केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के लिये एक नया रेल मंडल बनाने की घोषणा की है। नए मंडल का नाम दक्षिण तटीय रेलवे (SCOR) रखा गया है। इसमें मौजूदा गुंतकल, गुंटूर और विजयवाड़ा डिवीज़न शामिल होंगे। वाल्टेयर डिवीजन को दो भागों में बाँटा जाएगा। वाल्टेयर डिवीजन के एक हिस्से को नए मंडल यानी दक्षिण तटीय रेलवे में शामिल करके पड़ोसी विजयवाड़ा डिवीज़न में मिला दिया जाएगा। वाल्टेयर डिवीजन के बाकी हिस्से को एक नए डिवीज़न में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इसका मुख्यालय पूर्वी तटीय रेलवे के अधीन रायगढ में होगा। दक्षिण-मध्य रेलवे में हैदराबाद, सिकंद्राबाद और नांदेड़ डिवीज़न शामिल होंगे। इस समय देश में 17 रेलवे मंडल (Zone) काम कर रहे हैं।
केंद्र सरकार संविधान (जम्मू-कश्मीर में लागू होने के लिए) संशोधन आदेश, 2019 के माध्यम से संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू होने के लिए) आदेश, 1954 में संशोधन के संबंध में जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इससे राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 370 की धारा (1) के अंतर्गत जारी संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू होने के लिए) संशोधन आदेश, 2019 द्वारा संविधान (77वां संशोधन) अधिनियम, 1955 तथा संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 से संशोधित भारत के संविधान के प्रासंगिक प्रावधान लागू होंगे। यह आदेश सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों को पदोनत्ति लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगा और जम्मू-कश्मीर में सरकारी रोजगार में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ प्रदान करेगा। गौरतलब है कि संविधान (77वां संशोधन) अधिनियम, 1955 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 की धारा 4 के बाद धारा (4ए) जोड़कर लागू किया गया था, जिसमें सेवा में अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों को पदोन्नति लाभ देने का प्रावधान है।
केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिये फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को मंज़ूरी दे दी है। कुल 10 हज़ार करोड़ रुपए लागत वाली यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से तीन वर्षों के लिये शुरू की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इसके लिये लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में शुरुआती स्तर पर प्रोत्साहन राशि देने तथा ऐसे वाहनों की चार्जिंग के लिये पर्याप्त आधारभूत ढाँचा विकसित करना भी इसके उद्देश्यों में शामिल है। यह योजना पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन सुरक्षा जैसी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में की गई एक पहल है। आपको बता दें कि यह योजना मौजूदा ‘फेम इंडिया वन’ का विस्तारित संस्करण है। फेम इंडिया योजना का पहला चरण 1 अप्रैल, 2015 को लागू किया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक ऑफ जापान ने भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय विनिमय व्यवस्था समझौते को अमलीजामा पहनाने का काम पूरा कर लिया है। यह समझौता 28 फरवरी से प्रभावी हो गया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले वर्ष जापान यात्रा के दौरान यह समझौता हुआ था। इसके तहत अब 75 बिलियन डॉलर करेंसी स्वैप (अदला-बदली) करना संभव हो सकेगा, जबकि इससे पहले समझौते में यह सीमा 50 अरब डॉलर थी। भारत भुगतान संतुलन के उपयुक्त स्तर को बनाए रखने अथवा अल्प अवधि की नकदी को बनाए रखने के उद्देश्य से अपनी घरेलू मुद्रा के लिये 75 अरब डॉलर की राशि तक पहुँच बना सकता है। वर्तमान में भारत के पास पर्याप्त मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार है। यदि किसी समय उसे ऐसा लगता है कि समझौते के तहत उपलब्ध संसाधनों के इस्तेमाल की आवश्यकता है, तो यह समझौता इस राशि के इस्तेमाल के लिये भारत को लचीलापन प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत बनाने के उद्देश्य से इंडिया-कोरिया स्टार्ट-अप हब और स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत की। इंडिया-कोरिया स्टार्ट-अप हब डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म पर शुरू किया गया है। इसमें तीन लाख से अधिक स्टार्ट-अप्स और आकांक्षी उद्यमियों ने पंजीकरण कराया है। यह हब भारत और विश्व के अन्य देशों के बीच नवाचार साझा करने और संसाधन संपन्न बाज़ारों तक पहुँच उपलब्ध कराएगा। स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज भारत और दक्षिण कोरिया के स्टार्ट-अप्स के बीच उद्यमिता कौशल का मार्ग प्रशस्त करेगा, ताकि वे विश्व के सामने मौजूद चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिये मिलकर काम कर सकें। ये मुख्य रूप से वित्तीय साख, आर्थिक अनुमानों, धोखाधड़ी की पहचान, साइबर सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। गौरतलब है कि सियोल में इन्वेस्ट इंडिया और कोरियाई उद्योग और वाणिज्य मंडल (KCCI) की ओर से 21 फरवरी को भारत-कोरिया व्यापार संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया था।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाईक ने गाजियाबाद में राष्ट्रीय यूनानी औषधि संस्थान (NIUM) की आधारशिला रखी। यह संस्थान वर्तमान NIUM, बंगलुरू का विस्तार होगा और लगभग 300 करोड़ रुपए की लागत से 10 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा। 200 बिस्तरों वाला अस्पताल बन जाने के बाद NIUM, गाजियाबाद उत्तरी भारत के सबसे बड़े यूनानी औषधि संस्थानों में से एक होगा। स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के अलावा, NIUM में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और स्नातकोत्तर तथा पीएच.डी. स्तरों पर शिक्षा प्रदान करने की सुविधा भी होगी।
नवीनतम उपलब्ध प्रौद्योगिकीय नवाचारों के बारे में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) में जागरूकता बढ़ाने और प्रतिस्पर्द्धा तथा अवसरों का सृजन करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में उन्हें संवेदनशील बनाने के लिये MSME मंत्रालय ने नई दिल्ली में तकनीकी, प्रौद्योगिकी सहायता और आउटरीच (टेक-सोप 2019) पर एक कार्यक्रम आयोजित किया। आपको बता दें कि टेक-सोप 2019 MSME और प्रौद्योगिकी नवाचारों के मध्य अंतर को पाटने वाली एक पहल है ताकि वे इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर वैश्विक मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ सकें।
तेल क्षेत्र के नियामक पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) के 10वें सिटी गैस नीलामी चक्र में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल वितरण कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को 10 शहरों के लिये गैस रिटेलिंग लाइसेंस मिला है, जिनमें से अधिकांश शहर बिहार और झारखंड के हैं। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को नौ शहरों के लिये लाइसेंस मिले हैं, जो उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हैं। एलएनजी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और एटलांटिक गल्फ एंड पैसिफिक कंपनी ऑफ मनीला के एक कंसोर्टियम को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के नौ शहरों के लिये गैस आपूर्ति लाइसेंस मिला है। गुजरात गैस लिमिटेड को छह शहरों के लिये और गेल इंडिया की सहायक इकाई गेल गैस लिमिटेड को चार शहरों के लिये लाइसेंस मिले हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और टोरेंट गैस को तीन-तीन शहरों के लिये लाइसेंस मिला। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी भारत गैस रिसोर्सेज़ लिमिटेड और अडानी गैस को दो-दो शहरों के लिये लाइसेंस मिला है। 10वें नीलामी चक्र में 50 भौगोलिक क्षेत्रों के तहत देश के 124 ज़िले आते हैं। गौरतलब है कि लाइसेंस पाने वाली कंपनियाँ वाहनों के लिये CNG और घरेलू उपयोग के लिये PNG की आपूर्ति करेंगी।
असम सरकार ने एक योजना शुरू की है जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों के लिये अपने वयोवृद्ध माता-पिता और अविवाहित दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल करना अनिवार्य किया गया है। हाल ही में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने असम कर्मचारी माता-पिता ज़िम्मेदारी और जवाबदेही एवं निगरानी नियम (PRANAM) आयोग का उद्घाटन किया। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी ज़रूरत के समय अपने वृद्ध माता-पिता और अविवाहित भाई-बहन को अनदेखा नहीं करे तथा उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करे, यदि उनके पास अपनी आय का कोई स्रोत नहीं है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष प्रणाम अधिनियम को मंज़ूरी दी थी, जो देश में अपनी तरह का पहला अधिनियम है।
केंद्र सरकार ने हरियाणा के रेवाड़ी जिले के मनेथी में 1299 करोड़ रुपए की लागत से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की स्थापना को मंज़ूरी दी है। प्रस्तावित संस्थान में 750 बिस्तरों का एक अस्पताल होगा, जिसमें आपातकालीन चिकित्सा/ट्रॉमा बेड, आयुष बेड, निजी बेड तथा ICU स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी बेड शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, एक मेडिकल कॉलेज, आयुष ब्लॉक, ऑडिटोरियम, नाइट शेल्टर (रात में रुकने का स्थान), अतिथि गृह, छात्रावास तथा आवासीय सुविधाएँ होंगी। इसके रखरखाव तथा देखभाल के लिये 6 नए एम्स की तर्ज़ पर एक्सपर्ट मैन पावर का सृजन किया जाएगा। इस एम्स के निर्माण और संचालन का खर्च केंद्र सरकार द्वारा PMSSY के अंतर्गत वहन किया जाएगा।