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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (6 March)
- 06 Mar 2019
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- अमेरिका ने भारत और तुर्की से जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेंज़ (GSP) कार्यक्रम के लाभार्थी का दर्जा वापस लेने की बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वहाँ की संसद को यह जानकारी दी। अमेरिकी कानून के मुताबिक यह बदलाव नोटिफिकेशन जारी होने के 2 महीने बाद लागू हो पाएंगे। गौरतलब है कि अमेरिका के GSP कार्यक्रम में शामिल देशों को विशेष तरजीह दी जाती है और अमेरिका इन देशों से एक तय राशि के आयात पर शुल्क नहीं लेता। GSP कार्यक्रम के तहत भारत को 5.6 अरब डॉलर (लगभग 40 हज़ार करोड़ रुपए) के एक्सपोर्ट पर छूट मिलती है। भारत GSP का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है और अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुसार, उन्हें भारत से यह भरोसा नहीं मिल पाया है कि वह अपने बाज़ार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा। भारत GSP के मापदंड पूरे करने में नाकाम रहा है। अमेरिका दुनिया के 120 विकासशील देशों को अपने यहाँ बिना किसी आयात शुल्क के सामान निर्यात करने की छूट देता है, जिसमें भारत भी शामिल है। यह सूची समय-समय पर बदलती रहती है।
- चीन ने इस वर्ष के लिये अपने रक्षा बजट में पिछले वर्ष की तुलना में साढ़े सात प्रतिशत की वृद्धि की है। 177.61 अरब डॉलर की यह भारी-भरकम राशि भारत के रक्षा बजट के मुकाबले तीन गुना अधिक है। विश्व में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट चीन का ही होता है। हाल के वर्षों में चीन ने अपनी सेना में कई बड़े सुधार किये हैं। इसके तहत उसने दूसरे देशों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिये नौसेना और वायुसेना को प्राथमिकता देते हुए उनका विस्तार किया है। इसके अलावा चीन ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की संख्या में भी तीन लाख तक की कमी की है। इसके बावजूद 20 लाख के संख्या बल के साथ यह अब भी दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। गौरतलब है कि भारत ने इस वर्ष अपना रक्षा बजट 6.87 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.18 लाख करोड़ रुपए रखा है।
- हाल ही में जारी विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में केवल 6 देशों में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हैं। इन देशों में बेल्जियम, डेनमार्क, फ्राँस, लातविया, लक्ज़मबर्ग और स्वीडन शामिल हैं। विश्व बैंक ने दुनिया के 187 देशों में हुए सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। Business and the Law 2019: A Decade of Reform रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों में भी महिलाओं की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। भारत को इस रिपोर्ट में 125वें स्थान पर रखा गया है और 71.25 अंकों के साथ वह अपने पड़ोसी देशों से बेहतर स्थिति में है| पाकिस्तान को 46.25, बांग्लादेश को 49.38, नेपाल को 53.13, श्रीलंका को 65.63, भूटान को 69.38 और म्यांमार को 56.25 अंक मिले हैं। यह रिपोर्ट महिलाओं के बाहर निकलने की आज़ादी, नौकरी की स्वतंत्रता, पुरुषों के समान वेतन, विवाह के बाद महिलाओं की कानूनी और आर्थिक स्थिति, नौकरी के दौरान गर्भावस्था में और बच्चे को जन्म देने के दौरान मिले अधिकार, महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने की आज़ादी तथा समान पेंशन के संकेतकों के आधार पर तैयार की गई है।
- प्रधानमंत्री श्रम मान धन योजना की औपचारिक लॉन्चिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च को गुजरात में की। इस योजना से जुड़ने वालों को 60 साल की उम्र के बाद 3 हज़ार रुपए की पेंशन मिलेगी। यह योजना प्रमुख रूप से असंगठित क्षेत्र के कामगारों को लक्षित करके बनाई गई है। योजना के तहत पंजीकरण का काम 15 फरवरी से शुरू हो चुका है। इस योजना के लिये अंतरिम बजट में 500 करोड़ रुपए की राशि भी आवंटित की गई है। इस योजना की प्रमुख विशेषताएँ निम्नानुसार हैं:
♦ 40 साल तक के कामगार इस योजना के लिये पंजीकरण करवा सकते हैं।
♦ 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद पंजीकृत व्यक्ति को 3 हजार रुपए की पेंशन हर महीने मिलेगी।
♦ योजना में हर महीने 15 हजार रुपए तक कमाने वाले अंसगठित क्षेत्र के कामगार शामिल होंगे।
♦ न्यूनतम 18 साल की उम्र में इस योजना में शामिल होने पर हर महीने सिर्फ 55 रुपए और 40 साल में शामिल होने पर 200 रुपए जमा करने होंगे। यह धनराशि 60 साल की उम्र तक देनी होगी।
♦ जितनी रकम पंजीकृत व्यक्ति देगा उतनी की रकम सरकार भी देगी, लेकिन इसके लिये आधार कार्ड और बैंक में अकाउंट होना जरूरी है।
♦ इस योजना में रेहड़ी वाले, रिक्शा चलाने वाले, कंस्ट्रक्शन मज़दूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इस तरह के काम-धंधों से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं।
♦ राष्ट्रीय पेंशन योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना या फिर कर्मचारी भविष्य निधि योजना में आने वाले लोग तथा आयकर भरने वाले भी इसमें हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
♦ इस स्कीम के लिये सरकार एक पेंशन फंड बनाएगी और इस फंड के ज़रिये ही सभी को पेंशन दी जाएगी।
♦ यदि योजना के दौरान किसी सदस्य का निधन हो जाता है तो उसकी पत्नी स्कीम में योगदान देकर इसको जारी रख सकती है।
♦ किसी सदस्य के निधन पर उसकी पत्नी या पति योजना से बाहर होना चाहता है तो जमा कराई गई कुल रकम ब्याज के साथ वापस ली जा सकती है।
♦ पेंशन शुरू होने के बाद किसी सदस्य का निधन होने पर पति या पत्नी को पेंशन की 50% रकम मिलेगी।
- हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने पंजाब प्रांत में 53 संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है। कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव झेल रही पाकिस्तान सरकार ने पंजाब प्रांत में आतंकी संगठनों का समर्थन करने के आरोप में यह कार्रवाई की है। पाकिस्तान सरकार के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण (NCTA) की वेबसाइट के मुताबिक जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत आतंकवाद रोधी अधिनियम 1997 के तहत जनवरी 2017 में निगरानी सूची में रखे गए थे। 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया। आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने, उनके वित्तपोषण पर अंकुश लगाने और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को लागू करने के लिये पाकिस्तान ने एक कानून का एलान किया। पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (धन-संपत्ति पर रोक और ज़ब्ती) आदेश 2019 जारी किया। इसका उद्देश्य आतंकवादी घोषित व्यक्तियों और संगठनों के विरुद्ध सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को लागू करने की प्रक्रिया को सुचारु बनाना है।
- ब्रिटेन सरकार ने 2030 तक ‘पीरियड पावर्टी’ खत्म करने के लिये दुनियाभर के संगठनों को सहायता हेतु दो मिलियन पाउंड देने की घोषणा की है। ब्रिटेन में इस समस्या से निपटने के लिये नए आइडियाज़ को सामने लाने हेतु सरकारी विभागों, व्यवसायों, चैरिटी और निर्माताओं से जुड़े कार्यबल बनाने के लिये भी 250,000 पाउंड देने की घोषणा की गई। देखने में आया है कि कई देशों में लड़कियाँ पीरियड्स के दौरान स्कूल छोड़ने के लिये विवश हो जाती हैं और पुराने कपडे और कागज़ का इस्तेमाल करती हैं। दक्षिण सूडान में 83% स्कूली लड़कियाँ ऐसा करने को विवश हैं। हाल ही में नेपाल में पीरियड्स के दौरान कुछ लड़कियों और महिलाओं को अलग झोंपड़ी में रहने को विवश करने की घटनाएँ सामने आईं। इस अभियान का उद्देश्य पीरियड्स से जुडी भ्रांतियों को कम करना है। यह एक वैश्विक मुद्दा है।
- अमेरिका के बाद रूस ने भी परमाणु हथियार संधि (Intermediate Nuclear Force) से बाहर आने का फैसला किया है। रूस ने यह कदम 1987 की परमाणु संधि से अमेरिका के बाहर आने के बाद उठाया है। रूस ने अमेरिका पर पूर्वी यूरोप में मिसाइल रक्षा सुविधाओं को तैनात करने के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए परमाणु हथियार संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित करने का फैसला किया। मध्यवर्ती दूरी की परमाणु मिसाइलों पर रोक लगाने वाली 32 वर्ष पुरानी इस संधि पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने 8 दिसंबर,1987 को अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में हस्ताक्षर किये थे। इसीलिये इसे ‘वॉशिंगटन निरस्त्रीकरण संधि’ के नाम से भी जाना जाता है। 1 जुलाई 1988 को मॉस्को में अंतिम दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर के साथ यह संधि प्रभावी हुई थी। गौरतलब है कि यह संधि सतह से छोड़ी जा सकने वाली ऐसी सभी परमाणविक मिसाइलों के साथ गैर-परमाणविक मिसाइलों पर भी रोक लगाती है, जिनकी मारक दूरी 500 से 5500 किलोमीटर के बीच है। लेकिन समुद्र से छोड़ी जा सकने वाली ऐसी ही प्रणालियाँ इस संधि के दायरे में नहीं आतीं।
- अमेरिका के इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट और उसके सहयोगी संस्थानों के शोधकर्त्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण के बढ़ने की वज़ह से श्वास संबंधी बीमारियाँ भी बढ़ रही हैं। इससे देश को वार्षिक 30 अरब डॉलर (लगभग 2.1 लाख करोड़ रुपए) की क्षति होती है। इस अध्ययन के ज़रिये पहली बार उत्तर भारत में पराली जलाने से स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नुकसान की चर्चा की गई है। गौरतलब है कि वायु की खराब गुणवत्ता विश्वभर में स्वास्थ्य से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है।