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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (01 October)

  • 01 Oct 2019
  • 14 min read

1. रोहिंग्या संकट समाधान के लिये बांग्लादेश का चार-सूत्रीय प्रस्‍ताव

  • न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रोहिंग्या संकट के समाधान के लिये संयुक्‍त राष्‍ट्र के समक्ष चार सूत्रीय प्रस्‍ताव रखा।
  • बांग्लादेश का कहना है कि रोहिंग्या संकट क्षेत्रीय खतरा बनता जा रहा है जिसके स्‍थायी समाधान के लिये अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय का त्वरित हस्‍तक्षेप ज़रूरी है।

क्या हैं चार प्रस्ताव

1.बांग्लादेश के अनुसार म्‍याँमार को, रोहिंग्या लोगों की म्‍याँमार में सुरक्षित वापसी और उन्‍हें फिर मुख्‍यधारा में शामिल करने की स्‍पष्‍ट राजनीतिक इच्‍छा दिखानी चाहिये।

2.म्‍याँमार को भेदभावपूर्ण कानून और रीति-रिवाज़ छोड़ देने चाहिये तथा रोहिंग्या प्रतिनिधियों को उत्‍तरी रखाइन प्रांत जाकर वास्तविक हालात देखने की अनुमति देनी चाहिये।

3. म्‍याँमार को अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यवेक्षकों की देखरेख में रखाइन प्रांत में रोहिंग्या लोगों की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिये।

4. बांग्लादेश ने चौथे प्रस्‍ताव में अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि रोहिंग्या लोगों के मानवाधिकारों के उल्‍लंघन और उन पर किये जा रहे अत्‍याचारों की जवाबदेही तय की जाए।

  • बांग्लादेश मानता है कि इस संकट का एकमात्र हल यही है कि रोहिंग्या लोगों की रखाइन प्रांत में सुरक्षित और सम्‍मान के साथ वापसी हो। बांग्लादेश इसके लिये म्‍याँमार से लगातार संपर्क में बना रहेगा।

गौरतलब है कि महासभा के 74वें सत्र में शेख हसीना ने प्रस्‍ताव रखा था कि कोफी अन्नान आयोग (पूर्व महासचिव, संयुक्त राष्ट्र) आयोग की सिफारिशें पूरी तरह लागू की जाए और म्‍याँमार के रखाइन प्रांत को सुरक्षित क्षेत्र बनाया जाए।

कोफी अन्नान आयोग ने क्या कहा

  • सुरक्षा परिषद म्‍याँमार सरकार पर दबाव बनाए, जिससे बांग्‍लादेश में रह रहे रोहिंग्‍या शरणार्थियों की रखाइन प्रांत में पूरे सम्‍मान और सुरक्षा के साथ वापसी हो सके।
  • बांग्‍लादेश में इस समय लगभग 3 लाख 50 हजार रोहिंग्‍या शरणार्थी अपना घर छोड़कर रहने को मज़बूर हैं।
  • म्‍याँमार लौटने वाले शरणार्थियों को शिविरों में नहीं भेजा जाना चाहिये, बल्कि उन्‍हें उनके घरों तक पहुंँचाया जाए।
  • इस आयोग द्वारा म्‍याँमार में रोहिंग्या मुसलमानों का अलगाव खत्म करने, उनकी नागरिकताविहीन स्थिति समाप्त करने, मानवाधिकार उल्लंघन पर जवाबदेही तय करने और देश के भीतर उनकी आवाजाही पर पाबंदी हटाने जैसी कई सिफारिशें की थीं।
  • म्‍याँमार सरकार से कहा गया कि रोहिंग्‍या शरणार्थियों के लिये ऐसा माहौल तैयार करें, जिससे वे सम्‍मान के साथ घर लौट सकें।
  • फ्रांँस और ब्रिटेन म्‍याँमार सरकार के खिलाफ मज़बूत कार्रवाई के लिये संयुक्त राष्ट्र में प्रस्‍ताव लाने के समर्थक हैं, लेकिन चीन और रूस जैसे विपक्षी संगठनों के पास वीटो पावर है।


2. क्षुद्रग्रह को मिला पं. जसराज का नाम

  • अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने हाल ही में मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच एक क्षुद्रग्रह (Asteroid) को भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित जसराज का नाम दिया है।
  • पंडित जसराज यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय संगीतज्ञ हैं।
  • इस ग्रह की खोज 11 नवंबर, 2006 को हुई थी।
  • इन लघुग्रहों को IAU द्वारा स्थानीय अंक दिये जाते हैं और पंडित जसराज ग्रह को 300128 संख्या दी गई है, जो उनकी जन्मतिथि 28-01-30 का उल्टा है।
  • इस सम्मान के साथ पंडित जसराज; मोज़ार्ट, बीथोवेन और टेनोर लुसियानो पवारोटी जैसे संगीतज्ञों की श्रेणी में शामिल होने वाले पहले भारतीय संगीतकार बन गए हैं।

ऐसे दिया जाता है क्षुद्रग्रहों को नाम

  • जब किसी क्षुद्रग्रह को पहली बार खोजा जाता है, तो उसे एक अनंतिम नाम दिया जाता है जो आठ-वर्ण लंबा होता है।
  • इसमें से, पहले चार अंक उस वर्ष को संदर्भित करते हैं, जिसमें क्षुद्रग्रह की खोज की गई थी, जबकि अंतिम चार वर्ण यह बताते हैं कि उस वर्ष में कब इसकी खोज की गई थी।
  • सभी क्षुद्रग्रहों को ये अनंतिम नाम दिये गए हैं, लेकिन सभी क्षुद्रग्रहों को मिले नाम उचित नहीं हैं। ऐसा इसलिये है क्योंकि एक क्षुद्रग्रह का नाम रखने का विशेषाधिकार सर्वप्रथम खोजकर्त्ताओं को दिया जाता है, जिनके पास इसके लिये नाम प्रस्तावित करने हेतु 10 साल का समय होता है।

इसके अलावा...

  • प्रस्तावित नाम 16-वर्णों से अधिक लंबा नहीं होना चाहिये।
  • यह अधिमानतः एक शब्द होना चाहिये।
  • यह किसी भाषा में उच्चारण योग्य होना चाहिये।
  • लैटिन अक्षरों का उपयोग करके लिखा जाना चाहिये।
  • यह गैर-आक्रामक होना चाहिये।
  • किसी नाबालिग ग्रह या क्षुद्रग्रह के मौज़ूदा नाम के समान नहीं होना चाहिये।

पंडित जसराज

पंडित जसराज का संबंध संगीत के मेवाती घराने से है। उन्हें वर्ष 1987 और 2010 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1990 में पद्म श्री, वर्ष 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ

यह पेशेवर खगोलविदों का एक संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में की गई थी। इसका केंद्रीय सचिवालय पेरिस में है। इस वर्ष यह संघ अपनी 100वीं वर्षगाँठ मना रहा है। इस संघ का उद्देश्य खगोलशास्त्र के क्षेत्र में अनुसंधान और अध्ययन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना है। जब भी ब्रह्मांड में कोई नई वस्तु पाई जाती है तो खगोलीय संघ द्वारा दिये गए नाम ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) का उद्देश्य खगोलीय विज्ञान को बढ़ावा देना है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की महासभा की बैठक तीन वर्ष में एक बार की जाती है। पिछली बार इसकी बैठक का आयोजन ऑस्ट्रिया के विएना में वर्ष 2018 में किया गया था। अगली बार IAU की बैठक का आयोजन वर्ष 2021 में दक्षिण कोरिया के बुसान में किया जाएगा।


3. सौभाग्य योजना के तहत जम्मू-कश्मीर में सभी घरों में बिजली

  • जम्‍मू-कश्‍मीर में सौभाग्‍य योजना के तहत सभी घरों में बिजली पहुँचाकर महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है।
  • राज्‍य में यह लक्ष्‍य निर्धारित समय से पहले पूरा किया गया है।
  • यह उपलब्धि कठिन भौगोलिक भूभाग, बर्फीले इलाकों, दूर दूर बने मकानों, अंतर्राष्ट्रीय सीमा से निकटता और सीमित कार्य मौसम के बावजूद हासिल की गई है।
  • जम्मू-कश्मीर बिजली विकास विभाग की टीमों ने अन्य विभागों, ग्रामसेवकों, राजस्व अधिकारियों, सार्वजनिक प्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिये काम किया।
  • इसके अलावा विभाग ने ग्राम ज्योति दूत और ऊर्जा विस्तार जैसे मोबाइल ऐप भी तैयार किये।

क्या है सौभाग्य योजना?

  • प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘सौभाग्य’ की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को की थी। इसका उद्देश्य देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी घरों का विद्युतीकरण सुनिश्चित करना है।
  • यह योजना मार्च, 2019 तक ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी प्रदान करके सार्वभौमिक आवासीय बिजलीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
  • आज़ादी के 70 वर्ष बाद भी भी 18000 गांँवों का विद्युतीकरण नहीं हो पाया था, जिन्‍हें इस योजना के तहत विद्युतीकृत किया गया।
  • पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में मणिपुर के लीसांग गांँव का 28 अप्रैल, 2018 को अंतिम गांँव के तौर पर विद्युतीकरण किया गया।
  • इन 18000 गांँवों का विद्युतीकरण करना थोड़ा मुश्किल था, क्‍योंकि इनमें से अधिकांश गांँव दूर-दराज के इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और खराब संपर्क वाले क्षेत्रों में थे।
  • अब पूर्वी भारत में स्थिति बदल गई है, इस क्षेत्र में 18,000 गांँवों में से 14,582 गांँव गैर-विद्युतीकृत थे जबकि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में 4,590 गांँवों में बिजली नहीं थीं। विद्युतीकृत होने के बाद अब भारत का पूर्वी क्षेत्र भारत की विकास यात्रा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • अब तक इस योजना के माध्यम से 86 लाख से अधिक परिवारों को विद्युतीकृत किया जा चुका है। योजना मिशन मोड पर है और यह चार करोड़ परिवारों के लिये बिजली कनेक्शन सुनिश्चित करेगी।

4. अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस

1 अक्तूबर को सम्पूर्ण विश्व में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day of Elderly Persons) मनाया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को समाज द्वारा सम्मान देने हेतु इस आयोजन का फैसला संयुक्त राष्ट्र ने 14 दिसंबर, 1990 में लिया था। इस दिन वरिष्ठ नागरिकों और बुजुर्गों का सम्मान तथा उनके हितों पर चिंतन किया जाता है।

  • भारत में वर्ष 2011 की जनगणना में बताया गया कि देश में वृद्धों की संख्‍या जल्‍द ही 10 करोड़ को पार कर जाएगी।
  • भारत सरकार ने वर्ष 1999 में बुजुर्गों से संबंधित राष्‍ट्रीय नीति बनाई थी, जिसमें वृद्धों की सभी प्रमुख समस्याओं को मद्देनज़र रखा गया।
  • इसके अलावा अदालतों, रेल तथा विमान यात्रा, देखभाल, आयकर, बैंकों में जमा धन पर ब्याज आदि में वृद्धों को को कई प्रकार की छूट दी जाती है।
  • इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस की थीम The Journey to Age Equality रखी गई है।

5. विश्व ह्रदय दिवस

  • इस वर्ष 29 सितंबर को दुनियाभर में विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) का आयोजन लोगों में हृदय के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के किया गया।
  • इस पहल की शुरुआत वर्ष 2000 में लोगों को अपने हृदय की देखभाल करने के बारे में जागरूक करने के लिये की गई थी।
  • पहले प्रतिवर्ष सितंबर महीने के आखिरी रविवार को इस दिवस का आयोजन किया जाता था।
  • इस वर्ष इस दिवस की थीम My Heart, Your Heart रखी गई है।

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