Rapid Fire करेंट अफेयर्स (21 May) | 21 May 2019
- 20 मई को वर्ल्ड मैट्रोलॉजी डे के दिन से दुनियाभर में किलोग्राम की परिभाषा बदल गई है और नई परिभाषा लागू भी हो गई है। इससे पहले किलोग्राम को प्लेटिनम से बने सिलेंडर के वज़न से परिभाषित किया जाता था, जिसे ली ग्रैंड कहा जाता था। ऐसा एक सिलेंडर पेरिस में इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट्स एंड मेज़र्स के पास 1889 से मौजूद है। अब किलोग्राम के माप के लिये किब्बल या वाट बैलेंस का उपयोग किया जाएगा। क्वांटम फिजिक्स से संबंधित यह एक ऐसा उपकरण है जो यांत्रिक और विद्युत चुंबकीय ऊर्जा का उपयोग कर सटीक गणना करेगा। ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष नवंबर में वैज्ञानिकों ने किलोग्राम की परिभाषा बदल दी थी, जिसे दुनिया के 50 से अधिक देशों ने सर्वसम्मति से मंज़ूरी दी थी। किलोग्राम की परिभाषा पर पुनर्विचार के लिये फ्राँस में वेट एंड मेजर्स पर एक सम्मेलन का भी आयोजन किया गया था। किलोग्राम की परिभाषा में बदलाव से आम लोगों के रोज़मर्रा के जीवन में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। किलोग्राम अंतर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली के सात मानकों में से एक है।
- 21 मई को विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस का आयोजन किया गया। इस दिवस को संवाद और विकास के लिये सांस्कृतिक विविधता के विश्व दिवस के रूप में भी जाना जाता है। विश्व के सभी देशों की अपनी अलग भाषा, अलग परिधान और अलग-अलग सांस्कृतिक विशेषताएँ होती हैं। यह दिवस पूरे विश्व में इनका प्रसार करने के लिये मनाया जाता है। आपको बता दें कि वर्ष 2001 में यूनेस्को ने 21 मई को संवाद और विकास हेतु विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस वर्ष इस दिवस की थीम Cultural and Sustainable Development (सांस्कृतिक एवं सतत विकास) रखी गई है।
- कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय MCA 21 पोर्टल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शामिल करने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य नियमों के अनुपालन को और अधिक सरल बनाना तथा नियमों का सामान्य प्रवर्तन निरंतर स्वचालित आधार पर करना है। आपको बता दें कि MCA 21 एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है, जिसमें कंपनियों के बारे में सभी सूचनाएँ इस पोर्टल के माध्यम से सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाती हैं। इसके ज़रिये मंत्रालय विनियामकों, कंपनियों और निवेशकों सहित सभी पक्षों तक सूचना का प्रसार करता है। इस पोर्टल का तीसरा संस्करण लगभग एक साल में लागू करने की योजना है। इस दौरान MCA 21 में AI को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। इसके ज़रिये सभी फर्मों को युक्तिसंगत बनाने के साथ ही डेटाबेस को आपस में जोड़ा जाएगा ताकि प्रवर्तन गतिविधियाँ स्वचालित आधार पर हर समय जारी रह सकें।
- भारतीय नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण से भारत ने हवा में होने वाले युद्ध की अपनी प्रतिरोधक क्षमता में महत्त्वपूर्ण इज़ाफा किया है। भारतीय नौसेना के पोत ‘कोच्चि’ और ‘चेन्नई’ ने पश्चिमी समुद्र तट पर यह परीक्षण किया। इस मिसाइल का परीक्षण भारतीय नौसेना, DRDO और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने मिलकर किया। DRDO ने इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ के साथ मिलकर इस मिसाइल का विकास किया है तथा भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है। ये मिसाइलें भविष्य में भारतीय नौसेना के सभी प्रमुख युद्धपोतों पर तैनात की जाएंगी।
- सर्च इंजन गूगल ने अपने पहले ‘डायरेक्ट स्पीच टू स्पीच ट्रांसलेशन सिस्टम’ का ऐलान किया है। गूगल की इस नई मौखिक संचार प्रणाली का नाम ट्रांसलेटोट्रोन रखा गया है। इस नई प्रणाली के तहत गूगल को बोलकर दिये गए निर्देशों का वह दूसरी ऐच्छिक भाषा में तुरंत सटीक अनुवाद करके दे सकता है। ‘ट्रांसलेटोट्रोन’ एक श्रृंखला से दूसरी श्रृंखला के नेटवर्क पर काम करता है। इसका स्रोत ‘स्पेक्ट्रोग्राम्स’ हैं, जो इनपुट दृश्य आवृत्तियों की पहचान करके लक्षित भाषा में अनुवाद करते हैं। गूगल के इस स्पीच ट्रांसलेटर का इस्तेमाल अधिक सुविधाजनक तो है ही, इसका अनुवाद भी ज़्यादा सटीक और सहज है। ‘ट्रांसलेटोट्रोन’ नाम का यह अनुवादक बोलने वाले व्यक्ति की आवाज़ की विशेषताओं को भी अनुवाद के दौरान बरकरार रखता है।
- नेपाल के पर्वतारोही कामी रीता शेरपा ने 15 मई को 23वीं बार माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर दुनिया की इस सबसे ऊँची चोटी पर सर्वाधिक बार चढ़ाई करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। कामी रीता शेरपा नेपाल के सोलुखुंबु ज़िले के थमे गाँव के रहने वाले हैं। इससे पहले कामी रीता ने 16 मई, 2018 को एवरेस्ट की चोटी पर 22वीं बार पहुँचकर इतिहास रचा था। वर्ष 2017 में कामी रीता 21 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए थे। तब उनके अलावा अपा शेरपा और फुरबा ताशी शेरपा ने यह उपलब्धि हासिल की थी। कामी रीता ने वर्ष 1994 में 24 वर्ष की आयु में पहली बार विश्व की सर्वोच्च चोटी पर चढ़ाई की थी तब वह हर साल एवरेस्ट पर चढ़ाई करते हैं।