विश्व अस्थमा दिवस प्रतिवर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस वर्ष 7 मई को इस दिवस का आयोजन किया गया। अस्थमा के रोगियों को आजीवन कुछ सावधानियाँ अपनानी पड़ती हैं तथा हर मौसम में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होती है। इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये इस दिवस का आयोजन किया जाता है। 1998 में पहली बार Global Initiative for Asthma ने इसका आयोजन बार्सिलोना में हुई प्रथम विश्व अस्थमा बैठक के बाद किया था। विश्व अस्थमा दिवस 2019 की थीम STOP for Asthma रखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में 100 से 150 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं और भारत में इससे प्रभावित लोगों की संख्या 15-20 मिलियन तक पहुँच गई है।
अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को मिलने वाली छूट खत्म होने के बाद भारत में तेल की आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिये सऊदी अरब स्थित दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने भारत को अतिरिक्त कच्चे तेल की आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया है। सऊदी अरामको ने भारत की तेल सप्लाई को रोज़ाना 2 लाख बैरल तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। यह ईरान से आयात होने वाले तेल का आधा होगा। 2 लाख बैरल प्रतिदिन तेल का अर्थ है एक साल में 1 करोड़ टन तेल। भारत ने पिछले वित्त वर्ष में ईरान से 2.39 करोड़ टन तेल आयात किया था। इस लिहाज़ से इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान भारत को तेल निर्यात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया था। लेकिन ईरान जिन शर्तों और सहूलियतों के साथ भारत को तेल बेचता था, सऊदी अरामको भी उन्हीं शर्तों को मानेगा, इसकी संभावना बहुत कम है। ईरान भारतीय रिफाइनरीज़ को 60 दिनों का क्रेडिट और फ्रेट व इंश्योरेंस पर भी भारी डिस्काउंट देता था। दूसरी तरफ, सऊदी अरब भारत को तेल निर्यात करने पर एशियन प्रीमियम चार्ज करता है। एशियन प्रीमियम वह सर्वोच्च दर है जिस पर ओपेक देश एशियाई देशों को तेल मुहैया कराते हैं।
पनामा के पूर्व मंत्री सोशल डेमोक्रैट लॉरेंटिनो कोर्टिजो राष्ट्रपति चुनाव में विजयी हुए हैं। दरअसल, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच जीत का अंतर बहुत ही कम था जिसके चलते पनामा के चुनाव अधिकरण की ओर से परिणामों की घोषणा में विलंब हुआ। कुल लगभग 90.9 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें से 33 प्रतिशत मत पाकर कोर्टिजो सबसे आगे रहे। लॉरेंटिनो कोर्टिजो राष्ट्रपति जुआन कार्लोस वारेला की जगह लेंगे। पनामा के संविधान के अनुसार, एक व्यक्ति सिर्फ एक बार पाँच साल के कार्यकाल के लिये ही राष्ट्रपति बन सकता है। ज्ञातव्य है कि पनामा एक मध्य अमेरिकी देश है, जिसकी राजधानी पनामा सिटी है।
सिंगापुर ने फ़र्ज़ी खबरों (Fake News) पर रोक लगाने के लिये एक कानून पारित किया है। इसमें फेक न्यूज़ के प्रकाशन को अपराध करार देते हुए सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह इस तरह की सामग्री पर रोक लगाने और हटाने का आदेश दे सकती है। इसका उल्लंघन करने वालों को 10 साल तक की जेल की सज़ा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इसमें उन झूठी खबरों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जो सिंगापुर के लिये हानिकारक या चुनावों को प्रभावित कर सकती हैं। आपको बता दें कि दक्षिण-पूर्व एशिया में मलेशिया पहला ऐसा देश है जिसने फेक न्यूज़ को लेकर कानून लागू किया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने पहली बार नक्सल विरोधी मुहिम के लिये महिला डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (DRG) यूनिट का गठन किया है। महिलाओं के इस दस्ते का नाम दंतेश्वरी लड़ाके रखा गया है। महिला DRG की पहली टीम का गठन दंतेवाड़ा ज़िले में किया गया है। 30 महिलाओं की इस यूनिट का नेतृत्व डीएसपी दिनेश्वरी नंद को सौंपा गया है। इन महिलाओं को जंगल वॉर की पूरी ट्रेनिंग दी गई है। इस टीम में 10 ऐसी महिलाएँ शामिल हैं जो पहले नक्सली थीं और बाद में सरेंडर करके मुख्यधारा में शामिल हो गईं। DRG टीमों में आमतौर पर सरेंडर कर चुके नक्सलियों को शामिल किया जाता है, जिन्हें नक्सल कैंपों की अच्छी जानकारी रहती है।
भारत में कानून की शिक्षा के पितामह माने जाने वाले पद्मश्री से सम्मानित एन.आर. माधव मेनन का तिरुवनंतपुरम में 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने केरल विश्वविद्यालय से B.Sc. और BL की डिेग्री हासिल की। इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से MA और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सेLLM और PhD करने के बाद उन्होंने अध्यापन कार्य शुरू किया और 1960 में AMU में फैकल्टी के तौर पर शामिल हुए। 1965 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय का रुख किया और कैम्पस लॉ सेंटर के अगुआ बने। 1986 में उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आग्रह पर बंगलुरु में NLSIU की स्थापना की और 12 साल तक उसके संस्थापक कुलपति रहे। वह भोपाल की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के संस्थापक निदेशक भी थे। इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने 1994 में उन्हें ‘लीविंग लेजेंड ऑफ लॉ अवार्ड’ से सम्मानित किया था।
प्रख्यात अर्थशास्त्री और शिक्षाविद वैद्यनाथ मिश्र का 99 वर्ष की आयु में भुवनेश्वर में निधन हो गया। ओडिशा के सामाजिक विकास में दिया गया उनका योगदान अतुलनीय माना जाता है। उन्होंने लेक्चरर के रूप में अपने करियर की शुरुआत कटक के रावेनशॉ यूनिवर्सिटी से 1949 में की थी। बाद में उन्होंने ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी में काम किया। वह 1981 से 1985 के बीच यहाँ के कुलपति रहे। वैद्यनाथ मिश्र 1985 से 1990 के बीच राज्य योजना बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे।