लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में केंद्र ने एक कदम और बढ़ाया है। इंडियन आयल कॉर्पोरेशन ने विंटर ग्रेड डीज़ल (Winter Grade Diesel) का उत्पादन शुरू किया है। यह विंटर ग्रेड डीज़ल -33 डिग्री सेल्सियस पर भी काम करेगा। विंटर ग्रेड डीज़ल से लद्दाख में बर्फीले मौसम में वाहनों की आवाजाही आसान होगी जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ सैन्य वाहनों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी।
क्या है विंटर ग्रेड डीज़ल
विंटर ग्रेड डीज़ल की विशेषता यह है कि इसमें लगभग 5 प्रतिशत बायोडीज़ल का मिश्रण भी किया गया है। इसकी वजह से जहाँ डीज़ल वाहन के लिये बेहतर रहेगा वहीं इसके जम जाने की समस्या से निज़ात मिलेगी।
दरअसल, लद्दाख में तापमान की गिरावट के साथ सर्दियों में सामान्य डीज़ल जम जाता है। इससे वाहन चलाने में परेशानी होती है।
लेकिन इस डीज़ल को -33 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर भी उपयोग में लाया जा सकता है।
यह डीज़ल BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) के मानकों पर भी खरा उतरा है तथा BS-6 मानकों पर भी खरा उतरता है।
गौरतलब ही कि केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में डीज़ल स्थानीय निवासियों के साथ-साथ भारतीय सेना, सुरक्षा बलों के लिये भी बहुत अहमियत रखता है। लद्दाख में चीन, पाकिस्तान से लगती सीमा की रक्षा करने वाली भारतीय सेना के अधिकांश वाहन डीज़ल से ही चलते हैं।
इटैलियन गोल्डन सैंड आर्ट अवार्ड
प्रख्यात भारतीय रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक को रोम में ‘इटैलियन गोल्डन सैंड आर्ट अवार्ड, 2019' से सम्मानित किया गया।
इटली के लेचे में 13 नवंबर से 17 नवंबर, 2019 तक आयोजित ‘इंटरनेशनल स्कोरानो सैंड नेटिविटी' कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पटनायक ने रूसी कलाकार पैवेल मिनिकोव के साथ मिलकर महात्मा गांधी की 10 फुट ऊँची रेत की आकृति बनाई।
रेत कला में योगदान के लिये इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं।
‘पद्मश्री' से सम्मानित पटनायक ने अब तक 60 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रेत कला महोत्सवों और दुनियाभर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर भारत का नाम रौशन किया है।
IAAF हो गया वर्ल्ड एथलेटिक्स
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (International Association Of Athletics Federation-IAAF) का नाम बदलकर वर्ल्ड एथलेटिक्स (World Athletics) किया जा रहा है।
नाम बदलने से कुछ समय पहले ही नया लोगो भी लॉन्च किया गया था।
विश्व एथलेटिक्स की संचालन संस्था तथा एथलेटिक्स महासंघों के अंतर्राष्ट्रीय संघ (IAAF) का गठन वर्ष 1912 में अंतर्राष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक्स महासंघ के रूप में किया गया था।
डेज़ ऑफ मॉस्को
भारत और रूस के बीच मैत्री संबंधों में मज़बूती के लिये देश की राजधानी नई दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम डेज़ ऑफ मॉस्को का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों की राजधानियों के बीच संपर्क बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग और मॉस्को प्रशासन ने मिलकर किया।
डेज़ ऑफ मॉस्को एक व्यापक कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य दोनों शहरों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक खेलकूद, शैक्षिक और शहरी विकास क्षेत्र में संपर्क बढ़ाना है।
यह मास्को में अवसरों का पता लगाने के लिये दिल्ली के छात्रों, नागरिकों और व्यापारिक समुदाय के लिये एक अनूठा कार्यक्रम है।
इसमें कला और संस्कृति, विरासत, खेल एवं आपसी सहयोग के अन्य क्षेत्रों सहित विभिन्न गतिविधियों की पहचान की गई।
यह व्यापक सांस्कृतिक कार्यक्रम दोनों शहरों की सरकारों के बीच हुए एक समझौते के तहत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और कई क्षेत्रों में भविष्य की साझेदारी की अपार संभावनाओं का पता लगाने के लिये आयोजित किया गया।