भारतीय नौसेना के लिये मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा तैयार की गई स्कॉर्पीन वर्ग की चौथी पनडुब्बी वेला को 6 मई को लॉन्च किया गया। अब इस पनडुब्बी का बंदरगाह और समुद्र में कठिन परीक्षण और जाँच की जाएगी, उसके बाद ही इसे भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि स्कॉर्पीन वर्ग की छह पनडुब्बियों के निर्माण और तकनीक हस्तांतरण के लिये फ्राँस की कंपनी नेवल ग्रुप को सहयोगी कंपनी के रूप में ठेका दिया गया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड कर रही है। इस वर्ग की पनडुब्बियाँ किसी आधुनिक पनडुब्बी के सभी कार्य करने में सक्षम हैं, जिसमें एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन युद्ध शामिल है।
जापान की एक एयरोस्पेस स्टार्टअप कंपनी ने अंतरिक्ष में एक छोटे रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजी कारपोरेशन के मानवरहित मोमो-3 रॉकेट ने प्रशांत महासागर में गिरने से पहले 100 किलोमीटर से अधिक की ऊँचाई तय की। 10 मीटर लंबे और 50 सेंटीमीटर व्यास वाले इस रॉकेट का वज़न लगभग एक टन है और हल्के पेलोड (अंतरिक्ष उपकरण) को कक्षा में छोड़ने में सक्षम है। जापान में लाइवडोर कंपनी के पूर्व अध्यक्ष ताकाफुमी होरी द्वारा 2013 में स्थापित इस कंपनी का उद्देश्य उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिये कम लागत वाले व्यावसायिक रॉकेट बनाना है। वर्ष 2017 एवं 2018 में दो असफलताओं के बाद कंपनी को यह सफलता मिली। यह वाह्य अतंरिक्ष तक पहुँचने वाला जापान का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने संप्रभु इंटरनेट कानून (Digital Sovereignty Bill) पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। इसके कानून बन जाने के बाद विदेशी सर्वरों से आने वाले इंटरनेट ट्रैफिक को सरकारी सिस्टम से गुज़रना होगा। इसके तहत रूसी अधिकारियों का इंटरनेट शेष देश से अलग होगा। यह नया कानून रूस के ऑनलाइन नेटवर्क की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के मद्देनज़र बनाया गया है। यह कानून इस वर्ष नवंबर से प्रभावी होगा। इसमें इंटरनेट पर निगरानी रखने के लिये अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और रूसी इंटरनेट ट्रैफिक से विदेशी सर्वर को दूर रखा जाएगा। इसमें यह व्यवस्था की जाएगी कि अन्य देश इसे बाधित न कर सकें। रूस में इंटरनेट का नियंत्रण FSB सिक्योरिटी सर्विस और टेलीकॉम एंड मीडिया मॉनीटरिंग एजेंसी रोसकोमनाड़ज़ोर के पास है। जिन पर मनमाने ढंग से इंटरनेट से कंटेंट को गायब करने के आरोप है। रूस में हालिया वर्षों में डेलीमोशन वीडियो प्लेटफॉर्म, लिंक्डइन ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट और टेलीग्राम आदि के कंटेंट को ब्लॉक करने की घटनाएँ सामने आई हैं।
IIT गांधीनगर के शोधकर्त्ताओं ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जिससे गर्मी का मौसम आने से तीन महीने पहले ही जलाशय में भंडारण की शुरुआती स्थिति का पता चल जाता है। इस मॉडल के लिये देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलग्राही क्षेत्रों से आँकड़े एकत्र करके वर्षा, वायु और तापमान जैसे आँकड़ों का भी विश्लेषण किया गया। इसके बाद इन सभी के आधार पर तीन महीने पहले जलाशय भंडारण संबंधी विसंगतियों का पूर्वानुमान लगा सकने वाला एक सांख्यिकीय मॉडल विकसित किया गया। दैनिक वर्षा, अधिकतम और न्यूनतम तापमान के आँकड़े भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और साप्ताहिक जलाशय भंडारण के आँकड़े India-WRIS के डेटाबेस से लिये गए।
विश्व कप क्रिकेट के 12वें संस्करण के लिये श्रीलंका ने अपनी नई किट जारी की है। इस किट की खासियत टीम के खिलाड़ियों की जर्सी है, जिसमें इस बार शेर की आकृति और गहरे नीले रंग की जगह हल्का पीला और नीले रंग का शेड है और कछुए की आकृति बनी है। दरअसल इस जर्सी को चुनकर श्रीलंकाई टीम ने एक विशेष संदेश देने का प्रयास किया है। यह जर्सी समुद्र में फेंक दी गई प्लास्टिक को रिसाइकिल करके बनाई गई है। ध्यातव्य है कि समुद्र में रोज़ाना प्लास्टिक गिरने से समुद्री जीवों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। यदि इस प्लास्टिक को रिसाइकिल न किया जाए तो यह लंबे समय तक ऐसे ही पड़ी रहती है। जर्सी पर बनी कछुए की आकृति उन समुद्री जीवों और प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करती है जो प्लास्टिक उत्पादों के कारण संकटग्रस्त स्थिति में पहुँच गए हैं। इसीलिये श्रीलंका ने इस जर्सी को बनाकर दुनिया को ज़िम्मेदारी के साथ प्लास्टिक का इस्तेमाल करने का संदेश दिया है।