RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (16 नवंबर) | 16 Nov 2019
ई-कॉमर्स के नए नियम
हाल ही में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियमन, 2019 का मसौदा जारी किया।
- इस मसौदे के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियाँ अपने मंचों पर बिकने वाले उत्पादों की कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकती तथा उन्हें व्यापार के निष्पक्ष तरीकों का अनिवार्य तौर पर पालन करना होगा।
- ई-कॉमर्स कंपनियों को विक्रेताओं के कारोबार की पहचान, वैध नाम, भौगोलिक पता, वेबसाइट का नाम, उनके द्वारा बेचे जाने वाले उत्पाद और उनसे उपभोक्ता कैसे संपर्क करे समेत सारी जानकारियाँ मुहैया करानी होंगी।
- ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ताओं के निजी आँकड़ों व सूचनाओं को संरक्षित रखना होगा।
- ई-कॉमर्स कंपनियों को देर से डिलिवरी होने, उत्पाद में खराबी होने, नकली उत्पाद होने की स्थिति में सामान को वापस लेना होगा और अधिकतम 14 दिनों के भीतर उपभोक्ताओं का पैसा वापस करना होगा।
अरुणाचल में पहली अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक
- 14 नवंबर, 2019 को अरूणाचल प्रदेश में एपीडा एवं अरूणाचल प्रदेश के कृषि तथा बागवानी विभाग ने कृषि और बागवानी उत्पाद पर पहली अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया।
- इस बैठक का उद्देश्य कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना और पूर्वोत्तर क्षेत्र खासतौर से अरूणाचल प्रदेश से कृषि-निर्यात के लिये बाज़ार से संपर्क बढ़ाना था।
- इस बैठक में सात देशों- भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और ग्रीस के दस अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों ने हिस्सा लिया।
- यह सम्मेलन आयातकों और निर्यातकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों की B2B और B2G बैठकें और कृषि एवं बागवानी उत्पादों के निर्यात के अवसरों तथा संभावनाओं का पता लगाने के लिये पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेषकर अरूणाचल प्रदेश के प्रगतिशील किसानों और उत्पादकों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
- गौरतलब है कि राज्य की 75-80 प्रतिशत भूमि अनछुई है और इन इलाकों में अनेक कृषि फसलों को लगाया जा सकता है, क्योंकि अरूणाचल प्रदेश जलवायु के अनुसार वर्ष में पाँच प्रकार की फसलें उगा सकता है।
- इससे पहले इस वर्ष मार्च में गुवाहाटी, असम में BSM का आयोजन किया गया था। इसके बाद मणिपुर, इम्फाल में जून, 2019 में अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन और बैठक आयोजित की गई। इसके बाद एक बैठक सितंबर 2019 में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी हुई।
आपको बता दें कि एपीडा कृषि निर्यात के क्षेत्रों में संवर्द्धन गतिविधियाँ चलाता है। इनमें निर्यातकों को पैक हाउसेज और शीतगृहों जैसी बुनियादी ढाँचा सुविधाएँ स्थापित करने के लिये सहायता प्रदान करना शामिल है। एपीडा निर्यातकों की भी मदद करता है, ताकि वह अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सकें। ईटानगर में आयोजित यह बैठक भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को निर्यात के नक्शे पर लाने के लिये एपीडा की पहल का ही हिस्सा थी।
39वाँ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला
- केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने 14 नवंबर, 2019 को दिल्ली के प्रगति मैदान में 39वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) का उद्घाटन किया।
- व्यापार मेले के इस संस्करण की थीम ‘कारोबार को आसान बनाना’ है। यह थीम विश्व बैंक की कारोबार आसान बनाने के सूचकांक में विशिष्ट उपलब्धि से प्रेरित है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में भारत कारोबार आसान बनाने की रैंकिंग में 142वें पायदान पर था जो अब 63वें पायदान पर आ गया है।
- ऑस्ट्रेलिया, ईरान, ब्रिटेन, वियतनाम, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, चीन, मिस्र, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया सहित अन्य कई देश इस 14 दिवसीय व्यापार मेले में भाग ले रहे हैं।
- इस साल अफगानिस्तान को भागीदार देश का दर्जा दिया गया है, जबकि बिहार और झारखंड ध्यान केंद्रित राज्य हैं।
विदित हो कि इस तरह के आयोजन 'ब्रांड इंडिया' को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में मदद करते हैं। यह मेला विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभागों एवं एजेंसियों के लिये सतत् सुधारों, नई योजनाओं तथा पहलों के बारे में सूचना के प्रसार के लिये महत्त्वपूर्ण मंच है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस
- प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन किया जाता है, जो यह स्वतंत्र और उत्तरदायी प्रेस का प्रतीक है।
- इसी दिन भारतीय प्रेस परिषद ने काम करना शुरु किया था, जो कि एक निगरानी संस्था है जो यह सुनिश्चित करती है कि प्रेस उच्च मानकों को बनाए रखे और किसी धमकी और प्रभाव के आगे नहीं झुके।
- भारतीय प्रेस परिषद: भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India-PCI) संसद के अधिनियम द्वारा सृजित एक कानूनी अर्द्धन्यायिक निकाय है। यह प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने व उसे बनाए रखने, जन अभिरुचि के उच्च मानक सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों व दायित्वों के प्रति उचित भावना उत्पन्न करने का दायित्व का निर्वहन करता है।
- प्रेस परिषद अधिनियम के तहत इस संस्था में एक अध्यक्ष और 28 अन्य सदस्य होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है
ध्यातव्य है कि प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एंव पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। इसी के परिणामस्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नंवबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया।