1 मार्च को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अबु धाबी में आयोजित ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की बैठक में हिस्सा लिया और अपने संबोधन में आतंकवाद पर करारा प्रहार किया। गौरतलब है कि OIC की बैठक में भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर का दर्जा दिया गया है, जबकि भारत इस संगठन का सदस्य नहीं है। भारत को आमंत्रित करने के विरोध में पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इस बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी विदेश मंत्रियों की काउंसिल में शामिल नहीं हुए। यह फैसला भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर बनाए जाने के विरोध में लिया गया। OIC काउंसिल में 57 इस्लामिक देश सदस्य हैं और इससे पहले तक पाकिस्तान के विरोध के चलते OIC की बैठक में भारत को शामिल नहीं किया जाता था।
2 मार्च को आयोजित RECP (क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी) की सातवीं अंतर-सत्र मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने किया। कंबोडिया के सिएम रीप में हुई इस बैठक की अध्यक्षता थाईलैंड के कार्यवाहक वाणिज्य मंत्री चूटीमां बुलियाप्रफासारा ने की। इस बैठक में सिंगापुर में 14 नवंबर, 2018 को आयोजित RECP की बैठक के बाद हुई प्रगति, 25-26 जनवरी, 2019 को विशेष व्यापार वार्ता समिति की इंडोनेशिया के जकार्ता में हुई दूसरी बैठक तथा 19 से 28 फरवरी, 2019 तक इंडोनेशिया के बाली में हुई इससे संबंधित 25वीं RECP और व्यापार वार्ता समिति की अन्य बैठकों के परिणामों की समीक्षा की गई। गौरतलब है कि RECP एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौता है जिसके लिये 16 देशों के बीच वार्ताएं चलती रहती हैं। इन 16 देशों में आसियान के 10 देश ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) और उनके छह FTA (मुक्त व्यापार समझौता) साझेदार देश- ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूज़ीलैंड शामिल हैं। आपको यह भी बता दें कि RECP वार्ताओं के छठे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। बीते पाँच वर्षों के दौरान विशेषज्ञ स्तर की 24 दौर की वार्ताएँ हो चुकी हैं। इन वार्ताओं का आखिरी दौर 18-27 अक्तूबर, 2018 तक न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड में संपन्न हुआ था। RECP की अब तक छह अंतर-मंत्रिस्तरीय और सात अंतर-सत्र मंत्रिस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। छठी मंत्रिस्तरीय बैठक 30-31 अगस्त 2018 को सिंगापुर में और सातवीं अंतर-सत्र मंत्रिस्तरीय बैठक 12-13 नवंबर, 2018 को सिंगापुर में हुई थी।
केंद्र सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 के अनुच्छेद 2 की उप-धारा (V) के तहत व्यक्ति की परिभाषा को संशोधित कर उसके स्थान पर ट्रस्ट को शामिल करने के लिये इस अधिनियम में संशोधन हेतु अध्यादेश लाने का फैसला किया है। नई व्यवस्था होने से किसी भी ट्रस्ट को विशेष आर्थिक क्षेत्र में इकाई स्थापित करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार को समय-समय पर अधिसूचना जारी कर अपने हिसाब से किसी भी इकाई को ‘व्यक्ति’ के रूप में परिभाषित करने की सुविधा भी मिल जाएगी। गौरतलब है कि वर्तमान में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) अधिनियम, 2005 के तहत किसी भी ट्रस्ट को SEZ में इकाई लगाने की अनुमति नहीं है। इस संशोधन से विशेष आर्थिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
लापता और शोषित बच्चों के बारे में ऑनलाइन जानकारी तक पहुँच बनाने के लिये भारत और अमेरिका ने एक समझौता किया है। इस पर भारत की ओर से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और अमेरिका की ओर से नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लायटेड चिल्ड्रन (NCMEC) ने हस्ताक्षर किये। यह समझौता अमेरिका के NCMEC के पास उपलब्ध एक लाख से अधिक ऑनलाइन रिपोर्टों तक पहुँच और भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अधिकार प्रदान करेगा। इससे अश्लील बाल-साहित्य और बच्चों के यौन उत्पीड़न संबंधी सामग्री के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान के लिये एक नए तंत्र की स्थापना हो सकेगी और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। यह समझौता कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अश्लील बाल-साहित्य और बच्चों के यौन उत्पीड़न संबंधी सामग्री को साइबर स्पेस से हटाने का अधिकार प्रदान करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अरावली व शिवालिक पहाड़ियों में निर्माण कार्य की अनुमति देने से संबंधित हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित संशोधित नए कानून को लागू करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह संशोधित कानून की प्रति कोर्ट में पेश करे और फिलहाल इस कानून के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं करे। सुप्रीम कोर्ट ने 60 हज़ार एकड़ वन क्षेत्र में निर्माण की इज़ाजत देने वाला इस कानून को न्यायालय की अवमानना बताया। गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने 27 फरवरी को हरियाणा विधानसभा में पंजाब भूमि परिरक्षण संशोधन विधेयक, 2019 पारित कर अरावली संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण के एक बड़े हिस्से को वैध बनाने और इस क्षेत्र में पेड़ काटने और निर्माण करने की अनुमति दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों के तहत अरावली के संरक्षित वन क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण या खनन के अनुमति नहीं है।
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दिव्यांगजन खेल-कूद केंद्र स्थापित करने की मंज़ूरी दे दी है। इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत किया जाएगा और इसका नाम दिव्यांगजन खेल-कूद केंद्र, ग्वालियर होगा। इस केंद्र को लगभग 170.99 करोड़ रुपए की लागत से पाँच वर्षों में निर्मित किया जाएगा। इस केंद्र द्वारा खेल-कूद के लिये बेहतर बुनियादी ढाँचा तैयार किये जाने से विभिन्न खेलों में दिव्यांगजनों की प्रभावी प्रतिभागिता सुनिश्चित होगी और वे राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा के लिये अधिक सक्षम होंगे। गौरतलब है कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा-30 के तहत सरकार द्वारा खेलों में दिव्यांजनों की प्रभावी प्रतिभागिता सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें अन्य बातों के साथ उनके खेल-कूद के लिये ढाँचागत सुविधाओं के प्रावधान भी शामिल हैं।
अजय नारायण झा को 15वें वित्त आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। उन्होंने शक्ति कांत दास की जगह ली है, जिन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक का गर्वनर नियुक्त होने पर वित्त आयोग की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वित्त आयोग में शामिल होने से पहले 1982 बैच के मणिपुर कैडर के IAS अजय नारायण झा भारत सरकार के वित्त सचिव थे। वह RBI के पूर्व गर्वनर की अध्यक्षता में 14वें वित्त आयोग के सचिव पद पर भी रह चुके हैं। विदित हो कि राष्ट्रपति के आदेश से 5 वर्षों की अवधि यानी अप्रैल 2020 से मार्च 2025 के लिये केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व बंटवारे का फार्मूला तय करने के लिये 15वें वित्त आयोग का गठन नवंबर 2017 में एन.के. सिंह की अध्यक्षता में किया गया था।
अंतरिक्ष के मौसम की जानकारी प्राप्त करने के लिये अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक नया मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है। पृथ्वी के चारों ओर अंतरिक्ष की मौसम प्रणाली को समझने के लिये लगभग 4 करोड़ डॉलर की लागत वाले इस मिशन का नाम एटमोस्फेरिक वेव्स एक्सपेरिमेंट (AWE) रखा गया है। 2022 में लॉन्च किया जा यहाँ से यह मिशन पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद प्रकाश के कलर्ड बैंड पर फोकस करेगा जिसे एयरग्लो कहा जाता है।
अमेरिकी ऊर्जा विभाग की राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई प्रक्रिया का विकास किया है जिसकी मदद से पॉलिएस्टर मैटेरियल से बनाई जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों, फाइबर आदि को पुनःचक्रित (Recycled) किया जा सकेगा। अभी इनको एक बार इस्तेमाल करके फेंक दिया जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के खराब हो जाने पर उससे कई उपयोगी चीज़ें तैयार की जा सकेंगी। इससे प्लास्टिक के उत्पादन में कमी आएगी और महासागरों में बढ़ते जा रहे प्लास्टिक कचरे की समस्या को कम करने में भी मदद मिल सकेगी। इस प्रक्रिया में PET के जीवनकाल में वृद्धि की जाती है और इसे पुनःचक्रित किया जाता है।