रेताओं और उपभोक्‍ताओं के लिये उपलब्‍ध हैं।
  • सर्वोच्च न्‍यायालय के सुझाव के आधार पर नए किस्‍म के ये ग्रीन क्रैकर्स तैयार किये गए हैं।

ग्रीन क्रैकर्स

  • ये ग्रीन क्रैकर्स न सिर्फ कम आवाज़ करेंगे बल्कि प्रदूषण भी कम करेंगे।
  • ये पटाखे पहले इस्तेमाल हो रहे पटाखों की तरह ही होंगे, लेकिन इनके फटने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।
  • इन ग्रीन क्रैकर्स से प्रदूषण में 30 प्रतिशत से ज़्यादा की कमी आएगी, साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा।
  • सरकार ने ग्रीन क्रैकर्स बनाने के लिये 230 कंपनियों के साथ करार किया हैं और ये कंपनियाँ जल्द ही बाज़ार में ग्रीन क्रैकर्स बेचेंगी।
  • इन पटाखों पर ग्रीन स्टीकर और बारकोड भी होगा- स्टीकर से इस बात की पुष्टि होगी कि ये ग्रीन क्रैकर्स हैं।
  • बारकोड को स्कैन कर यह पता लगाया जा सकता है कि ये पटाखे कहाँ बने हैं, निर्माता कौन है तथा पटाखों में किन केमिकल्स का इस्तेमाल किया गया है।

3. FSSAI के ईट राइट इंडिया अभियान में ट्रांस-फैट फ्री’ लोगो जारी

  • केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्‍ली में 8वें अंतर्राष्‍ट्रीय शेफ सम्‍मेलन (आईसीसी VII) में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का ‘ट्रांस-फैट फ्री’ लोगो जारी किया।
  • यह ट्रांस फैट के खिलाफ अभियान का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव होने के साथ ही FSSAI के ईट राइट डंडिया के जन अभियान को नई गति देगा।
  • ईट राइट इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2022 तक भारत के लोगों के लिये एक ऐसे न्यू इंडिया के निर्माण के सपने का साकार करना है जिसमें सभी के लिये स्‍वास्‍थ्‍य, सामाजिक सुरक्षा और पोषण युक्‍त आहार उपलब्‍ध हो सके।
  • ईट राइट इंडिया अभियान के तहत सरकार द्वारा पोषक और स्वस्थ खाने की आदतों को प्राथमिकता दी गई है।
  • गौरतलब है कि पोषण माह सितंबर में मनाया गया था, जिसमें पोषक आहार के बारे में जागरूकता लाने के लिये कई मंत्रालय और हितधारक एक साथ आगे आए थे।

क्या है ट्रांस फैट?

  • ट्रांस फैट वसा का एक खराब रूप है जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिये हानिकारक है। इसे ट्रांस फैटी एसिड (TFA) के रूप में भी जाना जाता है।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक खाद्य पदार्थों में से ट्रांस फैट को पूरी तरह खत्‍म करने का लक्ष्‍य रखा है।
  • इसके लिये FSSAI ने वर्ष 2022 तक औद्योगिक खाद्य उत्‍पादों में ट्रांस फैट की मात्रा को चरणबद्ध तरीके से घटाते हुए 2 प्रतिशत से कम तक ले आने का लक्ष्‍य रखा है।
  • मई 2018 में WHO ने वर्ष 2023 तक वैश्विक खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये एक व्यापक योजना REPLACE अभियान की शुरुआत की थी-
    • RE- (Review): औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के आहार स्रोतों और आवश्यक नीति परिवर्तन हेतु परिदृश्य की समीक्षा।
    • P- (Promote): स्वस्थ वसा और तेलों के माध्यम से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना।
    • L- (Legislate): औद्योगिक तौर पर उत्पादित ट्रांसफैट को खत्म करने के लिये कानून या विनियामक कार्यवाही को लागू करना।
    • A- (Assess): खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट सामग्री तथा लोगों द्वारा ट्रांस फैट के उपभोग का आकलन और निगरानी करना।
    • C- (Create): नीति निर्माताओं, उत्पादकों, आपूर्तिकर्त्ताओं और जनता के बीच ट्रांस फैट के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना।
    • E- (Enforce): नीतियों और विनियमों के अनुपालन को लागू करना।
  • WHO द्वारा तय पैमानों के अनुसार, Total Energy Intake में ट्रांस फैट्स की मात्रा 1 फीसदी से भी कम होनी चाहिये।

FSSAI के बारे में

  • FSSAI का पूरा नाम Food Safety and Standards Authority of India है, जिसे भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नाम से जाना जाता है।
  • केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत FSSAI का गठन किया। इसे 1 अगस्‍त, 2011 को केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा और मानक विनिमय (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) के तहत अधिसूचित किया गया।
  • यह भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करता है तथा इसका मुख्‍यालय दि‍ल्ली में है।
  • यह राज्‍यों के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विभिन्‍न प्रावधानों को लागू करने का काम करता है।
  • FSSAI मानव उपभोग के लिये पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने का काम करता है।
  • इसके अलावा यह देश के सभी राज्‍यों, ज़िला एवं ग्राम पंचायत स्‍तर पर खाद्य पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के निर्धारित मानकों को बनाए रखने में सहयोग करता है।
  • यह समय-समय पर खुदरा एवं थोक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की भी जाँच करता है।

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