Rapid Fire करेंट अफेयर्स (04 October)
1. वयोश्रेष्ठ सम्मान 2019
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 3 अक्तूबर को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गणमान्य वरिष्ठजनों और संस्थाओं को वर्ष 2019 के लिये वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रदान किये।
- यह सम्मान वरिष्ठजनों के लिये की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिये दिया जाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस हर साल 1 अक्तूबर को मनाया जाता है।
वयोश्रेष्ठ सम्मान
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- वयोश्रेष्ठ सम्मान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया पुरस्कार है, जो अब राष्ट्रीय श्रेणी के पुरस्कारों में शामिल हो चुका है।
- यह सम्मान प्रत्येक वर्ष भारत में वरिष्ठ नागरिकों की नि:स्वार्थ सराहनीय सेवा करने वाले संस्थानों और वरिष्ठ नागरिकों को उनकी उत्तम सेवाओं और उपलब्धियों के सम्मान स्वरूप प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार वरिष्ठजनों के हितों को लेकर सरकार की चिंताओं तथा समाज में ऐसे लोगों को उनका पूरा हक दिलाने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- यह समाज और राष्ट्र निर्माण में वरिष्ठजनों के योगदान से युवा पीढ़ी को परिचित कराने का अवसर भी प्रदान करता है।
- यह सम्मान देश के किसी भी हिस्से के संस्थानों/संगठनों/व्यक्तियों को दिया जाता है। इसके लिये सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों से नामांकन आमंत्रित किये जाते हैं।
- इनकी शुरुआत वर्ष 2005 में हुई थी। इस पुरस्कार योजना के तहत केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों उनके स्वायत्त संगठनों, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों, पद्म, वयोश्रेष्ठ सम्मान और अन्य राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके व्यक्तियों अथवा संस्थानों, वरिष्ठ नागरिकों की राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों तथा फिक्की, CII, एसोचैम, नेसकॉम जैसे उद्योग संगठनों से नामांकन आमंत्रित किये जाते हैं।
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2. रामदेव धुरंधर को आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति सम्मान
- हिंदी के शीर्ष प्रवासी साहित्यकार मॉरीशस के साहित्य के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये दिया जाने वाला आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति सम्मान इस प्रदान किया जाएगा।
- आचार्य द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति के निर्णायक मंडल ने रामदेव धुरंधर को यह सम्मान देने का निर्णय लिया है।
- इनसे पहले यह सम्मान डॉ. नामवर सिंह, डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी, मैनेजर पांडे, काशीनाथ सिंह, प्रभाष जोशी, वेद प्रताप वैदिक, अच्युतानंद मिश्र, भारत यायावर आदि को दिया जा चुका है।
रामदेव धुरंधर
रामदेव धुरंधर का चर्चित उपन्यास 'पथरीला सोना' छह खंडों में प्रकाशित है। इस महाकाव्यात्मक उपन्यास में उन्होंने किसान-मज़दूरों के रूप में भारत से मॉरीशस गए अपने पूर्वजों की संघर्षमय जीवन-यात्रा का चित्रण किया है। इसके अलावा उनकी 'छोटी मछली बड़ी मछली', 'चेहरों का आदमी', 'बनते बिगड़ते रिश्ते', 'पूछो इस माटी से', 'विष-मंथन', 'जन्म की एक भूल' आदि कृतियाँ भी प्रकाशित हो चुकी हैं। रामदेव धुरंधर को 11 लाख रुपए सम्मान राशि वाले श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान से भी नवाज़ा जा चुका है।
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- उनके अलावा डॉक्टर राम मनोहर त्रिपाठी लोक सेवा सम्मान महाराष्ट्र में वनवासियों की सेवा करने वाले डॉक्टर दंपति डॉ. प्रकाश आमटे एवं उनकी पत्नी डॉ. मंदाकिनी आमटे को दिया जाएगा।
- प्रभाष जोशी स्मृति पत्रकारिता सम्मान से जनसत्ता नई दिल्ली के कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज को सम्मानित किया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िला मुख्यालय पर 9 नवंबर को आयोजित होने वाले स्मृति समारोह में ये सम्मान प्रदान किये जाएंगे।
- आचार्य द्विवेदी समिति पिछले 12 वर्षों से आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में सम्मान प्रदान करती है।
3. नोमेडिक एलीफैंट-14
- भारत और मंगोलिया के बीच 14 दिन का संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास नोमेडिक एलीफैंट का 14वाँ संस्करण हिमाचल प्रदेश के बाकलोह में 5 अक्तूबर से 18 अक्तूबर के बीच आयोजित किया जा रहा है।
- मंगोलियाई सेना का प्रतिनिधित्व एलीट 084 एयर बोर्न स्पेशल टॉस्क बटालियन के अधिकारी एवं जवान करेंगे।
- भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व राजपूताना राइफल्स की बटालियन की एक टुकड़ी करेगी।
- नोमाडिक एलीफैंट-14 का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था के तहत उग्रवाद रोधी और आतंकवाद निरोधी अभियानों के लिये सैनिकों को प्रशिक्षित करना है।
- यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और सैन्य संबंधों को बढ़ाने में मदद करता है।
- यह दोनों देशों की सेनाओं के लिये अपने अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने तथा संयुक्त प्रशिक्षण का पारस्परिक रूप से लाभ उठाने का एक आदर्श मंच है।
- वर्ष 2004 में पहली बार भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त अभ्यास नोमेडिक एलीफैंट का आयोजन किया गया था। दोनों देश बारी-बारी से इसका आयोजन अपने देश में करते हैं।
प्रमुख उद्देश्य
संयुक्त प्रशिक्षण का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत सामूहिक आतंकवादी निरोधी अभियानों का संचालन करते हुए आतंकवाद-रोधी परिस्थितियों के लिये विभिन्न सुनियोजित अभ्यासों जैसे- कॉन्वॉय सुरक्षा ड्रिल, रूम इंटरवेंशन ड्रिल, घात लगाना/घात निरोधी ड्रिल को विकसित करना है। संयुक्त प्रशिक्षण में दोनों सेनाओं के सैनिकों को शामिल करते हुए एक सहयोगी सब-यूनिट द्वारा संचालन करने पर बल दिया जाता है। यह प्रतिकूल परिचालन परिस्थितियों में दोनों सेनाओं के बीच परस्पर सक्रियता को बढ़ाता है।
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काजिंद-2019
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- इसके अलावा भारत और कज़ाकिस्तान की सेनाओं के बीच चौथा वार्षिक सैन्य अभ्यास काज़िंद-2019 3 अक्तूबर को पिथौरागढ़ में शुरू हुआ।
- इस अभ्यास का उद्देश्य जंगलों और पहाड़ी इलाकों में अलगाववाद निरोधी/आतंकवाद निरोधी ऑपरेशन में सैनिकों को संयुक्त प्रशिक्षण देना है।
- काज़िंद के तहत उग्रवाद और आतंकवाद निरोधी अभियानों से संबंधित महत्त्वपूर्ण व्याख्यान, प्रदर्शन और अभ्यास आयोजित किये जाएंगे।
- इसके तहत दोनों सेनाएँ ऐसी परिस्थितियों का मुकाबला करने में अपने बहुमूल्य अनुभवों को भी साझा करती हैं तथा संयुक्त अभियानों के लिये अभ्यास और प्रक्रियाओं को परिष्कृत करती हैं।
- काज़िंद संयुक्त सैन्य अभ्यास को भारत और कज़ाकिस्तान के बीच लंबे समय तक रणनीतिक संबंधों के एक आयाम के रूप में देखा जाता है।
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4. एक्यूवरिन 2019
- भारतीय सेना और मालदीव की नेशनल डिफेंस फोर्स 7 से 20 अक्तूबर, 2019 के बीच महाराष्ट्र में पुणे के औंध मिलिट्री स्टेशन में 10वाँ संयुक्त सैन्य अभ्यास एक्यूवरिन करने जा रही हैं।
- भारतीय सेना और मालदीव की नेशनल डिफेंस फोर्सेस वर्ष 2009 से ही एक्यूवरिन युद्ध अभ्यास आयोजित कर रही हैं। मालदीव की धिवेही भाषा में एक्यूवरिन का अर्थ ‘मित्र’ होता है।
- 14 दिनों का यह संयुक्त अभ्यास भारत और मालदीव में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
प्रमुख उद्देश्य
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- इसमें संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था के अनुरूप एक अर्द्ध-शहरी वातावरण में उग्रवाद रोधी और आतंकवाद निरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिये दोनों सेनाओं के बीच परस्पर सक्रियता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- इस अभ्यास में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करने और उग्रवाद रोधी तथा आतंकवाद निरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिये एक-दूसरे को संचालन प्रक्रियाओं से परिचित कराने पर बल दिया जाता है।
- पिछला अभ्यास वर्ष 2018 में मालदीव के माफिलाफुसी स्थित नार्दर्न एरिया हेडक्वार्टर में आयोजित हुआ था।
- गौरतलब है कि भारत मालदीव के साथ बहुत करीबी जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक, सामरिक और वाणिज्यिक संबंध साझा करता है और एक्यूवरिन अभ्यास दोनों देशों के बीच इन संबंधों को और मज़बूत बनाने में सहायता करता है।
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