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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (29 May)

  • 29 May 2019
  • 7 min read
  • अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने के सरकार के अध्यादेश पर लगी रोक पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने हटा दी। सरकार ने मार्च में इस संबंध में मध्यस्थता अध्यादेश जारी किया था, जिसे इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन (ICADR) ने चुनौती दी थी। इस केंद्र की स्थापना संस्थागत मध्यस्थता के लिये स्वायत्त व्यवस्था बनाने और ICADR की ज़िम्मेदारियों के अधिग्रहण के लिये की गई थी, जो नई दिल्ली मध्यस्थता केंद्र में निहित थे। इस केंद्र को स्थापित करने के संबंध में एक विधेयकर लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन फरवरी में संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित होने के कारण इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका। ज्ञातव्य है कि वैकल्पिक विवाद समाधान के लिये एक केंद्र स्थापित करना सरकार के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों में शामिल है। बी.एन. श्रीकृष्ण आयोग और 84वीं संसदीय समिति ने इस तरह का केंद्र स्थापित करने की सिफारिश की थी। ICADR की स्थापना 1995 में की गई थी और इसका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था, इसमें मध्यस्थता के मामले नहीं आ रहे थे। इसीलिये अध्यादेश जारी किया गया था।
  • 17वीं लोकसभा के लिये हाल ही में हुए चुनावों में 78 महिला सांसद चुनकर आई हैं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। अब तक की इस सर्वाधिक भागीदारी के साथ ही नई लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या कुल सदस्य संख्या का 17 प्रतिशत हो जाएगी। सर्वाधिक 40 महिला उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती हैं। इस लोकसभा चुनाव में कुल 8049 उम्मीदवार मैदान में थे और इनमें 724 महिला उम्मीदवार थीं। 16वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 64 थी। ज्ञातव्य है कि महिला सांसदों की सबसे कम संख्या 9वीं लोकसभा में 28 थी।

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महिला सांसदों के प्रतिशत के मामले में भारत विश्व में 193 देशों में 153वें स्थान पर है। Inter-Parliamentary Union की एक रिपोर्ट के अनुसार, रवांडा के निचले सदन (The Chamber of Deputies) में 61 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। रवांडा दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसकी संसद में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है।

  • भारतीय वायुसेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज (कैप्टन), फ्लाइंग ऑफिसर अमन निधि (को-पायलट) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल (फ्लाइट इंजीनियर) मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली देश की पहली 'आल वीमेन क्रू' बन गईं। 27 मई को उन्होंने दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में एयरबेस पर बैटल इनोक्यूलेशन ट्रेनिंग मिशन के लिये Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर उड़ाया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज Mi-17 V5 उड़ाने वाली पहली महिला पायलट हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल भारतीय वायुसेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शहरों में ड्रोन के लिये नेशनल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम बनाने के अपने चार साल के प्रयासों का अंतिम चरण शुरू कर दिया है। इसके तहत नासा पहली बार शहरों में ड्रोन का परीक्षण कर रहा है। ज्ञातव्य है कि शहरों की बड़ी बिल्डिंगों और व्यस्त सड़कों में ड्रोन चलाने के लिये एक कुशल और प्रभावी तंत्र की ज़रूरत होती है। सिम्युलेशन टेस्टिंग के दौरान नासा ने अमेरिका के नेवादा राज्य के शहर रेनो के ऊपर एक साथ एक ही समय में कई ड्रोन उड़ाए। नासा की इस तकनीक के इस्तेमाल से आने वाले समय में हज़ारों छोटे मानवरहित ड्रोन एक ही समय में उड़ाए जा सकेंगे। इनके ज़रिये खाद्य सामग्री, दवाओं आदि की डिलीवरी आसानी से की जा सकेगी। नासा ने इस तरह के परीक्षण दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में भी किये हैं।
  • भारत की अपूर्वी चंदेला ने म्यूनिख में तीसरे ISSF वर्ल्ड कप में एक बार फिर स्वर्ण पदक जीता है। इस वर्ष में यह उनका दूसरा वर्ल्ड कप स्वर्ण पदक है। इससे पहले उन्होंने फरवरी में दिल्ली वर्ल्ड कप में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। अपूर्वी ने 10 मीटर एयर राइफल का स्वर्ण पदक 0.1 पॉइंट से अपने नाम किया। अपूर्वी ने फाइनल में कुल 251 अंक हासिल किये, जबकि चीन की वांग लुयाओ ने 250.8 अंक हासिल कर रजत पदक जीता। तीसरे नंबर पर रही चीन की झू होंग ने 229.4 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता। भारत की एलावेनिल वलारिवान फाइनल में चौथे नंबर पर रहीं। यह अपूर्वी के करियर में चौथा ISSF पदक है। इसके अलावा, राही सरनोबत ने 25 मीटर पिस्टल का स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया। सौरभ चौधरी ने भी 10 मीटर एयर पिस्टल में नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इसी वर्ष दिल्ली में बनाए अपने ही विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया।
  • पाकिस्तान में इस्लामी त्योहारों को मनाने के लिये चाँद देखने को लेकर होने वाले विवादों को खत्म करने के उद्देश्य से एक कैलेंडर तैयार किया गया है। सरकार की ओर से वैज्ञानिक चंद्र कैलेंडर बनाने के लिये गठित विशेषज्ञों के पैनल ने इसे तैयार किया है। अब इस वैज्ञानिक कैलेंडर को ‘इस्लामी विचारधारा परिषद’ के पास भेजा जाएगा। यह कैलेंडर अंतरिक्ष एवं ऊपरी वातावरण अनुसंधान आयोग, अंतरिक्ष विशेषज्ञों और मौसम विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है। कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक संस्थाओं को कैलेंडर देखने के लिये आमंत्रित किया गया है ताकि वे इसको संकलित करने में की गई कड़ी मेहनत को समझ सकें। यह कैलेंडर पाँच साल के लिये तैयार किया गया है और हर पाँच साल में इसकी समीक्षा की जाएगी।
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